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Saturday, 2 November, 2024
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कौन कहता है एक या दो पैग सेहत के लिए अच्छे है? इसके बजाय सही और भरपूर सब्जियां खाएं

आम धारणा है कि कभी-कभार या फिर रोजाना एक-दो पैग ले लेने में कोई बुराई नहीं है. लेकिन सेहतमंद बने रहने के लिए अपनाए जाने वाली खान-पान संबंधी ग्लोबल दिशा-निर्देशों में इसे शामिल नहीं किया जा सकता है.

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मॉडरेट ड्रिंकिंग यानी शराब के एक-दो पैग दिल को सेहतमंद बनाए रखने और बीमारियों को रोकने का काम करते हैं. ऐसा लंबे समय से कहा जाता रहा है. हालांकि यहां ‘मॉडरेट’ शब्द को सही मायने में समझ पाना थोड़ा सा पेचीदा है. लोग अक्सर इसका गलत मतलब निकाल लेते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड अल्कोहलिज्म (NIAAA) ने मॉडरेट ड्रिंकिंग को कुछ इस तरह परिभाषित किया है- पुरुषों के लिए रोजाना चार पैग और महिलाओं के लिए तीन पैग या कह सकते हैं कि पुरुषों के लिए एक सप्ताह में 14 पैग तक और महिलाओं के लिए सात. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड अल्कोहलिज्म ‘एक मानक पैग’ की मात्रा तय करते हुए इसे बियर के 12 औंस के रूप में परिभाषित करता है, जो आम तौर पर लगभग पांच प्रतिशत अल्कोहल या पांच औंस वाईन के बराबर है. वाईन में आम तौर पर लगभग 12 प्रतिशत अल्कोहल, या 1.5 औंस, डिस्टिल्ड स्पिरिट, लगभग 40 प्रतिशत अल्कोहल है.

लेकिन अधिकांश लोग, इस परिभाषा से अंजान है और वह ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करते हैं. शराब की वजह से होने वाले हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका के सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने पुरुषों के लिए एक दिन में दो पैग या उससे कम और महिलाओं के लिए एक दिन में एक या उससे कम पैग की सिफारिश की है.

कई संस्कृतियों में शराब जिंदगी का हिस्सा है और खुशियां मनाने का एक तरीका भी. हालांकि, पहले किए गए अध्ययनों में निकलकर आया था कि अगर निर्धारित सीमा के भीतर शराब का सेवन किया जाए तो सेहत को इससे कुछ फायदे मिलते हैं. लेकिन हाल के अध्ययन इन निष्कर्षों को चुनौती देते नजर आ रहे हैं.


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‘सेहत को होने वाले फायदे’ के दावे के पीछे का विज्ञान’

2011 में 63 अध्ययनों के जरिए एक समीक्षा और मेटा-विश्लेषण तैयार किया गया. इससे पता चला कि मॉडरेट ड्रिंकिंग से कई कार्डियोवैस्कुलर मार्करों में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले जैसे कि हाई डेंसिटि लिपोप्रोटीन और एडिपोनेक्टिन में सुधार हुआ था, लेकिन इसने कुल कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नहीं बढ़ाया. 2014 में एक फूड फ्रिक्वेंशी प्रश्नावली पर आधारित स्पेनिश अध्ययन में पाया गया कि मॉडरेट ड्रिंकिंग से मृत्यु दर का जोखिम 25 प्रतिशत तक कम हो गया था. इस अध्ययन में भाग लेने वाले मेडिटरेनियन डाइट पर थे. ये डाइट सेहत के फायदों के चलते पहले से ही सर्वोत्तम आहारों में से एक साबित हो चुकी है. तो ऐसे में, यह तय करना मुश्किल है कि मृत्यु दर में कमी संपूर्ण आहार की वजह से आई थी या फिर इसका एक अकेला कारण शराब थी.

2018 में अमेरिका में किए गए एक अध्ययन से भी यही बात निकलकर सामने आई. इसके अनुसार जो लोग कम या मॉडरेट ड्रिंक करते थे, उनमें मृत्यु दर का जोखिम कम था. जबकि यह जोखिम उन वयस्कों में बढ़ गया, जिन्होंने भारी मात्रा में शराब का सेवन किया था. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि मॉडरेट मात्रा में शराब पीने से मानसिक सेहत में सुधार हो सकता है. 1985 में प्रकाशित एक समीक्षा अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि इससे अवसाद और तनाव कम होता है और संकोची स्वभाव में सुधार आता है. इसके अलावा ये अध्ययन मॉडरेट ड्रिंकिंग को, खुश रहने और खुशी जाहिर करने से भी जोड़ते है. 2020 में चीन में किए गए एक अध्ययन से पता चला कि इससे मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों में अवसाद का जोखिम कम हो गया था.

सेहत के लिए फायदे का सौदा बताकर मॉडरेट ड्रिंकिंग की वकालत करने वाले ये अध्ययन शोध के लिए अपनाई गई पद्धति में खामियों की वजह से कमजोर नजर आते हैं. क्योंकि वे ज्यादातर पीने की सेल्फ रिपोर्टेड आदतों पर निर्भर हैं.

लेकिन हाल ही में किए गए शोध कुछ और ही कहते हैं

जामा नेटवर्क ओपन ने मार्च 2022 में एक बड़ा अध्ययन किया था. इसमें 57 साल की उम्र के 3,71,643 व्यक्तियों को शामिल किया गया था. इन सभी ने प्रति सप्ताह 9.2 पैग का सेवन किया था. शोध से पता चला कि जिन प्रतिभागियों ने कम मात्रा में शराब का सेवन किया, उनमें हृदय रोगों का जोखिम कम पाया गया. हालांकि, जब उन्होंने मेंडेलियन रैंडमाइजेशन नामक नई आनुवंशिक तकनीक का इस्तेमाल किया, तो परिणाम कुछ और ही कहते नजर आए. इसके अनुसार किसी भी मात्रा में शराब का सेवन, कहीं न कहीं बढ़े हुए हृदय जोखिम से जुड़ा हुआ था. शराब के अधिक सेवन से यह जोखिम और बढ़ गया. अध्ययन ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा, ‘जेनेटिक एपिडेमियोलॉजी ने सुझाव दिया कि किसी भी मात्रा में शराब का सेवन बढ़े हुए हृदय जोखिम से जुड़ा है. जोखिम का कम या ज्यादा होना, पी गई शराब की मात्रा से जुड़ा है.’

2009 में, स्टॉकवेल और उनके सहयोगियों ने शराब के सेवन से जुड़े शोध के कई परिणामों को लेकर पूर्वाग्रह की बात कही. उन्होंने इस संबंध में उपलब्ध साक्ष्य की गुणवत्ता पर विचार करने के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा समुदाय द्वारा व्यापक शोध की सलाह भी दी. 2015 के एक बीएमजे अध्ययन ने कहा कि कम या ज्यादा शराब का सेवन और मृत्यु दर में कमी के बीच का संबंध प्रतिभागियों के अनुचित चयन से प्रभावित और भ्रमित करने वाला हो सकता है.

हाल के शोध में पाया गया है कि भले ही सीमित मात्रा में शराब पीने से स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हुआ हो। लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि इसके पीछे यही एकमात्र कारण था. आनुवांशिक या व्यवहार से जुड़े कारण भी इसकी वजह हो सकते हैं.

सेहतमंद होना हमारी जीवनशैली से जुड़ा है

कभी-कभार एक या दो पैग से इंकार नहीं किया जाता है, लेकिन इसे यह कहकर खान-पान संबंधी ग्लोबल दिशा-निर्देशों में शामिल नहीं किया जा सकता कि इससे हमारी सेहत को फायदा पहुंचता है.

शराब के ‘कथित लाभ’ प्राप्त करने के तरीके के रूप में बार-बार इसे अपने खान-पान में शामिल करने से इसकी लत लग सकती है और हृदय रोग, कुछ प्रकार के कैंसर व मानसिक रोग मसलन- तनाव, चिंता, अवसाद, आदि का खतरा बढ़ सकता है. एक बेहतर जीवन शैली में संतुलित आहार लेना, नियमित शारीरिक गतिविधियां, पूरी नींद लेना, वित्तीय स्थिरता बनाए रखना और खुश रहना शामिल है। सीमित मात्रा शराब पीने की बजाय, मिनरल्स, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और फाइबर से भरपूर सब्जियां खाई जाएं, तो सेहत को ज्यादा फायदे मिलेंगे.

(डॉ सुभाश्री रे डॉक्टरेट स्कॉलर (केटोजेनिक डाइट), डायबिटिक एजुकेटर, और क्लीनिकल और सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण विशेषज्ञ हैं. वह @DrSubhasree पर ट्वीट करती हैं. उनके ये विचार व्यक्तिगत हैं.)

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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