नई दिल्ली: कांग्रेस ने कोरोनावायरस के संकट से निपटने और लॉकडाउन से जुड़ी रणनीति को लेकर बुधवार को सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार ऑटो पायलट पर चल रही है और सिर्फ जनता को गुमराह कर रही है.
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह आरोप भी लगाया कि कोरोनावायरस के संकट के समय विभिन्न समितियों एवं कार्यबल को दरकिनार किया जा रहा है और सिर्फ एक व्यक्ति के स्तर पर फैसले हो रहे हैं.
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार में कोई संवेदनशीलता और क्षमता नहीं है. यह इस सरकार की पहचान बन गयी है. बिना सोचे-समझे लॉकडाउन किया गया. सिर्फ 3 मई से 18 मई के बीच मामले 28 हजार से एक लाख से ऊपर पहुंच गए हैं.’
LIVE: Congress Party Press Briefing by Shri @DrAMSinghvi, Spokesperson, AICC via video conferencing https://t.co/blBHBcSvFe
— Congress Live (@INCIndiaLive) May 20, 2020
सिंघवी ने यह भी दावा किया कि कोरोना जांच के मामले में भारत अभी दुनिया के कई देशों से पीछे है और यहां प्रति हजार लोगों पर सिर्फ 1.67 जांच हो रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से गठित कोविड-19 कार्यबल ने आंकड़ों की बाजीगरी की है.
सिंघवी ने कहा, ‘24 अप्रैल को इस कार्यबल के प्रमुख की प्रेसवार्ता में एक ग्राफ के माध्यम से दिखाया गया कि भारत में 16 मई के बाद कोविड-19 के मामले आना बंद हो जाएंगे. यह पूरी तरह गलत साबित हुआ है. नीति आयोग ने भी इसका खंडन किया है.’
यह भी पढ़ें:
उन्होंने सवाल किया, ‘बिना योजना के आनन-फानन में अचानक घोषित किए गए लॉकडाउन के प्रति भारत का अनुभव अच्छा नहीं रहा है. क्या सरकार ऑटो पायलट पर चल रही है? क्या सरकार बिना खेद या पश्चाताप के लोगों को गुमराह कर रही है? क्या वह अपने खुद के कार्यबल के सदस्यों को भी दरकिनार करती है?’
सिंघवी ने कहा कि ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकॉनमी’ (सीएमआईई) के अनुसार 3 मई को भारत में बेरोजगारी की दर इस समय 27.1 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर है. नए आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में बेरोजगारी के आंकड़े अमेरिका के मुकाबले चार गुना ज्यादा हैं. अप्रैल में बेरोजगारी की दर 23.5 प्रतिशत थी, जो मार्च के मुकाबले 8.7 प्रतिशत ज्यादा थी.
उनके मुताबिक सीएमआईई के आंकड़े बताते हैं कि 12.2 करोड़ लोग, जिन्होंने अपनी आजीविका खो दी, उनमें 9.13 करोड़ लोग छोटे कारोबारी एवं मजदूर हैं. 1.78 करोड़ वेतनभोगियों एवं 1.82 करोड़ स्वरोजगारियों ने भी अपनी आजीविका खो दी.
देश आजाद होने के बाद 50 साल एक ही परिवार की चली , उसका क्या । घोटाले पर घोटाले करके देश लूट लिया और पूरे देश को गुमराह किया , उसका क्या ।
मोदी तो देश के प्रधानमंत्री हैं उनकी नहीं चलेगी तो क्या पप्पू खान की चलेगी । राजीव गांधी के देहांत के बाद कांग्रेस की सरकारों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से एक ऐसी महिला की चली जो विदेशी तो थी ही और देश के किसी संवैधानिक पद पर भी नहीं थी ।