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बुधवार, 23 अप्रैल, 2025
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद राहुल गांधी ने अमित शाह को फोन कर दिया ‘पूरी मदद’ का आश्वासन

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने भी केंद्रीय गृह मंत्री को फोन करके स्थिति की जानकारी ली. दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला से भी बात की.

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नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बारे में अपडेट के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है.

अमेरिका की यात्रा पर गए गांधी ने शाह के साथ अपनी टेलीफोन पर हुई बातचीत के बारे में एक्स पर अपडेट पोस्ट किया.

शाह मंगलवार को हुए हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर में हैं. इस हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई है.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी बात की, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस केंद्र शासित प्रदेश में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व करती है. कांग्रेस इसकी गठबंधन सहयोगी है.

गांधी ने कहा, “पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बारे में गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर पीसीसी अध्यक्ष तारिक कर्रा से बात की है. स्थिति के बारे में अपडेट भी लिया है. पीड़ित परिवार न्याय और हमारे पूर्ण समर्थन के हकदार हैं.”

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया कि राहुल ने ही अमेरिका से शाह को फोन किया था. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी शाह को अलग से फोन किया.

शाह को किया गया उनका फोन कॉल आतंकी हमले के बाद सरकार से बातचीत करने के मामले में गांधी के लिए पहली बार था.

संसद पर 2001 में हुए हमले के बाद, सोनिया गांधी, जो उस समय लोकसभा में विपक्ष की नेता थीं, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फोन करके उनका हालचाल जानने वाली पहली नेताओं में से थीं.

कांग्रेस महासचिव (कम्युनिकेशन) जयराम रमेश ने 2023 में एक बयान में कहा था, “13 दिसंबर, 2001 को जब संसद पर आतंकी हमला हुआ था, तो प्रधानमंत्री वाजपेयी को बाद में याद आया कि उन्हें सबसे पहले जो कॉल आया, वह श्रीमती सोनिया गांधी का था, जिसमें उन्होंने उनकी सुरक्षा के बारे में पूछा था. वह भारतीय लोकतंत्र की ताकत का यह उदाहरण देते थेय एक ऐसी ताकत जिसे मौजूदा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दिन-रात नष्ट करने की पूरी कोशिश करते हैं.”

मंगलवार को हमले पर अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया में गांधी ने घाटी में सामान्य स्थिति के केंद्र के दावों को “खोखला” बताते हुए आलोचना की थी.

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा था, “आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट है. सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के खोखले दावों के बजाय अब जवाबदेही लेते हुए ठोस कदम उठाए — ताकि आगे ऐसी बर्बर घटनाएं न होने पाएं और निर्दोष भारतीय यूं अपनी जान न गंवाएं.”

एक्स पर एक पोस्ट में खरगे ने यह भी कहा कि उन्होंने पहलगाम में “घृणित नरसंहार” के बारे में शाह और अब्दुल्ला से बात की थी.

खरगे ने कहा, “भारत सरकार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम करना चाहिए और राज्य में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए.”

मंगलवार को कांग्रेस ने मांग की कि केंद्र सरकार इस हमले के संबंध में एक सर्वदलीय बैठक बुलाए और सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में ले.

पार्टी ने एक बयान में कहा, “यह एकजुट सामूहिक इच्छाशक्ति दिखाने का समय है. केंद्र सरकार को तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेना चाहिए. इस हमले का प्रभावी ढंग से जवाब दिया जाना चाहिए.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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