नई दिल्ली: सोमवार को संसद से चुनाव आयोग (ECI) तक विपक्ष के तय किए गए मार्च में कई नाटकीय दृश्य देखने को मिले—मल्लिकार्जुन खरगे और शरद पवार ने मुट्ठी भींचकर नारे लगाए, अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा और सुष्मिता देव पुलिस बैरिकेड पार करते दिखे और राहुल गांधी बेहोश हुई तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद मिताली बाग की मदद के लिए दौड़े.
यह विरोध प्रदर्शन स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) ऑफ इलेक्टोरल रोल्स समेत कई मुद्दों पर था, लेकिन संसद मार्ग पर ट्रांसपोर्ट भवन के पास दिल्ली पुलिस के बैरिकेड पर रुक गया.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) मधुप तिवारी ने बताया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे समेत कई दलों के सांसदों को हिरासत में लेकर पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने ले जाया गया.
ECI ने जगह की कमी का हवाला देते हुए विपक्षी दलों के केवल 30 नेताओं से मिलने की सहमति जताई, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष का कहना है कि “सभी सांसद एक साथ” मिलना चाहते हैं.
कांग्रेस के राज्यसभा चीफ व्हिप जयराम रमेश ने 10 अगस्त को ECI को लिखा, “सांसद एक साथ मिलकर कई मुद्दों पर बात करना चाहते हैं, जिनमें बिहार में चल रही और अन्य राज्यों में प्रस्तावित मतदाता सूची की विशेष समीक्षा भी शामिल है. हमें उम्मीद है कि आयोग से यह मुलाकात हमारी संसदीय परंपरा के अनुसार होगी.”

इसके तहत विपक्षी सांसद, जिनमें अब AAP भी शामिल थी जो INDIA गठबंधन से बाहर हो चुकी है, सुबह 11 बजे संसद परिसर में इकट्ठा हुए और 11:30 बजे ECI की ओर मार्च शुरू किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें ट्रांसपोर्ट भवन के पास रोक दिया.
पुलिस वाहन में बैठे राहुल गांधी ने कहा, “हकीकत यह है कि हम बोल नहीं सकते, लेकिन सच देश के सामने है. यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, संविधान बचाने की है—एक व्यक्ति, एक वोट की है. इसलिए सटीक मतदाता सूची ज़रूरी है.”
बाद में एक्स पर राहुल ने लिखा, “आज जब हम चुनाव आयोग से मिलने जा रहे थे, INDIA गठबंधन के सभी सांसदों को रोककर हिरासत में लिया गया. वोट चोरी का सच अब देश के सामने है…संयुक्त विपक्ष और देश का हर मतदाता साफ और पारदर्शी मतदाता सूची की मांग करता है और हम यह अधिकार हर हाल में लेंगे.”
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को भी हिरासत में लिया गया. पुलिस वाहन में उन्होंने संविधान की प्रति उठाकर मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाए.

अखिलेश यादव ने मोदी सरकार और ECI के खिलाफ पोस्टर थामे संसद मार्ग पर बैरिकेड फांदा, जिस पर समर्थक और सपा सांसद उन्हें प्रोत्साहित करते दिखे. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, सुष्मिता देव, और कांग्रेस की जोथिमणि व संजना जातव ने भी बैरिकेड पार किया.
भीड़ में टीएमसी सांसद मिताली बाग बेहोश हो गईं. राहुल गांधी सहित अन्य सांसद तुरंत उनकी मदद के लिए पहुंचे. थोड़ी देर मार्च करने के बाद खरगे और एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार को सड़क पर रखी कुर्सियों पर बैठा दिया गया. उनके आसपास कांग्रेस की कुमारी शैलजा सहित कई सांसद जमा हो गए.
दोनों वरिष्ठ नेता लगातार मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाते रहे.
कई नेता पुलिस थाने में ही रहे, जबकि दोपहर 2 बजे संसद की कार्यवाही शुरू हो गई. पुलिस स्टेशन से रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि संसद की कार्यवाही विपक्षी सांसदों के बिना ही शुरू हो गई, जबकि वे अभी भी हिरासत में थे.
राज्यसभा की कार्यवाही 3 बजे शुरू होने पर खरगे ने मतदाता सूची का मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन सत्तापक्ष के सांसदों ने विरोध किया.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘अब युवाओं को मिले मौका’—आनंद शर्मा ने कांग्रेस के विदेश मामलों के विभाग प्रमुख पद से दिया इस्तीफा