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Saturday, 21 December, 2024
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‘मुलायम सिंह यादव की हालत स्थिर’ – तबीयत बिगड़ने के बाद यूपी के पूर्व सीएम ICU में शिफ्ट किए गए थे

यादव 15 साल की उम्र में समाजवादी राम मनोहर लोहिया से प्रेरित हो कर राजनीति में शामिल हो गए थे. वो लोहिया के समानता- सामाजिक न्याय के मुद्दों, जाति और अल्पसंख्यक से जुड़े विचारों से काफी प्रभावित थे.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव की रविवार को तबीयत बिगड़ जाने के कारण उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आईसीयू में एडमिट किया गया.

फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. यह जानकारी समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर दी गई है.

जानकारी के मुताबिक अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज किया जा रहा है.

गौरतलब है कि 82 वर्षीय एसपी नेता कई दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं लेकिन रविवार को उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया था. इस बीच पिता की तबीयत खराब होने की खबर मिलते ही अखिलेश यादव लखनऊ से दिल्ली के लिए रवाना हो गए.

इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया की पत्नी साधना गुप्ता का इस साल जुलाई में निधन हो गया था. फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनका गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था.

साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं. उनकी पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हो गया. मालती देवी अखिलेश यादव की मां थीं.

बता दें कि, मुलायम सिंह को नेताजी भी कहा जाता है और उन्होंने ही समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी. वह वर्तमान में लोकसभा में मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.

यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार तीन कार्यकालों तक सेवा दी और भारत सरकार के रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया.

उनका जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था. यादव के पास राजनीति विज्ञान में तीन डिग्री हैं.

यादव 15 साल की उम्र में समाजवादी राम मनोहर लोहिया से प्रेरित हो कर राजनीति में शामिल हो गए थे. वो लोहिया के समानता- सामाजिक न्याय के मुद्दों, जाति और अल्पसंख्यक से जुड़े विचारों से काफी प्रभावित थे.

यादव पहली बार 1967 में उत्तर प्रदेश की विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे. वहां उन्होंने आठ बार सेवा दी. 1975 में, इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू करने के दौरान उन्होंने 19 महीने हिरासत में बिताए थे.

वे पहली बार 1977 में राज्य मंत्री बने थे. 1980 में, वे उत्तर प्रदेश में लोक दल (पीपुल्स पार्टी) के अध्यक्ष बने, जो बाद में जनता दल (पीपुल्स पार्टी) का हिस्सा बन गया.

1982 में, वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता चुने गए और 1985 तक उस पद पर रहे. जब लोक दल पार्टी का विभाजन हुआ, यादव ने क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी की शुरुआत की.

यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार तीन कार्यकालों तक सेवा दी और भारत सरकार के रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया.

यादव पहली बार 1989 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी.

उन्होंने सितंबर 2003 में तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2007 के चुनावों तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहे.


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