आइए इस पर बात करते हैं – जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे मुंहासे के निशान के रंग गहरे होते जाते हैं, त्वचा ढीली हो जाती है और सनस्पॉट्स दिखने लगते हैं, और हमारी स्किन ज्यादा रूखी हो जाती है, धब्बे और झुर्रियां दिखने लगती हैं. कुछ लोगों को बुढ़ापा में भी एक खूबसूरती दिख सकता है और वह भी आकर्षक लग सकता है, लेकिन अधिकांश इसे जहां तक संभव हो लंबे समय के तक टालने की ही कोशिश करेंगे. धूप में निकलना, हानिकारक केमिकल्स से युक्त खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों का उपयोग करना, स्किन की ठीक से देखभाल न करने की आदत, धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीना हमारी स्किन की इलास्टिसिटी को बनाए रखने वाले कीमती कोलेजन और इलास्टिन को तोड़कर इस प्रक्रिया को और तेज़ कर देते हैं. त्वचा की कोशिकाओं के बीच चिपकने वाली सामग्री की कमी और आवश्यक तेलों और फैटी एसिड की अनुपस्थिति के कारण भी एजिंग में तेजी आ सकती है.
तो, आपको स्किन की उम्र बढ़ने की चिंता कब शुरू करनी चाहिए?
हममें से अधिकांश लोग तब तक परेशान नहीं होते जब तक कि हम अपने चेहरे पर उन पहली कुछ बारीक रेखाओं को नहीं देख लेते. तभी वास्तविकता सामने आती है और हम अपनी त्वचा की दिनचर्या के प्रति आसक्त हो जाते हैं. लेकिन तब तक इंतजार क्यों करें?
उम्र की वजह से स्किन में होने वाला डैमेज और एजिंग से बचने के लिए अपने जेनेटिक्स के आधार पर 20 या 30 साल के उम्र से ही एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स का उपयोग करना शुरू कर देना सबसे अच्छा है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी (एएडी) के अनुसार, आप छह महीने की उम्र से भी इन उत्पादों का इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं.
मेरा सुझाव है कि यदि आप धूप में बहुत समय बिताते हैं तो आप तुरंत एंटी-एजिंग उत्पादों का उपयोग करना शुरू कर दें. यदि आप अपनी किशोरावस्था में हैं और बाहर खेलते समय सनस्क्रीन नहीं लगाते हैं, तो आप दूसरों की तुलना में आपको जल्दी झुर्रियां और महीन रेखाएं दिखनी शुरू हो जाएंगी. अधिक ऊंचाई पर रहने वाले लोगों को अधिक सतर्क रहना चाहिए क्योंकि उनकी त्वचा पतली होती है और उन क्षेत्रों में धूप तेज होती है. और सनस्क्रीन को अपनी एंटी-एजिंग स्किन केयर रूटीन का एक अनिवार्य हिस्सा बनाएं – इसे नियमित रूप से लगाने से आपकी त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में देरी हो सकती है.
जैसा कि बायोप्सी के माध्यम से पता चला है, भारतीयों की स्किन आमतौर पर मोटी होती है, आमतौर पर इसे टाइप IV या टाइप V की कैटेगरी में रखा जाता है, जो कि ऑलिव और ज्यादा डार्क स्किन के प्रकार में शामिल होती है. यह स्किन बर्न कम होती है और इसमें टैनिंग ज्यादा होती है. मेलेनिन की उच्च कॉन्सनट्रेशन के कारण, सौभाग्य से, हमारी त्वचा एजिंग के प्रभाव के ज्यादा सुरक्षित है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप सनस्क्रीन लगाना छोड़ दें या मेकअप लगाकर सो जाएं, जिससे काफी नुकसान भी हो सकता है.
एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स जिनका आप उपयोग कर सकते हैं
सनस्क्रीन: आपकी उम्र चाहे जो भी हो, किसी भी एंटी-एजिंग स्किन केयर रूटीन में सनस्क्रीन के प्रयोग के मामले में कोई समझौता हो सकता है. 30 या उससे अधिक एसपीएफ वाले ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन की तलाश करें, और इसे हर दिन लगाएं, चाहे बारिश हो या धूप. यह न केवल झुर्रियों और महीन रेखाओं को रोकेगा बल्कि स्किन कैंसर के विकास के आपके जोखिम को भी कम करेगा.
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विटामिन सी सीरम: यह एंटीऑक्सीडेंट पावरहाउस आपके रंग को गोरा करने में मदद कर सकता है, काले धब्बे और हाइपरपिग्मेंटेशन की उपस्थिति को कम कर सकता है, और आपकी त्वचा को मजबूती देने के लिए कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ावा दे सकता है. अधिकतम प्रभावकारिता के लिए इसे सुबह साफ़ करने के बाद और मॉइश्चराइज़ करने से पहले लगाएं.
Hyaluronic Acid: यह हमारी त्वचा में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है जो इसे हाइड्रेटेड और मोटा रखने में मदद करता है. हालांकि, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर में इसका उत्पादन कम होता जाता है, जिसकी वजह से स्किन में महीन रेखाएं और झुर्रियां आने के साथ इसमें निखार खत्म हो सकता है और डिहाइड्रेटेड हो सकती है. हाइलूरोनिक एसिड वाले उत्पाद का उपयोग करने से त्वचा की नमी को फिर से प्राप्त करने में मदद मिल सकती है, जिससे यह अधिक कोमल और युवा दिखती और महसूस होती है. हालांकि अपनी त्वचा के प्रकार के मुताबिक इसका इस्तेमाल करने का सावधानी बरतनी चाहिए.
रेटिनॉल: यह विटामिन ए का डेरिवेटिव है जो अपने एंटी-एजिंग गुणों के लिए जाना जाता है. रेटिनॉल, कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया को तेज करके और कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ाकर काम करता है, जो पतली लाइनों, झुर्रियों और उम्र के कारण दिखने वाले धब्बों की उपस्थिति को कम करने में मदद कर सकता है. इसके अतिरिक्त, रेटिनॉल स्किन के छिद्रों (Pores) को क्लियर करने और मुंहासे को रोकने में मदद कर सकता है, जिससे यह त्वचा की देखभाल संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए काफी महत्त्वपूर्ण बनाता है.
फेस वॉश: और अंत में, दिन की गंदगी और अशुद्धियों को दूर करने वाला एक जेंटल केमिकल-फ्री फेस वॉश काफी जरूरी है. रूखी, ऑइली या सेंसिटिव – जैसी भी आपकी स्किन हो, उसी के मुताबिक किसी फेश वॉश को चुनने की जरूरत है. दिन के दौरान आपकी त्वचा पर जमा हुए किसी भी मेकअप, पसीने या प्रदूषण को दूर करने के लिए रात में अपना चेहरा धोना महत्वपूर्ण है. यह चरण आपकी रात के समय स्किन केयर की शुरुआत है जो आपकी त्वचा को रात भर सांस लेने और रिपेयर करने में मदद करता है. इसके अतिरिक्त, यदि आप अपनी त्वचा में रूखापन महसूस करते हैं तो एक समृद्ध ईमोलिएंट नाइट क्रीम का उपयोग करें. चूंकि रूखापन उम्र बढ़ने के पहले चरणों में से एक है और इसके परिणामस्वरूप इलास्टिसिटी में कमी आ सकती है, इसलिए अपनी स्किन को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज़ करना आवश्यक है.
यदि आपकी त्वचा में बाहर से रूखेपन के लक्षण दिखते हैं, तो यह भीतर से और भी रूखी हो सकती है. मछली, अलसी के बीज, नट्स और प्लांट ऑयल का उपयोग करके ओमेगा 3, 6, और 9 के सेवन को बढ़ाएं जो कि आवश्यक फैटी एसिड या ईएफए है. ये खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट्स में भी भरपूर होते हैं.
एक बार जब उम्र बढ़ने लगती है और कोलेजन फाइबर टूट जाते हैं, तो त्वचा की मरम्मत कठिन हो जाती है. लेकिन अपनी त्वचा और ओवरऑल हेल्थ का ख्याल रख के इस फिर से ठीक किया जा सकता है. अपनी त्वचा का ख्याल रखना थोड़ा महंगा पड़ सकता है, इसलिए कम से कम आप यह कर सकते हैं कि आप 30 के दशक में अपनी त्वचा की देखभाल करना शुरू कर दें. ऐसा तब होता है जब अधिकांश व्यक्ति जीवन में महत्वपूर्ण बदलावों से गुजर रहे होते हैं – करियर बनाना, शादी करना, बाहर जाना, बच्चे पैदा करना और खाने की आदतों में बदलाव, जिसकी वजह से काफी तनाव और जीवन शैली में बदलाव आ सकते हैं. आप अपने 30 और 40 के दशक में अपनी त्वचा के साथ क्या करते हैं, यह बाद के वर्षों में इसके स्वास्थ्य को निर्धारित करेगा.
एक और सावधानी: लेकिन सेलॉन फेशियल, स्टीम, ब्लीच इत्यादि करवा के अति नहीं करनी है और नए लॉन्च किए गए ऑनलाइन उत्पादों पर भी बहुत भरोसा दिखाने से थोड़ा बचना है. क्योंकि कोई चमत्कारी घुट्टी आपकी त्वचा को ठीक नहीं कर पाएगी और लगातार व व्यापक एंटी-एजिंग स्किनकेयर रूटीन ही आपके चेहरे को चमकदार बनाए रखने में काफी मदद कर सकता है.
(डॉ दीपाली भारद्वाज एक त्वचा विशेषज्ञ, एंटी-एलर्जी विशेषज्ञ, लेजर सर्जन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित एस्थेटिशियन हैं. उनका ट्विटर हैंडल @dermatdoc है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं)
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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