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Saturday, 16 November, 2024
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BJP के 10 विधायक ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए कर्नाटक विधानसभा से निलंबित, बोम्मई बोले- ब्लैक डे ऑफ डेमोक्रेसी

विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष और आसन पर कागज फेंकने के आरोप में बीजेपी के 10 विधायकों को इस सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है.

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बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यू टी कादर ने बुधवार को सदन में ‘‘अशोभनीय और अपमानजनक आचरण’’ के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 10 विधायकों को विधानसभा के शेष सत्र से निलंबित कर दिया.

वहीं, विपक्षी दल भाजपा और जद(एस) ने कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष यू टी कादर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को दिया है.

विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा के जिन 10 विधायकों को निलंबित किया है वे हैं-डॉ. सी एन अश्वथ नारायण, वी सुनील कुमार, आर अशोक, अरागा ज्ञानेंद्र (सभी पूर्व मंत्री), डी वेदव्यास कामथ, यशपाल सुवर्ण, धीरज मुनिराज, ए उमानाथ कोटियन, अरविंद बेलाड और वाई भरत शेट्टी. विधानसभा सत्र तीन जुलाई को शुरू हुआ और 21 जुलाई को समाप्त होने वाला है.

विधायकों के निलंबन के बाद भाजपा नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराव बोम्मई ने कहा, “यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है. आज लोकतंत्र की हत्या हुई. उन्हें (10 भाजपा विधायकों को) उनके छोटे से आंदोलन के लिए निलंबित कर दिया गया है. हम निलंबित विधायकों के अधिकार के लिए लड़ेंगे.”

अध्यक्ष ने सदन में हंगामे के बाद यह कार्रवाई की. भाजपा के कुछ सदस्यों ने विधेयकों और एजेंडे की प्रतियां फाड़ दीं और उन्हें अध्यक्ष के आसन की ओर फेंक दिया क्योंकि वे दोपहर के भोजन के अवकाश के बिना सदन की कार्यवाही संचालित करने के कादर के फैसले से नाराज थे.

पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने आगे कहा, “आज विधानसभा में लोकतंत्र की हत्या हुई. यह कांग्रेस सरकार की तानाशाही को दर्शाता है, उन्होंने हमारे 10 विधायकों को बिना किसी कारण के निलंबित कर दिया है. हमने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जारी किया है. हम इस लड़ाई को लोगों तक ले जाएंगे.”

पिछले दो दिन विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के कथित ‘‘दुरुपयोग’’ के लिए कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ भाजपा के विरोध के बीच यह कार्रवाई हुई है.

बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष और आसन पर कागज फेंकने के आरोप में बीजेपी के 10 विधायकों को इस सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है.

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं उनके (10 विधायकों) नाम उनके अशोभनीय और असम्मानजनक आचरण के कारण ले रहा हूं.’’ इसके बाद कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि सदन उनकी पीड़ा पर कदम उठाएगा.

पाटिल ने कहा, ‘‘मैं यह प्रस्ताव पेश कर रहा हूं…मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कर्नाटक विधानसभा नियमावली की धारा 348 के तहत इन सदस्यों को उनके अशोभनीय और अपमानजनक आचरण के लिए शेष सत्र तक विधानसभा से निलंबित करना चाहिए और सदन में प्रवेश करने से रोका जाना चाहिए.’’

अध्यक्ष कादर ने कहा, ‘‘बेहद पीड़ा के साथ मैं इस प्रस्ताव को वोटिंग के लिए रख रहा हूं.’’ ध्वनि मत के आधार पर 10 सदस्यों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया.

कर्नाटक बीजेपी विधायक और पूर्व राज्य मंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने कर्नाटक विधानसभा से अपने निलंबन पर कहा, “आज काला दिन है, सही पक्ष पर होने के बावजूद हमें निलंबित कर दिया गया है. हमने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जारी किया है.”

विधानसभा में हंगामे पर कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर कहते हैं, “…यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हमने सदन में कुछ दिशानिर्देश, कुछ नियम बनाए हैं. सदन के कुछ नियम हैं. उन्हें वहां जाने और विरोध करने से कोई नहीं रोकता है.”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन कुछ बुनियादी अनुशासन हैं जिनका उन्हें पालन करना होगा, कुर्सी पर हमला करना कुछ ऐसा है जो हम कर्नाटक विधानमंडल में नहीं देखना चाहते हैं…और यह यहां हुआ है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है और हम स्पीकर से भी कुछ कार्रवाई करने की अपील की थी. अगर ऐसा नहीं करते और इसे ऐसे ही जाने दिया गया, तो मुझे नहीं लगता कि हमारा सदन ठीक से चल पाएगा…”

बता दें इस दौरान कर्नाटक विधानसभा के बाहर चल रहे हंगामें में कर्नाटक के बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल बेहोश हो गए. उन्हें अस्पताल ले जाया गया है.


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