scorecardresearch
Tuesday, 23 April, 2024
होमराजनीति‘एक कलेक्शन एजेंट’: शिवकुमार पर कर्नाटक कांग्रेस नेता के वीडियो ने पार्टी को शर्मिंदा किया

‘एक कलेक्शन एजेंट’: शिवकुमार पर कर्नाटक कांग्रेस नेता के वीडियो ने पार्टी को शर्मिंदा किया

कांग्रेस नेता एमए सलीम और वीएस उगरप्पा, एक कथित भ्रष्ट घोटाले के बारे में बात करते हुए कैमरे में क़ैद हो गए. सलीम को निष्कासित कर दिया गया, जबकि उगरप्पा को कारण बताओ नोटिस दिया गया.

Text Size:

बेंगलुरू: बुधवार को कांग्रेस पार्टी एक शर्मिंदगी की स्थिति में पहुंच गई, जब उसके दो नेता कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) अध्यक्ष डीके शिव कुमार की बुराई करते हुए कैमरे में क़ैद हो गए.

एक वीडियो में जो अब वायरल हो गया है, केपीसीसी मीडिया कॉर्डिनेटर एमए सलीम और पूर्व लोकसभा सांसद वीएस उरगप्पा, एक प्रेस वार्त्ता के शुरू होने से ठीक पहले, एक कथित भ्रष्टाचार घोटाले के बारे में चर्चा करते हुए कैमरे में क़ैद हो गए. नेताओं ने सोचा कि वो एक दूसरे से फुसफुसा रहे थे, लेकिन सामने रखे समाचार चैनलों के माइक्रोफोन्स ने उनकी बातचीत पकड़ ली.

तुरंत कार्रवाई करते हुए, कांग्रेस ने सलीम को छह वर्षों के लिए, पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. उगरप्पा को एक कारण बताओ नोटिस दिया गया है, और अपने बर्ताव की सफाई देने के लिए, पार्टी ने उन्हें तीन दिन का समय दिया है.

डेढ़ मिनट की इस क्लिप में, सलीम को शिव कुमार और पार्टी में उनके क़रीबी सहयोगियों के, एक कथित स्कैण्डल में शामिल होने के बारे में, उगरप्पा को बताते हुए सुना जा सकता है. सलीम उगरप्पा के कान में फुसफुसाते सुने जा सकते हैं, ‘पहले ये 6-8% होता था, लेकिन अब बढ़ाकर 11-12% कर दिया गया है. ये डीके का समायोजन लगता है.’

सलीम को बेंगलुरू से उप्पर, उडुपी से जी शंकर, और बेलारी से हनुमंथप्पा के भी, इसमें लिप्त होने का ज़िक्र करते हुआ सुना जा सकता है. इस उगरप्पा उन्हें सही करते हुए कहते हैं, कि उप्पर विजयपुरा से हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

सलीम आगे कहते हैं, ‘ये एक बहुत बड़ा स्केण्डल है. अगर कोई गहराई में जाने लगा, तो उनका नाम भी सामने आ जाएगा’.

वीडियो में सलीम को ये कहते भी देखा जा सकता है कि मुलगंद ने, जो शिवकुमार के एक सहायक हैं, 50-100 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है. सलीम कथित रूप से कह रहे हैं, ‘अगर मुलगंद ने 50-100 करोड़ रुपए बनाए हैं, तो आप सोच सकते हैं कि इस प्रकार से, डीके ने कितना बनाया होगा. बहरहाल, वो एक कलेक्शन एजेंट हैं’.

उगरप्पा कहते हैं, ‘आप नहीं जानते लेकिन हम सबने दृढ़ता के साथ मांग की, और उन्हें केपीसीसी अध्यक्ष बनाया, लेकिन वो काम ही नहीं कर रहे हैं’.

दोनों नेता शिवकुमार की सार्वजनिक और मीडिया के साथ बातचीत की आलोचना करते हैं, और उनकी तुलना सिद्दारमैया की शख़्सियत से करते हैं.

पार्टी और या उसमें शामिल नेताओं ने, न तो वीडियो से इनकार किया है, और न ही उसे ख़ारिज किया है. उगरप्पा ने कहा, बातचीत को संदर्भ से बाहर जाकर उठाया.

वीडियो के वायरल होने के कुछ ही देर बाद, मीडिया से बातचीत करते हुए उगरप्पा ने कहा, कि एक निजी बातचीत को संदर्भ से बाहर जाकर उठाया गया.

स्थिति से उबरने की कोशिश में पूर्व लोकसभा सांसद ने पत्रकारों से कहा, ‘सलीम मुझे केवल उन आरोपों की जानकारी दे रहे थे, जो बीजेपी तथा दूसरे लोग डीके शिवकुमार के खिलाफ लगा रहे हैं. ये उनकी व्यक्तिगत राय नहीं थी’.

लेकिन, उन्होंने केपीसीसी प्रमुख के नाते, शिवकुमार के प्रदर्शन पर दिया गया अपना बयान वापस नहीं लिया.

उगरप्पा ने कहा, ‘वो हमारे नेता और पार्टी अध्यक्ष हैं. हमें उनसे बहुत ऊंची अपेक्षाएं हैं. हमारी चिंता ये है कि उन्हें और अधिक काम करना होगा. हम उम्मीद करते है कि सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार, अगले डेढ़ वर्षों में दिन रात मेहनत करके पार्टी को मज़बूत करेंगे. हमारी बातचीत इसी को लेकर थी’.

पार्टी ने सलीम को निष्कासित किया

वीडियो से कठिन परिस्थितियों में आने के कुछ ही घंटों के बाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री रहमान ख़ान की अध्यक्षता में, पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति, तुरंत नुक़सान को नियंत्रित करने में जुट गई, और निष्कासन तथा कारण बताओ आदेश जारी किए गए.

शिवकुमार ने मीडिया से कहा, ‘ये निश्चित रूप से बहुत शर्म की बात है. मैं उससे इनकार नहीं करूंगा. पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति वही करेगी जो उसे करने की ज़रूरत है’.

बातचीत में लगाए गए आरोपों को ‘बेबुनियाद’ क़रार देते हुए, शिवकुमार ने कहा, ‘वो एक निजी बातचीत थी, लेकिन जो भी आरोप लगाए गए वो बेबुनियाद थे. मैंने कोई भ्रष्ट काम नहीं किया है. उन टिप्पणियों का पार्टी या मुझसे कोई ताल्लुक़ नहीं था.’

उन्होंने इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया, कि कैसे पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी, ऐसी ही स्थिति में फंस गए थे. वो फरवरी 2017 की दोनों नेताओं की एक वीडियो की ओर इशारा कर रहे थे.

इस बीच बीजेपी नेता शिवराज की आलोचना करने वाली वीडियो क्लिप को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

share & View comments