नई दिल्ली: मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को आम आदमी पार्टी ने पूरे देश में प्रदर्शन करके अपना विरोध जताया. दिल्ली में पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच की झड़प की तस्वीरें भी सामने आईं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दावा किया कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकतर अधिकारी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के पक्ष में नहीं थे, लेकिन उन्होंने ‘राजनीतिक दबाव’ के कारण ऐसा किया.
सीबीआई अधिकारियों ने 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद रविवार को सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था.यह नीति अब समाप्त की जा चुकी है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मुझे बताया गया है कि सीबीआई के अधिकतर अधिकारी मनीष को गिरफ्तार करने के पक्ष में नहीं थे.वे सभी उनका बहुत सम्मान करते हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है.हालांकि उनकी गिरफ्तारी को लेकर काफी राजनीतिक दबाव था और उन्हें अपने राजनीतिक आकाओं के आदेश का पालन करना था.’
सिसोदिया से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को पिछले साल जून में गिरफ्तार किया गया था.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली की शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं में आए व्यापक परिवर्तन में इन दोनों नेताओं की अहम भूमिका रही है.पार्टी की लोकप्रियता और निरंतर चुनावी सफलता में भी इनका योगदान रहा है.
अखिलेश यादव ने भी की आलोचना
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार के आरोप में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि यह कार्रवाई एक बड़ी साजिश का हिस्सा है.
अखिलेश ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का जिक्र आने पर कहा ‘यहां यह बात समझनी होगी कि इसमें कौन—कौन मिला हुआ है.यह एक बड़ी साजिश है.हमें तो यह पढ़ने को मिल रहा है कि भाजपा का कोई अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ है, वह भी इसमें शामिल है.’
उन्होंने कहा ‘इस तरह के जितने भी विपक्षी नेता हैं, उनके खिलाफ जांच चल रही हैं.जितनी भी संस्थाएं हैं, चाहे आयकर विभाग हो, चाहे प्रवर्तन निदेशालय हो या सीबीआई हो, सबको लगाया जा रहा है ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव को प्रभावित किया जा सके.जनता यह देख रही है.’
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के पास बेरोजगारी और महंगाई का कोई जवाब नहीं है.जिस तरीके से देश की संपत्तियां बेची जा रही हैं…. सरकार के पास उसका भी जवाब नहीं है.आप उत्तर प्रदेश को ही देख लीजिए.यहां की राज्यपाल के अभिभाषण में राज्य में बेरोजगारी की दर चार प्रतिशत बताई जा रही है.बजट भाषण में भी चार प्रतिशत बेरोजगारी दर बताई गई है.इसका मतलब यह हुआ उत्तर प्रदेश के 90 प्रतिशत से अधिक पढ़ने—लिखने वाले नौजवानों को रोजगार या नौकरी मिली हुई है मगर क्या यह सच है?’
इससे पहले, अखिलेश ने सोमवार को एक ट्वीट में भी कहा, ‘दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले मनीष सिसोदिया जी को गिरफ़्तार करके भाजपा ने साबित कर दिया है कि वह शिक्षा ही नहीं बल्कि दिल्ली के बच्चों के भविष्य के ख़िलाफ़ भी है.दिल्ली की जनता इसका जवाब अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की सातों सीटें हराकर देगी.’
एक अन्य ट्वीट में सपा अध्यक्ष ने कहा ‘मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी ने साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार वर्ष 2024 से पहले ही अपनी हार मान चुकी है, इसीलिए अलग-अलग प्रदेशों में विपक्षी राजनीतिक शक्तियों को झूठे मुक़दमों में फँसा रही है, लेकिन संघर्षशील लोग जेल जाने से नहीं डरते.सच को भला कब तक गिरफ़्तार रखा जा सकता है.’
गौरतलब है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्ष 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया.
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