नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे भारत के किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें “भारी कीमत” ही क्यों न चुकानी पड़े.
गुरुवार को नई दिल्ली में एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए मोदी ने कहा, “हमारे लिए किसानों का हित सबसे ऊपर है. भारत कभी भी किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा. मुझे पता है कि इसके लिए हमें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और मैं इसके लिए तैयार हूं. भारत इसके लिए तैयार है.”
मोदी का यह बयान भारत-अमेरिका रिश्तों में बढ़ते तनाव, व्यापार समझौते को लेकर जारी कड़ी बातचीत और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस को युद्ध खत्म करने का अल्टीमेटम देने की पृष्ठभूमि में आया है.
भारत और अमेरिका के व्यापार वार्ताकार 1 अगस्त की डेडलाइन तक व्यापार समझौते को अंतिम रूप नहीं दे सके, जिस कारण अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लागू कर दिया — जो एशियाई देशों और पाकिस्तान की तुलना में कहीं ज्यादा है.
इसी के बीच बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने एक नया कार्यकारी आदेश साइन कर भारत पर रूस से तेल खरीदने और उसे प्रोसेस करने के लिए 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की.
इन दोनों फैसलों से भारत पर लागू कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है. हालांकि, अमेरिकी आदेश की बारीकी से देखने पर पता चलता है कि अतिरिक्त 25% टैरिफ 6 अगस्त से 21 दिन बाद लागू होगा.
24 अगस्त को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि नई दिल्ली पहुंचने वाले हैं, यानी अंतिम समय में किसी समझौते की संभावना अब भी बची है.
भारतीय सरकार ने इन टैरिफ्स को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अकारण” बताया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने बुधवार को कहा. “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कदमों के लिए टैरिफ लगाया, जो कई दूसरे देश भी अपने राष्ट्रीय हित में उठा रहे हैं.”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर ज़रूरी कदम उठाएगा. भारत ने बार-बार कहा है कि रूसी तेल की खरीद एक “राष्ट्रीय ज़रूरत” है.
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