भोपाल: मध्य प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर आज (बुधवार) से किसानों ने तीन दिवसीय आंदोलन शुरू कर दिया है. इस आंदोलन के चलते सब्जियों और दूध की आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है.
किसानों के तीन दिवसीय आंदोलन के पहले दिन की सुबह राजधानी में ज्यादा असर नजर नहीं आ रहा है, सब्जियों और दूध की आपूर्ति पिछले दिनों की तरह सामान्य तौर पर जारी है. आंदोलनकारी किसानों का दावा है कि देवास, धार, उज्जैन,राजगढ़ में आंदोलन के चलते सब्जियों और दूध की आपूर्ति प्रभावित हुई है.
राज्य सरकार ने किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ किए जाने का वादा किया था. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव का आरोप है कि, किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया है. जिसके चलते किसानों को बैंक के नेाटिस आ रहे है. किसानों को डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है. इन हालातों में किसानों की आत्महत्या भी बढ़ सकती है.
भारतीय किसान यूनियन ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, किसानों का कर्ज पूरी तरह माफ करने, समर्थन मूल्य से कम पर उपज न खरीदने सहित अन्य मांगों को लेकर बुधवार से तीन दिवसीय आंदोलन शुरू किया है.
राज्य सरकार के कृषि मंत्री सचिन यादव से किसान नेताओं ने मंगलवार की रात को बातचीत की थी, मगर वार्ता असफल रही. किसान नेता किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से वार्ता करना चाहते हैं, मगर ऐसा नहीं हो पा रहा है.
आपको याद होगा कि 2018 में हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य में जीत मिली थी. इस जीत का बड़ा श्रेय कर्ज़ माफी के वायदे को जाता है. अब किसानों का कहना है कि कर्ज़ माफ नहीं हुए और वो राज्य सरकार के खिलाफ खड़े होने पर मजबूर है.