गोंडा: कई महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह रविवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनता को संबोधित करते हुए शायर ही हो गए.
उर्दू शायरी और रामायण के दोहों से भरपूर अपने भाषण में, उन्होंने उस विवाद का कोई जिक्र तक नहीं किया जिसमें वह फंसे हुए हैं, सांसद ने लोकसभा चुनाव के लिए गोंडा में प्रचार के दौरान बीजेपी के मेगा आउटरीच की शुरुआत को चिह्नित करते हुए एक रैली में खुद को एक गलत आदमी के रूप में संदर्भित करते हुए एक कविता पढ़ी.
“अश्क, गम और कभी जहर पिया जाता है, तब कभी जाके जमाने में जिया जाता है,
ये मिला मुझे मोहब्बत का सिला, बेवफा कह के मेरा नाम लिया जाता है,
इसको रुसवाई कहें या शोहरत अपनी, दबे होंठों से मेरा नाम लिया जाता है.
सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अयोध्या में 5 जून की बहुप्रचारित रैली को रद्द करने के बाद बृजभूषण की रैली को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है. “जय श्री राम” के साथ अपने भाषण की शुरुआत करते हुए, उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन का श्रेय कार्यकर्ताओं को देते हुए अगले साल होने वाले चुनावों के लिए भी काम करने का आह्वान किया.
उन्होंने यह भी कहा कि वह कैसरगंज से 2024 का चुनाव लड़ेंगे.
भाजपा नेता ने अतीत की घटनाओं के लिए कांग्रेस के खिलाफ तीखा हमला किया और इसके लिए जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सहित पूर्व प्रधानमंत्रियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ने छापामार युद्ध का सहारा लिया और आज भी हमारी 78,000 वर्ग किलोमीटर जमीन उनके कब्जे में है. यह तब हुआ जब पंडित नेहरू पीएम थे.
उन्होंने कहा, ‘1962 में चीन ने हम पर हमला किया था और आज भी हमारी 33 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन चीन के कब्जे में है, यह भी कांग्रेस के समय में हुआ.’
उन्होंने आगे दावा किया: “1971 में, जब हमारी सेना द्वारा 92,000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बना लिया गया था, उस समय हमारे पास एक मौका था … अगर यह एक मजबूत भारत, मोदी वाला भारत होता, तो सैनिकों को वापस लौटाने से पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र का मुद्दा पहले ही हल किया जाता
1992 में कार सेवकों के खिलाफ दंगा भड़काने, दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने, दुश्मनी को बढ़ावा देने आदि की धाराओं के तहत कारसेवकों के खिलाफ दर्ज की गई पहली बाबरी मस्जिद विध्वंस प्राथमिकी में से एक आरोपी रहे बृज भूषण ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को केंद्र सरकार की एक उपलब्धि के रूप में उद्धृत किया.
बृज भूषण ने अपने ऊपर लगे सभी यौन उत्पीड़न के आरोपों का खंडन किया है. एक नाबालिग सहित सात पहलवानों की शिकायत पर 28 अप्रैल को उसके खिलाफ दिल्ली में दो प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई थी. एक प्राथमिकी यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी.
पिछले हफ्ते, एक नाबालिग पहलवान के पिता ने एक ताजा बयान दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने बृजभूषण पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को वापस ले लिया.
रैली में दिप्रिंट ने जिन पार्टी कार्यकर्ताओं से बात की उनमें से अधिकांश ने कहा कि उन्हें भाजपा नेताओं ने बताया कि सांसद को फंसाया जा रहा है.
‘राम की इच्छा’
हालांकि, भाषण में 10,000 से अधिक भीड़ जिसमें अधिकतर पार्टी कार्यकर्ता थे उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता की भविष्य में क्या होगा. बता दें कि इस रैली में मुश्किल से 40 महिलाएं थीं.
इसके बाद उन्होंने भाषण को खत्म करते हुए कहा, “होये सोहिं जो राम रचि राखा,
को करि तारक बढ़ावे साखा.”
इस रैली में मौजूद महिला कार्यकर्ताओं से दिप्रिंट ने बात कि तो अधिकांश महिलाओं ने कहा कि वे पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को पसंद करती हैं. उनमें से कुछ ने कहा कि स्थानीय भाजपा इकाई के नेताओं ने उन्हें बैठकों में बताया था कि राजनीति के कारण बृजभूषण को फंसाया जा रहा है.
भौरीगंज के एक गांव से आई भाजपा महिला मोर्चा की सदस्य नीलम ने कहा, “नेताजी को फंसाया जा रहा है. हमारी लड़कियां भी उसके कॉलेजों में जाती हैं. अब तक कोई आरोप नहीं लगा है. हमारे सामने ऐसी कोई घटना नहीं आई है.”
नीलम के साथ आईं खालिदा सीधे तौर पर कहा, “मैंने स्थानीय इकाई की एक बैठक में भाग लिया जहां हमें बताया गया कि इस मुद्दे के पीछे राजनीति है. वह बैठक जनवरी के विरोध (पहलवानों द्वारा) के तुरंत बाद आयोजित की गई थी. हमें सूचित किया गया कि यह सब (यौन उत्पीड़न के आरोप) झूठे थे.उन्होंने मेरे बच्चों को उनके एक स्कूल में दाखिला दिलाने का वादा किया था.’
(अनुवाद/ संपादन- पूजा मेहरोत्रा)
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