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Tuesday, 25 March, 2025
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222 माफिया मारे गए, 930 पर लगा NSA : योगी का 8 साल का रिपोर्ट कार्ड ‘सुधरी कानून व्यवस्था’ पर आधारित

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पूछा कि 8 साल पूरे होने का जश्न मनाने का क्या मतलब, जबकि उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर और बलात्कार के मामले रोज़ाना सामने आ रहे हैं.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सत्ता में 8 साल पूरे होने के मौके पर सोमवार को विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि 2017 से 2025 के बीच पुलिस के साथ मुठभेड़ में 222 ‘माफिया’ मारे गए और 8,118 घायल हुए.

इसमें यह भी कहा गया है कि पिछले आठ सालों में गैंगस्टर एक्ट के तहत 79,984 अपराधियों और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 930 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

राज्य में ‘सुधरी हुई कानून-व्यवस्था’ पर खास ध्यान देने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी अवधि में माफियाओं और अपराधियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित 4,076 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई. इसके अलावा, 27,178 महिला पुलिसकर्मियों सहित 2,16,450 पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई.

बाद में, ‘उत्तर प्रदेश में सेवा, सुरक्षा और सुशासन के 8 साल’ पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई.

दिप्रिंट के पास मौजूद 92-पृष्ठ की इस बुकलेट में यह भी कहा गया है कि पिछले आठ साल में सरकार ने पुलिसिंग में कई नई पहल की हैं, जिनमें अपराध विश्लेषण, अपराध डेटा पोर्टल, महत्वपूर्ण अपराध निगरानी पोर्टल, फील्ड यूनिट पोर्टल और जांच, तथा पुलिस परेड पोर्टल शामिल हैं.

आने वाले दिनों में पुलिस द्वारा जनता को अधिक जानकारी देने के लिए एक ‘जांच अधिकारी ऐप’ (आईओ ऐप) लाने की संभावना है, जैसे कि किसी मामले की स्थिति या समन जारी करना.

सीएम कार्यालय के पदाधिकारियों ने कहा, “बुकलेट की शुरुआत में कानून और व्यवस्था में सुधार का उल्लेख करना मुख्यमंत्री की पसंद थी.”

पदाधिकारियों ने यह भी दावा किया कि 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत में कानून और व्यवस्था के नैरेटिव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसने आदित्यनाथ की “सख्त मुख्यमंत्री” की छवि बनाने में भी मदद की.

लखनऊ में भाजपा सरकार के आठ साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सीएम आदित्यनाथ ने यूपी की प्रगति के लिए “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीतियों” को श्रेय दिया.

उन्होंने यह भी कहा कि 2017 से पहले यूपी को भारत के पिछड़े क्षेत्रों या ‘बीमारू’ राज्यों में से एक माना जाता था और इसे राष्ट्रीय विकास में बाधा के रूप में देखा जाता था.

उन्होंने कहा कि 2017 से पहले लोगों ने राज्य में दंगे देखे, लेकिन अब कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है. उस समय योगी ने कहा था कि यूपी की पहचान गहरे संकट में थी. “किसान आत्महत्या कर रहे थे, युवा अपने लक्ष्य की तलाश कर रहे थे, बेटियां और व्यापारी असुरक्षित महसूस कर रहे थे और दंगों और अराजकता ने अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया था, लेकिन आठ साल में डबल इंजन की सरकार ने उस धारणा को बदल दिया है. आज उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में प्रगति की ओर अग्रसर है और देश के विकास में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन रहा है.”

रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “जब एनकाउंटर और बलात्कार के मामले रोज़ाना सुर्खियों में आ रहे हैं, तो 8 साल का जश्न मनाने का क्या मतलब है.”

सोमवार को संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “जब मुख्यमंत्री लखनऊ में पीसी कर रहे थे, उसी शहर में एक लड़की के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इसी तरह, यूपी के बलिया में एक लड़की के हाथ पीछे बंधे हुए लटके हुए पाए गए.”

उन्होंने आगे पूछा कि क्या ज़ीरो टॉलरेंस के यही उदाहरण हैं.

कृषि विकास दर पर ध्यान केंद्रित किया

आदित्यनाथ ने राज्य में कृषि विकास पर भी जोर दिया. सीएम के अनुसार, 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में कृषि पूरी तरह से उपेक्षित थी. किसान संघर्ष कर रहे थे और यह क्षेत्र गिरावट पर था. उन्होंने कहा कि “डबल इंजन” की सरकार के तहत सुधारों ने स्थिति को काफी हद तक बदल दिया है.

उन्होंने कहा कि यूपी की कृषि विकास दर, जो 2016-17 में लगभग 5 प्रतिशत थी, अब बढ़कर 13.5 प्रतिशत से अधिक हो गई है. राज्य की आर्थिक बदलाव की शुरुआत उनकी सरकार के पहले कैबिनेट फैसले से हुई, जिसमें किसानों के 36,000 करोड़ रुपये के कर्ज़ माफ किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, खाद्यान्न उत्पादन, जो 2016-17 में 557 लाख मीट्रिक टन था, पिछले साल बढ़कर 668 लाख मीट्रिक टन से अधिक हो गया, जो लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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