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Friday, 1 November, 2024
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गणपति के बाद अब ‘मेगा मराठी डांडिया’ – BMC चुनाव से पहले BJP का मतदाताओं को लुभाने का एक और ‘त्योहारी’ कदम

कई मराठी कलाकार इस पांच दिवसीय समारोह में अपनी प्रस्तुति देंगे. ठाकरे की सेना ने इसे मराठी वोटर आधार वापस पाने की कोशिश बताया, तो वहीं बीजेपी ने कहा ' हर चीज राजनीति के लिए नहीं होती है.'

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मुंबई: भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को बहुप्रतीक्षित बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले ‘मराठी डांडिया’ आयोजित करने की अपनी योजना की घोषणा की.

कार्यक्रम मुंबई के सेवरी के अभ्युदय नगर में 30 सितंबर से 4 अक्टूबर के बीच आयोजित किया जाएगा. यह मुख्य रूप से एक मराठी भाषी इलाका है.

कार्यक्रम के मुख्य आयोजकों में से एक भाजपा विधायक मिहिर कोटेचा ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पिछले ढाई साल से सरकार ने हिंदू त्योहारों को ढंग से मनाने नहीं दिया है. हमने पांच दिनों के लिए एक भव्य मराठी डांडिया का आयोजन किया है. मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकार इन 3-4 दिनों के लिए 12 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति देगी.

वैसे यह एक गरबा कार्यक्रम है, जिसमें कई मराठी कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. इस कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले लोगों में एक नाम मराठी फिल्म उद्योग में काम करने वाले गायक अवधूत गुप्ते का भी है. उन्हें खासतौर पर इस कार्यक्रम के लिए चुना गया है.

गुप्ते ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम कलाकारों को आम तौर पर गरबा के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित किया जाता है जहां हम हिंदी / गुजराती गाने गाते हैं. लेकिन यह पहली बार है जब मराठी कलाकारों के लिए इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. मेरा मानना है कि मराठी मानुषों को अब अपनी जमीन मिलेगी जहां वे मराठी गाने कर सकते हैं.’

यह इवेंट ऐसे समय में किया जा रहा जब बीजेपी बीएमसी की 227 सीटों के चुनावों से पहले मराठी मतदाताओं को अपनी ओर करने की कोशिशों में जुटी है. वो मराठी मतदाता, जो परंपरागत रूप से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का आधार रहे हैं. यह चुनाव इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है.

अगस्त में भाजपा ने पूरे महाराष्ट्र में 370 दही हांडी कार्यक्रमों का आयोजन किया था. और दही हांडी समारोह में भाग लेने वाले 20,000 गोविंदाओं को 10 लाख रुपये का बीमा कवर भी दिया था.

पार्टी ने कोंकण में लोगों को गणपति उत्सव पर अपने पैतृक गांवों में जाने के लिए मुफ्त बसों की भी व्यवस्था की. यह इलाका पारंपरिक रूप से शिवसेना का गढ़ रहा है और पार्टी ने उसने बड़े पैमाने पर यहां इसे मनाया था.

शिवसेना ‘मराठी डांडिया’ कार्यक्रम को बीएमसी चुनाव जीतने की कोशिश में बीजेपी के प्रयास के रूप में देख रही है.

शिवसेना के ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने दिप्रिंट को बताया, ‘इस त्यौहार में सभी जातियों के लोग शामिल होते हैं. लेकिन बीजेपी अब मराठी नवरात्रि (और) मराठी डांडिया मनाना चाहती है. इससे पता चलता है कि वे बीएमसी चुनाव से पहले कैसे फायदा उठाना चाहते हैं. लेकिन मुंबई के लोगों को सब साफ नजर आ रहा है.’

उधर बीजेपी इस बात से इनकार कर रही कि इस कार्यक्रम का आयोजन भारत के सबसे अमीर नगर निकाय बीएमसी के चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है.

बीएमसी में भाजपा समूह के नेता विनोद मिश्रा ने दिप्रिंट को बताया, ‘भाजपा हर साल गुजरातियों के लिए गरबा और डांडिया का आयोजन करती रही है. इस साल हमने इसमें मराठी लोगों के लिए सिर्फ एक आयोजन जोड़ा है. इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि अगले साल, जब चुनाव नहीं होगा, तब भी हम कुछ न कुछ करते रहेंगे.’


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मराठी मतदाताओं पर जीत

मुलुंड के एक विधायक कोटेचा ने बताया कि 30 सितंबर से गरबा कार्यक्रम शाम 7 बजे ‘आरती’ के साथ शुरू होगा, इसके बाद लोक गीत होंगे.

गुप्ते पूरे पांच दिनों तक कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देंगे. वहीं उनके सह-कलाकार – वैशाली सामंत और बेला शेंडे जैसे अन्य मराठी कलाकार – हर रात बदल जाएंगे.

कोटेचा ने कहा, ‘हमने पहले तीन क्षेत्रों को शॉर्टलिस्ट किया था, वर्ली में जंबोरी मैदान, महालक्ष्मी रेस कोर्स और सेवरी में अभ्युदय नगर, लेकिन अंत में सेवरी में जाकर हमारी खोज खत्म हुई.’

इस वेन्यू में 14,000- 15,000 लोगों की मेजबानी की जा सकती है. आयोजन के लिए मुफ्त पास भाजपा कार्यालयों में उपलब्ध होंगे.

भाजपा नेता मिश्रा ने दिप्रिंट को बताया कि यह कार्यक्रम सिर्फ मराठी भाषियों के लिए नहीं है. लेकिन इलाके में मराठी भाषा का बोलबाला होने के कारण ज्यादा मराठी लोग इसमें शामिल होंगे.

कोटेचा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘जन्माष्टमी और गणेश उत्सव मनाने के बाद अब नवरात्रि भव्य तरीके से मनाई जाएगी. हमारे डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हर हिंदू त्योहार अब बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा. तो नवरात्रि भी ऐसी ही होगी.’

मराठी मतदाताओं ने पारंपरिक रूप से बीएमसी चुनावों में शिवसेना का समर्थन किया है. यह वोट बैंक 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के गठन के साथ विभाजित हो गया, जिसमें MNS के पास 2012 में BMC में 28 पार्षद थे. हालांकि 2017 में यह संख्या गिरकर सात रह गई थी.

2017 में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग बीएमसी चुनाव लड़ा, जिसमें बीजेपी ने 82 और शिवसेना ने 84 सीटें जीतीं थीं.

इस साल शिवसेना में विभाजन के साथ भाजपा को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का खेमा कुछ मराठी मतदाताओं को लुभाने में सफल रहेगा.

शिवसेना की नेता सुषमा अंधारे इस आयोजन को हिंदू वोट बैंक को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखती हैं.

अंधेरे ने कहा, ‘भाजपा हिंदू वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है.’ उन्होंने आगे बताया, ‘वे हिंदुत्व के नाम पर समाज को बांटना चाहते हैं और इसलिए वे दावा कर रहे हैं कि उनके शासन के दौरान हिंदू त्योहार मनाए जा रहे हैं. हालांकि, शिवसेना के हिंदुत्व में सभी शामिल हैं और लोग इसे देख सकते हैं.’

मिश्रा की तरह कोटेचा भी इस बात से इनकार करते हैं कि इस आयोजन को बीएमसी चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है.

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हम मानते हैं कि मतदाता मराठी, गुजराती (या) हिंदी हो सकते हैं. सभी मोदी में विश्वास करते हैं और पिछले आठ सालों में देश में बदलाव सभी ने महसूस किया है. सब कुछ राजनीति के लिए नहीं होता है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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