पटना: बिहार बीजेपी मुख्यालय में घबराहट फैल गई है, चूंकि पार्टी के कई नेता कोविड-19 पॉज़िटिव पाए गए हैं, जिनमें संगठन मंत्री नगेंद्र नाथ, महासचिव देवेश कुमार, और उपाध्यक्ष राधामोहन शर्मा शामिल हैं.
शुरू में मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला था, कि लगभग 75 बीजेपी नेताओं के टेस्ट पॉज़िटिव आए थे, लेकिन पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनी रंजन पटेल ने ये संख्या 25 बताई है. ये घटनाक्रम उस दिन हुआ, जिस दिन राज्य सरकार ने 31 जुलाई तक के लिए, मुकम्मल लॉकडाउन की घोषणा की. ग्रामीण क्षेत्रों को लॉकडाउन से बाहर रखा गया है.
पटेल ने कहा, ‘हमने सोमवार को सैम्पल्स लेने के लिए एक टीम बुलाई थी, चूंकि हमें ख़बर मिली थी एक कोविड-19 पॉज़िटिव व्यक्ति ने, हमारी एक मीटिंग में हिस्सा लिया था’. उन्होंने आगे कहा, ’75 लोगों के नमूने लिए गए थे. आज नतीजे आए हैं, और उनमें से 25 पॉज़िटिव पाए गए हैं.’
पटेल ने ज़ोर देकर कहा कि पूरे ऑफिस को सैनिटाइज़ कराने जैसे उपाय किए जा रहे हैं.
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बीजेपी ई-रैलियों का केंद्र है मुख्यालय
प्रदेश बीजेपी कार्यालय, जो राजनीतिक रूप से गहमा-गहमी भरे वीरचंद पटेल मार्ग पर है (जेडी (यू) और आरजेडी के प्रदेश कार्यालय भी इसी सड़क पर हैं), आगामी विधान सभा चुनावों के मद्देनज़र, पार्टी की ई-रैलियों का केंद्र रहा है.
गृह मंत्री अमित शाह ने 9 जून को दिल्ली से, पहली वर्चुअल रैली को संबोधित किया था, जब सभी महत्वपूर्ण स्थानीय बीजेपी नेता, पटना में प्रदेश मुख्यालय में बैठे हुए थे.
उसके बाद से इस ऑफिस से लगभग हर रोज, ई-रैलियों का सिलसिला चल रहा है, जिसमें बीजेपी मंत्री और प्रदेश लीडर्स, अपने क्षेत्रों में ज़िला पार्टी कार्यकर्ताओं, और समर्थकों को संबोधित कर रहे हैं.
ई-रैलियां स्क्रीन्स पर प्रसारित की जाती हैं, लेकिन पटना और दूसरे शहरों में, पार्टी वर्कर्स और लीडर्स इन स्क्रीन्स के इर्द-गिर्द जमा हो जाते हैं.
बीजेपी और उसकी सहयोगी जेडी(यू), चुनाव प्रचार के लिए वास्तविक रैलियों की जगह, बहुत मज़बूती के साथ वर्चुअल रैलियों पर ज़ोर दे रहे हैं, और इस बात पर बल दे रहे हैं, कि प्रचार का ये तरीक़ा सुरक्षित है.
लेकिन आरजेडी और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों ने, ई-रैलियों का जमकर विरोध किया है.
इसके 25 नेताओं की रिपोर्ट पॉज़िटिव आने के बाद भी, बीजेपी ज़ोर देकर कह रही है, कि उसकी ई-रैलियां सुरक्षित हैं.
प्रवक्ता पटेल ने कहा, ‘ये घटना ई-रैलियों की वजह से नहीं हुई है. हमारी रैलियों में मास्क पहनने, हाथों को सैनिटाइज़ करने, और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के, सभी एहतियात किए जाते हैं’.
उन्होंने आगे कहा,’ये घटना इसलिए हुई क्योंकि हम क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को पटना बुलाकर, चरणबद्ध तरीक़े से बैठकें कर रहे थे. काफी संभव है कि ऑफिस आने वाले लोगों में से, कोई कोविड पॉज़िटिव रहा हो’.
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विपक्ष ने बीजेपी और उसकी ई-रैलियों की आलोचना की
विपक्ष ने, जो न सिर्फ ई-रैलियों का विरोध करता आ रहा है, बल्कि इस साल के अंत में होने वाले, विधान सभा चुनावों को टालने की भी मांग कर रहा है, बीजेपी पर हमला करने में देर नहीं लगाई.
सीनियर आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव ने कहा,“बीजेपी और जेडी(यू) सुरक्षा उपाय किए बिना ई-रैलियां करते आ रहे हैं. इनकी दिलचस्पी सिर्फ सत्ता हासिल करने में है, और इन्हें लोगों की भलाई की कोई परवाह नहीं है. ये सत्ता के भूखे हैं”.
‘मैं बीजेपी कहूंगा कि अपने उन नेताओं की पहचान करें, जो लोगों में कोविड-19 फैला रहे हैं.’
ऐसा पहली बार नहीं है कि ई-रैलियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए गए हैं. एक हफ्ता पहले, मोतिहारी में 9 लोगों के पॉज़िटिव निकलने के बाद भी, इसी तरह के सवाल उठे थे. वो 9 लोग शहर में हुई ई-रैली में हिस्सा लेने वाले 100 लोगों में से थे, जो प्रदेश मुख्यालय से प्रसारित की गई थी.
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा,“मेरी समझ में नहीं आता कि बीजेपी इस बात पर ज़ोर क्यों दे रही है कि ई-रैलियां सेफ हैं”. उन्होंने ये भी कहा,“भले ही उनमें केवल 100 लोग हिस्सा ले रहे हों, काफी संभावना है कि उनमें एक या कुछ लोग कोविड पॉजिटिव हो सकते हैं”.
बीजेपी नेता भी निजी तौर पर इस बात को मानते हैं, कि ई-रैलियां उतनी सुरक्षित नहीं हैं.
एक बीजेपी विधायक ने कहा,’आप कैसे सुनिश्चित करेंगे कि समर्थकों का ग्रुप मास्क पहनेगा, और दूरी बनाए रखेगा, अगर आप स्टेट ऑफिस में ही इसे सुनिश्चित नहीं कर सकते?’ उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने से वो प्रदेश कार्यालय जाने से बचे हैं, क्योंकि उन्होंने देखा कि बहुत से टिकट चाहने वाले और उनके समर्थक वहां भीड़ जमाए रखते हैं.