मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि पार्टी ने जिन लोगों पर भरोसा किया उनके विश्वासघात करने के बावजूद जमीनी कार्यकर्ता संगठन के साथ अब भी मजबूती से खड़े है.
मुंबई के उत्तरी उपनगर दहिसर में अपनी ‘निष्ठा यात्रा’ के दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा कि जो लोग शिवसेना छोड़ना चाहते थे, वे चले गए, लेकिन जमीनी स्तर के शिवसैनिक उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी का समर्थन करना जारी रखे हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकतर विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी और उससे राकांपा तथा कांग्रेस से संबंध तोड़ने को कहा था. पार्टी में विद्रोह के कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी जिसके बाद 30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
विद्रोह के बाद से, उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले दोनों गुटों ने बार-बार असली शिवसेना होने का दावा किया है.
शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में हमारे पास दो से तीन दुर्जेय शिवसैनिक हैं…पुरुष और महिलाएं जो चुनाव में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं.’
बाद में, पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मंत्री ने कहा कि शिवसेना को उन लोगों ने ‘धोखा’ दिया है जिन पर वह भरोसा करती थी.
उन्होंने कहा, ‘जो लोग जाने से खुश हैं उनमें नए चुनाव का सामना करने की हिम्मत होनी चाहिए. ‘मातोश्री’ (बांद्रा में ठाकरे का निजी आवास) के दरवाजे उन सभी के लिए खुले हैं जो वापस आना चाहते हैं.’
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