नई दिल्ली: विपक्ष के 12 दलों ने रविवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. कार्यवाही के स्थगन के विपक्षी दलों के अनुरोध की अनदेखी के बाद जिस तरह से सदन में दो कृषि विधेयकों को पारित किया गया, उसे लेकर ही यह नोटिस दिया गया है.
वहीं, भाजपा सदन में कृषि विधेयकों को पारित किये जाने के दौरान अमर्यादित आचरण करने के आरोपी कुछ विपक्षी सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है.
सूत्रों ने कहा कि विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान क्या हुआ और कौन से सांसद कथित हिंसा में शामिल रहे? इसका पता लगाने के लिए राज्यसभा टेलीविजन की फुटेज को देखा जा रहा है.
विपक्षी दलों के हंगामे के बीच उच्च सदन ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी.
उप सभापति के खिलाफ नोटिस देने वाले दलों में कांग्रेस, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, भाकपा, माकपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (मणि) और आम आदमी पार्टी शामिल हैं.
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने आरोप लगाया कि जिस तरह विधेयकों को पारित किया गया, वह लोकतंत्र की ‘हत्या’ है. उन्होंने कहा कि इसके मद्दनेजर 12 दलों ने उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
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नीतीश विपक्षी दलों के सांसदों के दुर्व्यवहार की निंदा की
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ उच्च सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा किये गये दुर्व्यवहार की रविवार को निंदा की और कहा कि यह संसदीय परंपरा एवं उसकी गरिमा के खिलाफ है .
राज्यसभा में आज दिन में कृषि संबंधी दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुये, जिस दौरान विपक्षी सदस्य सभापति के आसन तक चले गये और उनके डेस्क पर रखी नियमावली को उठा कर हरिवंश की ओर फेंक दिया तथा सरकारी दस्तावेजों को फाड़ दिया.
आज राज्य सभा में संसदीय परंपरा और मर्यादा के विरुद्ध माननीय उप सभापति पर जो हमला हुआ, वह निंदनीय है, जिससे मैं स्तब्ध और दुःखित हूं। आज की घटना संसद की गरिमा को चोट पहुंचाती है।…(1/2)
— Nitish Kumar (@NitishKumar) September 20, 2020
नीतीश ने ट्वीट किया, ‘राज्यसभा के उपसभापति पर हमला संसदीय परंपरा और उसके गौरव के खिलाफ है . यह निंदनीय है . मैं स्तब्ध एवं दुखी हूं .’ उन्होंने कहा, ‘आज की घटना से संसद के गौरव को हानि पहुंची है . हमें संसद की गरिमा को ध्यान में रखना चाहिए और लोकतंत्र में आसन का सम्मान करना चाहिए .’