नई दिल्ली: कांग्रेस ने इस महीने की शुरुआत में गुजरात स्थित सांघी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (SIL) नामक एक अन्य सीमेंट कंपनी का अडाणी ग्रुप के स्वामित्व वाली अंबुजा सीमेंट्स द्वारा अधिग्रहण में कथित गड़बड़ी का आरोप लगाया है. कांग्रेस का भारतीय अरबपति पर यह सबसे नवीनतम हमला है.
कांग्रेस ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया, जिसमें इस सप्ताह की शुरुआत में अडाणी ग्रुप और SIL के बीच हुए 295 मिलियन डॉलर के सौदे के बारे में बात कही गई है.
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी, जयराम रमेश के अनुसार, दोनों कंपनियों के बीच यह सौदा श्री सीमेंट पर आयकर छापे के एक महीने बाद हुआ, जो कंपनी SIL का अधिग्रहण करने के लिए बातचीत कर रही थी.
In our Hum Adani ke Hain Kaun (HAHK) series of 100 questions for PM Modi, the Congress party had pointed out how the Adani Group has repeatedly profited from well-timed, Modi-made raids by investigative agencies on its business competitors.
The latest episode is the chronology… pic.twitter.com/fiCTDiRCne
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 5, 2023
रमेश ने कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा, “हवाई अड्डों, बंदरगाहों और हाल ही में सीमेंट जैसे क्षेत्रों में, बेशकीमती संपत्तियों के लिए अडाणी के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाली कंपनियों को सीबीआई, ईडी और आयकर छापे का सामना करना पड़ा है, जिसने उन्हें अपनी बोलियों के साथ आगे बढ़ने से रोक दिया है. इसके कारण अधिकतर संपत्ति अंततः अडाणी के पास चली गई है.”
इसमें कहा गया है: “यह पीएम के पसंदीदा व्यवसायी द्वारा राज्य पर कब्जा करने का एक उदाहरण है. सरकार द्वारा अडाणी को राष्ट्रीय स्तर पर चोरी के लिए प्रोत्साहित और सुविधा प्रदान की जा रही है.”
कच्छ के सांघीपुरम में सांघी ग्रुप की यूनिट कथित तौर पर क्षमता के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी एकल-स्थान सीमेंट और क्लिंकर यूनिट है. क्लिंकर सीमेंट के निर्माण के दौरान बनाया गया एक उत्पाद है.
दिप्रिंट फोन और ईमेल के जरिए अडाणी ग्रुप से उनका पक्ष रखने के लिए संपर्क किया लेकिन उनकी ओर से कोई उत्तर नहीं मिला. उत्तर मिलने पर रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.
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‘जांच एजेंसियों का लंबे समय से हो रहा दुरुपयोग’
अपने बयान में रमेश ने आरोप लगाया कि छापे के एक महीने बाद, श्री सीमेंट SIL के अधिग्रहण की दौड़ से बाहर हो गई और अंततः यह बोली अंबुजा सीमेंट्स के खाते में चली गई.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सौदे के बाद, सांघीपुरम बंदरगाह “अडाणी के बंदरगाहों के एकाधिकार” को और बढ़ावा देगा.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को सौदे की घोषणा के तुरंत बाद अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड) के सीईओ करण अडाणी ने कहा कि ग्रुप 8,000 डीडब्ल्यूटी (डेडवेट टन भार) के जहाज आकार को संभालने के लिए सांघीपुरम बंदरगाह की कैप्टिव बंदरगाह क्षमता का विस्तार करने के लिए निवेश करेगा.
जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा, “अपने करीबी दोस्तों के लिए इसके महत्व को देखते हुए, पीएम मोदी ने अडाणी ग्रुप द्वारा इन संपत्तियों पर नियंत्रण सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.”
कांग्रेस सांसद ने श्री सीमेंट पर आईटी छापे को “प्रधानमंत्री के करीबियों को अमीर बनाने के लिए जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का एक लंबे समय से चला आ रहा पैटर्न” बताया. उन्होंने आगे कहा कि इस साल की शुरुआत में हमारी पार्टी ने ‘हम अडाणी के हैं कौन (HAHK)’ विरोध श्रृंखला में विस्तार से बताया था कि कैसे ग्रुप ने अपने व्यापारिक प्रतिस्पर्धियों पर जांच एजेंसियों द्वारा “सही समय पर, मोदी-निर्मित” छापों से लाभ उठाया.
बयान में कहा गया है, “इन एजेंसियों की छापेमारी के बाद मुंबई हवाईअड्डे, कृष्णापट्टनम बंदरगाह और अब सांघी इंडस्ट्रीज जैसी बेशकीमती संपत्तियां अडाणी ग्रुप को सौंपी जा रही हैं.”
इसमें आगे कहा गया है: “हमें पूरी उम्मीद है कि, पिछले मामलों की तरह, प्रमोटरों पर इस बात से इनकार करने के लिए दबाव डाला जाएगा कि छापों ने बोली से हटने के उनके फैसले को प्रभावित किया है. हालांकि, सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता. पीएम मोदी अपने करीबी साथियों के हाथों में देश की संपत्ति दे रहे हैं. इसके कारण भारत में असमानता ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई है और भारतीय नागरिक रिकॉर्ड मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी से कुचले जा रहे हैं.”
(संपादन: ऋषभ राज)
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