नई दिल्ली: जहांगीरपुरी में विध्वंस से प्रभावित परिवारों से नेताओं का मिलना जारी है. कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल जनरल सेक्रेटरी अजय माकन के नेतृत्व में, जहांगीरपुरी में कल हुए विध्वंस अभियान से प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंचा. इसके अलावा कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी भी मौके पर जा रहे हैं, जिसकी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपेंगे.
वहीं विध्वंस के दिन माकपा नेता बृंदा करात और उसके बाद एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे थे. बृंदा करात ने विध्वंस की कार्रवाई को रुकवा दी थी.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, ‘मैं आप सबसे कहना चाहता हूं कि कृपया इस प्रक्रिया को धर्म के चश्मे से न देखें. ये सिर्फ गरीब के पेट पर लात मारी गई है. ये इसलिए हुआ है क्योंकि हमारे देश में बेरोज़गारी-महंगाई से सबसे ज्यादा पीड़ित गरीब हैं, उनका ध्यान भटकाने और उन्हें धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश हुई है.
ऐसा लगता ही नहीं है कि देश में कानून का राज है। कानून ये इजाज़त नहीं देता कि बिना नोटिस दिए किसी के घर को गिराया जाए। मेरे पास कोर्ट का 2019 का भी आदेश है जिसमें कहा गया है कि किसी को बिना नोटिस दिए उसका घर नहीं गिराया जा सकता है तो फिर कल यहां ऐसा क्यों हुआ?: अजय माकन, कांग्रेस pic.twitter.com/iCyBs2jm6D
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 21, 2022
माकन ने कहा, ‘ऐसा लगता ही नहीं है कि देश में कानून का राज है. कानून ये इजाज़त नहीं देता कि बिना नोटिस दिए किसी के घर को गिराया जाए. मेरे पास कोर्ट का 2019 का भी आदेश है जिसमें कहा गया है कि किसी को बिना नोटिस दिए उसका घर नहीं गिराया जा सकता है तो फिर कल यहां ऐसा क्यों हुआ?’
वहीं कवि से कांग्रेस नेता बने इमरान प्रतापगढ़ी भी पीड़ितों से मिलने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘कल जिस तरह से सरकारी उत्पीड़न हुआ है, हम उसके खिलाफ आज पीड़ितों से मिलने जा रहे हैं और लौट कर सोनिया गांधी जी को रिपोर्ट सौपेंगे और उसके बाद पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी.’
गौरतलब है कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं. हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों के अलावा एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया था.
इसके बाद एनडीएमसी ने अतिक्रमण को लेकर कल यानि 20 अप्रैल को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी, जिसमें कुछ परिवारों और दुनकानदारों के घर तोड़े गए थे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद कार्रवाई बंद कर दी गई थी.