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Thursday, 25 April, 2024
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‘मुफ़्त बिजली, नौकरियां’, पंजाब में दिल्ली मॉडल को दोहराने के बाद, AAP की नजर 2024 के हरियाणा चुनावों पर है

आप हरियाणा प्रमुख का कहना है कि पार्टी ने बड़े स्तर पर संगठनात्मक ढांचा तैयार कर लिया है, उन्होंने कहा कि जीतने पर दिल्लीवासियों को मुफ्त दी जाने वाली '7 सेवाएं और सुविधाएं' हरियाणा में भी दी जाएंगीं.

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चंडीगढ़: हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले, आम आदमी पार्टी (आप) राज्य में सत्ता में आने पर अपने “शासन के दिल्ली मॉडल” को लागू करने का वादा कर रही है, जहां वह 2014 से चुनाव लड़ रही है. लेकिन अभी तक कोई बड़ी जीत हासिल नहीं कर पाई है.

राज्यसभा सांसद और आप की हरियाणा इकाई के प्रमुख सुशील कुमार गुप्ता ने सोमवार को दिप्रिंट को फोन पर बताया, “हमने पंजाब के लोगों से वादा किया था कि अगर हम शासन में आए दिल्ली मॉडल को लागू करेंगे और मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली हमारी सरकार उन सभी वादों को लागू कर रही है. अब, हम इसे हरियाणा में भी दोहराएंगे [यदि राज्य में सत्ता में आए.”

उन्होंने इन सेवाओं का उल्लेख करते हुए कहा, “सरकारी स्कूलों में सभी छात्रों के लिए और निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा, मोहल्ला क्लिनिक और निजी अस्पतालों में 10 प्रतिशत मरीजों के लिए मुफ्त इलाज, प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली,” 20,000 लीटर मुफ्त पीने का पानी, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए सभी खर्च-भुगतान वाली तीर्थ यात्रा और सभी बेरोजगार युवाओं को नौकरी.

गुप्ता ने दोहराया, “हम सत्ता में आने पर हरियाणा में लोगों को सभी सात सुविधाएं देने का वादा कर रहे हैं.”

यह पूछे जाने पर कि जब हरियाणा में बेरोजगारी दर 37.4 प्रतिशत आंकी गई थी, तब पार्टी ने सभी युवाओं को नौकरियां देने की योजना कैसे बनाई, गुप्ता ने कहा कि अगर आप सत्ता में आती है, तो सरकार में सभी खाली पदों को भरेगी और निजी उद्योगों को भी बढ़ावा देगी ताकि अधिक से अधिक नौकरियां मिलें और इसके लिए रास्ते बनाये जा सकते हैं.

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रविवार को हरियाणा के पंचकुला में केजरीवाल और मान द्वारा शुरू किए गए “बिजली आंदोलन” का जिक्र करते हुए आप नेता ने कहा कि पार्टी राज्य के निवासियों को मुफ्त बिजली प्रदान करने के अलावा, उन्हें यह भी बताएगी कि कैसे भ्रष्टाचार के कारण उनसे बिजली के लिए भारी शुल्क लिया जा रहा है. और नियमित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है.

भाजपा के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि आप वोटों के लिए लोगों को “मुफ्त चीजें बांट रही है”, गुप्ता ने कहा कि “लोगों से करों के माध्यम से एकत्र किए गए धन को वापस देना किसी भी तरह से मुफ्त उपहारों की श्रेणी में नहीं आता है”.

गुप्ता ने आगे आरोप लगाया, “दिल्ली में ये सभी सेवाएं मुफ्त देने के बाद, केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार के खजाने में 8,100 करोड़ रुपये बचे हैं क्योंकि वहां कोई भ्रष्टाचार नहीं है. दूसरी ओर, इनमें से कोई भी सुविधा दिए बिना, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा-जजपा सरकार ने 34,000 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे के साथ एक बजट अनुमान (2023-2024) पेश किया, वास्तविक घाटा 50,000 करोड़ रुपये से अधिक है.”


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‘उपजाऊ हरियाणा’ के लिए आप की रणनीति

गुप्ता के मुताबिक पार्टी के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है.

उन्होंने कहा “हम अगले पांच गांवों के लिए एक-एक सर्कल समितियां और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम समितियों के गठन की प्रक्रिया पूरी करेंगे. इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में वार्ड समितियां बनाई जाएंगी, जिससे अगस्त के अंत तक हरियाणा में पदाधिकारियों की संख्या 2.5 लाख हो जाएगी.”

सोमवार को फोन पर दिप्रिंट से बात करते हुए, हरियाणा में आप की प्रचार समिति के अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा कि पार्टी जमीनी स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा-जेजेपी सरकार की कमियों और वर्तमान में आप के दिल्ली शासन मॉडल के लाभों को उजागर करने के लिए प्रेरित कर रही है. पंजाब में दोहराया जा रहा है.

उन्होंने कहा, “हरियाणा इस बार [अगले साल के विधानसभा चुनावों में] आप के लिए उपजाऊ जमीन की तरह है क्योंकि लोग भ्रष्टाचार और किसान विरोधी और जनविरोधी नीतियों को लेकर भाजपा-जेजेपी गठबंधन से तंग आ चुके हैं.”

तंवर ने कहा, जो पहले कांग्रेस से हरियाणा में अध्यक्ष थे, “जनता पहले ही राज्य में कांग्रेस को दो बार खारिज कर चुकी है. वे आप और केजरीवाल में आशा की किरण देखते हैं क्योंकि भ्रष्टाचार खत्म करने और गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अन्य सुविधाएं मुफ्त सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता के कारण.”

हरियाणा में आप का चुनावी रिकॉर्ड अब तक खराब रहा है.

2014 के आम चुनाव में, AAP ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और हार गई थी. 2019 में, पार्टी ने आम चुनाव के लिए तीन उम्मीदवार और 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए 46 उम्मीदवार उतारे, लेकिन कोई भी सीट नहीं जीत सकी.

हालांकि, नवंबर 2022 में, AAP ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में 102 जिला परिषद सीटों में से 14 पर जीत हासिल की, जो 22 सीटों पर भाजपा की जीत के करीब थी.

तंवर ने कहा, “जमीनी स्थिति बहुत बदल गई है, खासकर पंजाब चुनाव (2022 में) के बाद, जिसे AAP ने भारी जनादेश के साथ जीता था. सीएम मान ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और हरियाणा के लोग अब तक जिस तरह से शासित हुए हैं, उसमें बदलाव के लिए आप की ओर देख रहे हैं. वे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं और सकारात्मक बदलाव चाहते हैं.”

(अनुवाद/ संपादन- पूजा मेहरोत्रा)


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