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Sunday, 22 December, 2024
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राजस्थान संकट के लिए अशोक गहलोत के 3 वफादार जिम्मेदार, पर्यवेक्षकों ने सोनिया गांधी को सौंपी रिपोर्ट

कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन मंगलवार को अपनी लिखित रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपने का आदेश दिया गया था.

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नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है. जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अशोक गहलोत के तीन वफादारों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाने की संभावना है. रिपोर्ट में अनुशासनात्मक कार्रवाई में गहलोत का नाम शामिल नहीं है.

राजस्थान के मुख्य सचेतक महेश जोशी, आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र पाठक और शांति धारीवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सलाह दी गई है, जिन्होंने जयपुर में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक के समानांतर एक मीटिंग की थी और उन्होंने अगले मुख्यमंत्री पर एक प्रस्ताव पारित किया था.

उधर, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को जयपुर में सीएम आवास पर कुछ मंत्रियों और विधायकों के साथ एक अनौपचारिक बैठक भी की है.

कांग्रेस नेता सचिन पायलट मंगलवार को जयपुर से दिल्ली पहुंचे, लेकिन उनके आने की वजह अभी साफ नहीं है.

इससे पहले, पायलट ने मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुए कहा था कि उन्होंने पार्टी आलाकमान से कहा है कि अगर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो उन्हें पद पर नहीं रहना चाहिए. पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि पायलट ने आलाकमान से कहा था कि विधायकों को साथ लाना उनकी जिम्मेदारी है.

खबरों का खंडन करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने न तो पार्टी आलाकमान से बात की और न ही राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे डर है कि यह झूठी खबर बताई जा रही है.’

राजस्थान में रोजाना राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. यह संकट स्पष्ट रूप से गहलोत द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रपति चुनाव में अपना नामांकन दाखिल करने के लिए सहमत होने और राजस्थान में सीएम के रूप में अपनी पसंद का उत्तराधिकारी चाहने के कारण पैदा हुआ है. हालांकि कांग्रेस का एक गुट पायलट को राजस्थान में अशोक गहलोत के उत्तराधिकारी के रूप में देखा रहा है.

पार्टी पर्यवेक्षकों ने मुख्यमंत्री गहलोत के वफादारों के कुछ कामों की आलोचना की है. सूत्रों ने कहा था कि सार्वजनिक रूप से मुखर रहे नाराज विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय अंतरिम पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट को देखने के बाद लिया जाएगा.

गहलोत गुट के नाराज विधायकों में शामिल राजस्थान के मंत्री प्रताप खचरियावास ने मंगलवार को कहा कि सोनिया गांधी या राहुल गांधी के खिलाफ एक भी विधायक नहीं है. उन्होंने आगे कहा, ‘बीजेपी जो कहती या करती है उससे कांग्रेस कमजोर नहीं होगी. बीजेपी को लगता है राजस्थान में सब खत्म हो गया है मामला राजस्थान के कांग्रेस परिवार का अंदरूनी मामला है. अगर नाराज हुए विधायकों ने गुस्से में अपना इस्तीफा दे दिया है, तो यह हमारा पारिवारिक मामला है.’

पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर और एआईसीसी कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने किया है लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी तक ऐसा नहीं किया है.

सोनिया गांधी ने मांगी थी रिपोर्ट

उधर, कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन मंगलवार को अपनी लिखित रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपने का आदेश दिया गया था.

सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर ‘अनुशासनहीनता’ के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में कदम उठाया जा सकता है.

राजस्थान के इस पूरे घटनाक्रम से गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने पर प्रश्नचिन्ह लग गया है. अब कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, खड़गे, कुमारी सैलजा और कुछ अन्य नामों को लेकर अटकले हैं.

वैसे कमलनाथ ने कहा कि उन्हे अध्यक्ष पद में कोई दिलचस्पी नहीं है.

जयपुर में विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों के वस्तुत: बागी रुख अपनाने के बाद खड़गे और माकन सोमवार को दिल्ली लौटे तथा कांग्रेस अध्यक्ष के आवास 10 जनपथ पहुंचकर सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.

कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे। सोनिया गांधी के साथ डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के बाद माकन ने कहा कि जयपुर में रविवार शाम विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से बुलाई गई थी.

माकन ने संवाददाताओं से यह भी कहा, ‘मैंने और खड़गे जी ने राजस्थान के घटनाक्रमों के बारे में सोनिया जी को विस्तार से बताया। कांग्रेस अध्यक्ष ने हमसे पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट मांगी है। आज रात या कल सुबह तक हम यह रिपोर्ट दे देंगे.’

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए. उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे. 

भाषा के इनपुट के साथ


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