नई दिल्ली: कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. यहां भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केरल भाजपा प्रमुख के. सुरेंद्रन ने अनिल को पार्टी में शामिल कराया.
शामिल होने के बाद अनिल एंटनी ने संवाददाताओं से कहा, “प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता का मानना है कि वे एक परिवार के लिए काम कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “बहु-ध्रुवीय दुनिया में भारत को आगे लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है.”
#WATCH | Congress leader & former Defence minister AK Antony’s son, Anil Antony joins BJP in Delhi pic.twitter.com/qJYBe40xuY
— ANI (@ANI) April 6, 2023
अनिल ने जनवरी में कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2002 के गुजरात दंगों को लेकर बीबीसी के दो-भाग के डॉक्युमेंट्री की आलोचना करने वाले एक ट्वीट को लेकर कथित तौर पर उन्हें निशाना बनाया गया था. पीएम मोदी उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री थे.
अपने त्याग पत्र में, अनिल ने कहा था कि गांधी “केवल चाटुकारों और चमचों के झुंड के साथ काम करने के इच्छुक हैं” जो “निर्विवाद रूप से” उनके “इशारे पर” काम करने के लिए उपलब्ध रहें.
Despite large differences with BJP, I think those in 🇮🇳 placing views of BBC, a 🇬🇧 state sponsored channel with a long history of 🇮🇳 prejudices,and of Jack Straw, the brain behind the Iraq war, over 🇮🇳 institutions is setting a dangerous precedence,will undermine our sovereignty.
— Anil K Antony (@anilkantony) January 24, 2023
उन्होंने अपने त्याग पत्र में लिखा था, “यह (चाटुकारिता) योग्यता का अकेला मानदंड बन गया है. अफसोस की बात है कि हमारे विचार बहुत ज्यादा मिलते नहीं हैं”
हालांकि, उस समय अनिल ने कहा था कि वह केवल कांग्रेस और पार्टी पद छोड़ेंगे. उस समय दिप्रिंट को दिए एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा था कि वह “बिल्कुल कांग्रेसी हैं.” उन्होंने यह भी कहा था कि उनका कोई भी फैसला उनके पिता की राजनीतिक विरासत को प्रभावित नहीं करेगा.
अपने पिता द्वारा पूर्व में बताए गए रुख को दोहराते हुए, अनिल ने यह भी कहा था कि अगर कांग्रेस बहुसंख्यक हिंदू समुदाय को अपने पाले में नहीं लाती है तो वह दिल्ली की सत्ता में वापस नहीं आएगी.
तकनीकी उद्यमी के रूप में पहचान रखने वाले अनिल 2019 में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए, जब उन्हें शशि थरूर के नेतृत्व में केरल में कांग्रेस का डिजिटल मीडिया सेल संयोजक बनाया गया.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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