scorecardresearch
Wednesday, 6 November, 2024
होमराजनीतिमहाराष्ट्र में एनसीपी-भाजपा की सरकार बनने पर शिवसेना ने कहा- अजीत पवार ने जनता की पीठ में छूरा घोंपा

महाराष्ट्र में एनसीपी-भाजपा की सरकार बनने पर शिवसेना ने कहा- अजीत पवार ने जनता की पीठ में छूरा घोंपा

शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है. यह राकांपा का फैसला नहीं है. हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते.’

Text Size:

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह अजित पवार का निजी फैसला है, न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का.

शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है. यह राकांपा का फैसला नहीं है. हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते.’

अजीत पवार ने महाराष्ट्र के लोगों के पीठ में छूरा घोंपा

इस पूरे घटनाक्रम पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ये पूरे महाराष्ट्र और शिवाजी महाराज के साथ किया गया धोखा है.

राउत ने कहा कि इससे शरद पवार का कोई लेना देना नहीं है. अजीत पवार ने महाराष्ट्र की जनता के पीठ में खंज़र घोंपा है. उन्होंने कहा, ‘कल 9 बजे तक ये महाशय (अजीत पवार) हमारे साथ बैठे थे, अचानक से गायब हो गए बाद में, वो नज़र से नज़र मिला कर बात नहीं कर रहे थे, उससे हमें शक भी हुआ था.’

राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार एक दूसरे के संपर्क में हैं. दोनों नेता आज मुलाकात करेंगे. दोनों मीडिया से भी बात कर सकते हैं. लेकिन तथ्य ये है कि अजीत पवार और जो विधायक उनके साथ हैं उन्होंने महाराष्ट्र और शिवाजी महाराज का अपमान किया है.

महाराष्ट्र में जनादेश से विश्वासघात हुआ, लोकतंत्र की सुपारी दी गयी

कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने को जनादेश के साथ विश्वासघात और लोकतंत्र की सुपारी देना करार दिया है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘मुझे मत देखो यूं उजाले में लाकर, सियासत हूं मैं, कपड़े नहीं पहनती. इसे कहते हैं: जनादेश से विश्वासघात, लोकतंत्र की सुपारी.’

इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा को तीन दिनों के भीतर बातचीत पूरी कर लेनी चाहिए थी.

सिंघवी ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र के बारे में पढ़कर हैरान हूं. पहले लगा कि यह फर्जी खबर है. निजी तौर पर बोल रहा हूं कि तीनों पार्टियों की बातचीत तीन दिन से ज्यादा नहीं चलनी चाहिए थी. यह बहुत लंबी चली. मौका दिया गया तो फायदा उठाने वालों ने इसे तुरंत लपक लिया.’

उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार पर तंज कसते हुए कहा, ‘पवार जी तुस्सी ग्रेट हैं. अगर यही सही है तो आश्चर्यजनक है. अभी यकीन नहीं है.’

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार सुबह देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ दिलाई.

महाराष्ट्र में तड़के 5:47 बजे हटा राष्ट्रपति शासन

महाराष्ट्र में शनिवार तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बाद भाजपा-राकांपा सरकार ने प्रभार संभाला.

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति शासन को समाप्त करने की घोषणा की.

इस आशय का राज-पत्र केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर जारी किया.

कोविंद द्वारा हस्ताक्षरित राज-पत्र के अनुसार, ‘संविधान के अनुच्छेद 356 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुसार, मैं भारत का राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, मेरे द्वारा 12 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र राज्य के संबंध में की गई घोषणा को निरस्त करता हूं, जो 23 नवंबर 2019 से प्रभावी है.’

राष्ट्रपति शासन हटने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फड़णवीस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार ने महाराष्ट्र के क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के 18 दिन बाद भी कोई राजनीतिक हल नहीं निकल सकने की स्थिति में 12 नवंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था.

share & View comments