नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मणिपुर हिंसा पर संसद में चर्चा से भागने का विपक्ष पर सोमवार को आरोप लगाते हुए दावा किया कि उसे डर है कि यदि उंगली पूर्वोत्तर के हिंसाग्रस्त राज्य पर उठेगी तो कई उंगलियां कांग्रेस शासित प्रदेशों पर भी उठेंगी.
भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह बात कही.
भाजपा नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मणिपुर पर निश्चित रूप से चर्चा होनी चाहिए. सरकार चर्चा चाहती है लेकिन विपक्ष भाग रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह (विपक्ष) भाग इसलिए रहा है क्योंकि मणिपुर पर जब चर्चा होगी तो एक उंगली मणिपुर पर उठेगी और तीन उंगलियां राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरफ भी उठती हुई दिखाई देंगी. कई उंगलियां इधर-उधर कांग्रेस शासित प्रदेशों में भी उठती हुई दिखाई देंगी. ये जो उंगलियों का डर है, वह विपक्ष को इस चर्चा से भागने पर मजबूर कर रहा है.’’
मीडिया से बात करते हुए स्मृति ईरानी, “कांग्रेस मणिपुर पर चर्चा से भाग रही है क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें अपने राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर जवाब देना होगा, लेकिन मैं अपील करना चाहता हूं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को राजनीतिक हिसाब बराबर करने के साधन के रूप में इस्तेमाल करना बंद करें.”
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है.
संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा की गूंज छाई हुई है. पहले दिन से ही विपक्ष इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में बयान देने और चर्चा कराने की मांग कर रहा है.
राज्यसभा में सरकार नियम 176 के तहत चर्चा को तैयार हो गई है लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर पहले प्रधानमंत्री का बयान और फिर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ा है. लोकसभा में भी इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध कायम है.
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