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Friday, 8 November, 2024
होमराजनीतिजस्टिन ट्रूडो के भारत दौरे का एक पहलू: कट्टर प्रतिद्वंद्वी मोदी व कांग्रेस एक मंच पर

जस्टिन ट्रूडो के भारत दौरे का एक पहलू: कट्टर प्रतिद्वंद्वी मोदी व कांग्रेस एक मंच पर

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सरकारी सूत्रों का कहना है कि जब अमरिन्दर सिंह ने केन्द्र को कनेडियन राजनितिज्ञों के खालिस्तानी अलगाववादियों को समर्थन देने के बारे में बताया तो केन्द्र ने उनका पक्ष लेने का निर्णय किया.

नई दिल्ली: यह एक अजूबे से कम नहीं था जब दो राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी, पंजाब में कांग्रेस सरकार व केन्द्र की बीजेपी सरकार ने अपनी कार्यवाई को समनवित किया ताकि जब कनेडियन प्रधनमंत्राी जस्टिन ट्रूडो व उनके सहयोगियों से उनकी खालिस्तान समर्थक तत्वों को प्रोत्साहन देने के मुद्दे पर चर्चा हो तो वे एकजूट दिखें.

नई दिल्ली व चण्डीगढ़ के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्राी अमरिन्दर सिंह ने केन्द्र को व्यक्तिगत रूप से बताया कि वे कनाडा में अलगाववादी तत्वों को खुला समर्थन दिए जाने पर क्यों नाखुश हैं, जिसकी वजह से केन्द्र ने इसकी स्थिति को स्पष्ट रूप से समर्थन देने का फैसला किया.

जब नरेंद्र मोदी व अमरिन्दर सिंह 2002-2003 में गुजरात व पंजाब के मुख्यमंत्री थे तब उनका आपस में बहुत अच्छा समीकरण हो गया था, इसने निस्सदेंह सहायता की. सूत्रों ने बताया कि अमरिन्दर सिंह ने बहुत वर्षों से मोदी के साथ बहुत अच्छी दस्ती कायम रखी है.

‘उनका व्यक्तिगत समीकरण बहुत अच्छा है, वे अच्छे मित्र हैं, परन्तु ऐसे फैसले में जहां अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध् का मानला हो, यह बातें महत्वपूर्ण नहीं है. यह इसलिए लिये जाते हैं क्योंकि राष्ट्रीय हित अंतर्निहित होता है’, एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया.

एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने भी स्वीकार किया कि मोदी, जिसने अपना मिशन भारत को ‘कांग्रेस मुक्त’ बनाने का किया हुआ है, और अमरिंदर, एक मात्र कांग्रेसी जिसने बीजेपी के राजनैतिक विरोध का सामना करते हुए पंजाब में विजय प्राप्त किया, के आपसी रिश्ते बहुत अच्छे हैं. नेता ने कहा कि पार्टी पूरी तरह से अमरिन्दर के साथ है.

‘हम बीजेपी की राजनीति में विश्वास नहीं रखते, परन्तु अगर हमारे मुख्यमंत्री के केन्द्र सरकार के साथ अच्छे कार्यकारी सम्बन्ध् हैं तो इसमें क्या अनुचित है? पार्टी पूरी तरह केप्टन अमरिन्दर सिंह का समर्थन करती है’, कांग्रेसी नेता ने कहा. जबकि बीजेपी का कोई भी नेता यह कहते हुए कि, केवल सरकार ही इस संवेदनशील मुद्दे पर बात कर सकती है, आधिकारिक रूप से सामने आने को तैयार नहीं था, एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी सरकार यह सुनिश्चित करना जानती है कि राष्ट्रीय गौरव पर समझौता न हो. राज्य सरकारों के साथ मिलजुल कर काम करना हमारे डीएनए में हैं.

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