scorecardresearch
Wednesday, 25 December, 2024
होमराजनीति2024 के चुनावों के मद्देनजर RSS ने आर्थिक नीतियों पर शाह, सीतारमण और अन्य मंत्रियों से मुलाकात की

2024 के चुनावों के मद्देनजर RSS ने आर्थिक नीतियों पर शाह, सीतारमण और अन्य मंत्रियों से मुलाकात की

पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों को मतदाताओं तक कैसे ले जाया जाए, इस पर रणनीति पर चर्चा के लिए बीजेपी और आरएसएस ने बैठक की.

Text Size:

नई दिल्ली: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अर्थव्यवस्था और संबंधित क्षेत्रों की देखभाल करने वाले मोदी सरकार के शीर्ष मंत्रियों के साथ एक मैराथन बैठक की.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार गुरुवार को दिल्ली में दिनभर चली बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अन्य लोग शामिल हुए.

पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि हालांकि भाजपा मंत्रियों और आरएसएस के बीच व्यक्तिगत स्तर पर अनौपचारिक विचार-विमर्श हुआ था लेकिन इस बैठक का स्तर ‘अलग’ था और इसका महत्व बढ़ गया क्योंकि यह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा अपने विजयादशमी भाषण में ‘स्वदेशी’ पर बोलने के कुछ दिनों बाद हुई है.

भागवत ने अपने भाषण में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था. आइए स्वदेशी के माध्यम से ‘स्व’ या स्वयं पर अपनी निर्भरता को मजबूत करें. फिजूलखर्ची भी रुकनी चाहिए. देश में रोजगार के अवसर बढ़ने चाहिए और देश के पैसे (पूंजी) का उपयोग देश के भीतर और देश के हित में किया जाना चाहिए.”

गुरुवार की बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए एक बीजेपी नेता ने कहा कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के बारे में जमीनी स्तर पर जानकारी फैलाने की रणनीतियों पर भी चर्चा हुई. नेता ने कहा, “हालांकि जनता केंद्र की सामाजिक कल्याण योजनाओं के बारे में अच्छी तरह से जानती है और योजनाओं को अच्छी तरह से लागू भी किया गया है लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने जो आर्थिक पुनरुद्धार देखा है, उस पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.”

तीसरे नेता ने कहा, “विशेष रूप से, जिस तरह से पीएम ने अर्थव्यवस्था को कोविड (काल) के बाद संभाला, वह एक ऐसी कहानी है जिसे देश के हर कोने में ले जाने की जरूरत है. अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के पीएम के प्रयासों को विश्व स्तर पर भी सराहना मिली है. भारत की अर्थव्यवस्था की कहानी लोगों तक पहुंचाना जरूरी है. इस सरकार की कई पहलें चाहे बैंकिंग क्षेत्र में हों, उद्योग में हों, श्रम संहिता में हों… उन सभी पर प्रकाश डालने की जरूरत है.”

अपनी ओर से, पीएम मोदी इस बात पर प्रकाश डालते रहे हैं कि कैसे भारत 2030 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. इस हफ्ते, एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने बताया कि भारत जापान को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.

यह बैठक आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में भी हो रही है. संघ से जुड़े एक सदस्य ने कहा, “आरएसएस पदाधिकारियों को आर्थिक क्षेत्र से संबंधित मोदी सरकार की नीतियों के बारे में बताया गया और यह सुनिश्चित करने के लिए कैसे प्रयास किए गए हैं कि सभी लाभार्थी योजनाओं का लाभ उठा सकें. बैठक का विचार आरएसएस पदाधिकारियों और भाजपा नेताओं को आर्थिक क्षेत्र से संबंधित नीतियों से अवगत कराना था ताकि वे इसे जनता के बीच ले जा सकें.”

चर्चा में भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती सहित संघ से जुड़े संगठनों ने भाग लिया. मंत्रियों ने पिछले नौ वर्षों में अपने मंत्रालयों और विभागों द्वारा किए गए नीति संबंधी कार्यों पर एक प्रस्तुति भी दी.

भाजपा के एक नेता ने कहा कि यह बैठक एक फीडबैक तंत्र के रूप में भी काम करती है, जिसमें आरएसएस के पदाधिकारी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जनता पर पड़ने वाले प्रभाव को भी साझा करते हैं.

उन्होंने कहा, “2014 में जब पीएम मोदी ने सत्ता संभाली तो देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल थी और तब से अब तक कोविड जैसी चुनौतियों के बावजूद रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं. इन पहलुओं को और बेहतर ढंग से उजागर करना होगा. भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से संबंधित पहलों पर भी जोर देने की जरूरत है.”

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

(संपादन: कृष्ण मुरारी)


यह भी पढ़ें: ‘पूरे कोच में धुआं भर गया था’— कैसे पातालकोट एक्सप्रेस के TTE ने जलती हुए ट्रेन में यात्रियों को बचाया


 

share & View comments