scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होममत-विमतट्विटर के मास्टहेड पर अब एक नया नाम है- एलन मस्क, पर इससे आपके लिए क्या कुछ बदला है

ट्विटर के मास्टहेड पर अब एक नया नाम है- एलन मस्क, पर इससे आपके लिए क्या कुछ बदला है

मस्क ने इस बात के संकेत जरूर दिए हैं कि वह चाहते हैं कि ट्विटर पर सिटीजन जर्नलिज्म फले- फूले और स्थानीय समाचार माध्यमों को और अधिक प्रमुखता मिलनी चाहिए.

Text Size:

पिछले हफ्ते, एक शख्स बड़े सांस्कृतिक महत्व वाली, पर एक संघर्षरत अमेरिकी कंपनी के मुख्यालय में, आप मानो या न मानो, एक सिरेमिक बाथरूम सिंक के साथ आ धमका.

वह व्यक्ति $44 बिलियन की लागत से इस कंपनी को खरीदने की कोशिश कर रहा था, लेकिन इस सौदे को अंतिम रूप देने संभावनाओं के बारे में उहापोह में था, क्योंकि उसे यकीन था कि पॉप कल्चर में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में इसकी अहमियत को ध्यान में रखते हुए भी यह कंपनी इस मूल्य के लायक नहीं भी हो सकती है.

सिंक लेकर चलने का स्टंट करते हुए ध्यान खींचने वाला यह असाधारण व्यक्ति और कोई नहीं वल्कि दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क थे.

और जिस कंपनी को वे अपने कभी प्यार, कभी नफरत वाले रवैये के साथ लुभा रहे हैं, वह ट्विटर है- एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिसका इस्तेमाल तानाशाही को चुनौती देने के लिए किया जाता है, और जो निश्चित रूप से 21वीं सदी के मीडिया का ‘एडिटर-इन चीफ’ हैं, जो यह तय करता है कि कौन सी बात ‘समाचार’ बन जाती है.

सोशल मीडिया की इस दिग्गज कंपनी के साथ कई महीनों तक चले प्यार-मनुहार के दौर और ट्विटर की तरफ से कई बार ठुकराए जाने के बाद, मस्क ने आखिरकार उस सौदे को पक्का कर दिया है जो इस प्लेटफार्म में बड़े और धमाकेदार बदलाव लाएगा. और इसीलिए यह सौदा ही दिप्रिंट के लिए ‘न्यूजमेकर ऑफ़ द वीक’ है.


यह भी पढे़ं: बरकरार है अगड़ी जातियों की गिरफ्त भारतीय मीडिया पर


मस्क द्वारा ट्विटर को खरीदने से पहले का दौर

महामारी के दौरान ही किसी समय में मस्क अपने ट्वीट्स की वजह से बहुत अधिक प्रसिद्ध हो गए थे. उनकी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स के माध्यम से मंगल ग्रह के उपनिवेशिकरण के अपने विजन और अपनी वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के तहत अच्छे दिखने वाले इलेक्ट्रिक वाहन बनाकर ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाने की वजह से उनके पास पहले से ही एक कल्ट फॉलोइंग (उन्हें महानायक मान कर अनुसरण करने वाले लोगों का समूह) थी.

दो साल पहले मस्क के ट्विटर पर 39.6 मिलियन (तक़रीबन 4 करोड़) फॉलोअर्स थे. एक साल पहले इनकी संख्या 61.6 मिलियन (6 करोड़ से अधिक) थी. अब, उनके पास 110.3 मिलियन (11 करोड़ से कुछ अधिक) फॉलोअर्स की ऐसी संख्या है, जिससे हॉलीवुड सुपरस्टार्स को भी ईर्ष्या हो सकती है.

जब सारी दुनिया लॉकडाउन में थी, तभी मस्क ने बिटकॉइन और डॉगकोइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ट्वीट करना शुरू कर दिया था. जब उनके ट्वीट्स ने एसेट क्लास (संपत्ति के वर्ग) की कीमत को प्रभावित करना शुरू कर दिया, तो मुख्यधारा के समाचार माध्यम ‘एलन वाच’ तक ही सीमित रह गए थे और इनका काम इस अरबपति शख्स द्वारा ट्वीट किये जा रहे बचकाने मीम्स पर रिपोर्टिंग करना ही रह गया था.

फिर इस साल अप्रैल में, ट्विटर के साथ मस्क के लगाव ने गति पकड़ना और मीडिया का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया.

9.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ट्विटर का सबसे बड़े शेयरधारक बनने के बाद मस्क ने इसके निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स) में शामिल होने का फैसला किया था. फिर, अचानक से, उन्होंने इस बोर्ड में कोई सीट नहीं लेने का फैसला किया. फिर, 14 अप्रैल, मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऑफर दे दिया

फिर सामने आये विश्वास से जुड़े मुद्दे.

जुलाई में, मस्क ने कहा कि वह इस माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट को नहीं खरीदना चाहते क्योंकि ट्विटर ने मॉनिटाइजेशन योग्य रोजाना के सक्रिय यूजर्स की संख्या के बारे में सटीक जानकारी प्रदान नहीं की थी और न ही यह बताया था इनमें से कितने सिर्फ स्पैम और बॉट अकाउंट हैं. इसके बाद ट्विटर ने मस्क को यह सौदा करने के लिए मजबूर करने के मकसद से मुकदमा दायर किया.

यह मामला आखिरकार 27 अक्टूबर को उस वक्त सुलझा, जब मस्क ट्विटर मुख्यालय में एक सिंक लेकर आ पहुंचे, अपने लोकेशन को ट्विटर के मुख्यालय में, और अपने बायो को ‘चीफ ट्विट’ के रूप में बदल दिया.

ट्विटर के लिए इसके क्या मायने हैं?

जब मस्क ट्विटर का अधिग्रहण पूरा कर लेंगे, तो वह शेयर बाजार से बाहर हो जाएगा और एक निजी कंपनी बन जायेगा. और मस्क को ट्विटर में चीजों को बदलने का मौका मिल जायेगा, जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की परवाह, या इस बात की चिंता किये बिना कि कंपनी को अपने प्लेटफॉर्म के साथ क्या करना चाहिए.

एक बहुत ही स्पष्ट, मेम-फ्री नोट में, मस्क कहते हैं कि उन्होंने ट्विटर को इसलिए खरीदा क्योंकि वह मानवता से प्यार करते हैं और मानते हैं कि हमारी सभ्यता में एक ‘सामान्य डिजिटल टाउन स्क्वायर (शहर का चौक)’ होना चाहिए, और वे ट्विटर को वही टाउन स्क्वायर बनाना चाहता है, जहां ‘विश्वासों की एक विस्तृत श्रृंखला पर स्वस्थ तरके से बहस की जा सकती है; एक ऐसी जगह जो ‘सभी के लिए गर्मजोशी भरी और स्वागत’ करने वाली हो और साथ ही यह प्लेटफार्म ‘उस जगह के कानूनों’ का भी अनुपालन करता हो.’

इसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने के निर्णय, जिसकी वजह से ट्विटर के तत्कालीन कानूनी और नीति मामलों के प्रमुख विजया गड्डे को नफरत की बौछार का सामना करना पड़ा था, को पलटना भी शामिल हो सकता है.

मस्क पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि उन्हें लगता है कि गड्डे ‘ट्विटर के वामपंथी पूर्वाग्रह’ का प्रतिनिधित्व करते हैं.

और पराग अग्रवाल का क्या होगा? एक साल से भी कम समय के ट्विटर सीईओ रहे पराग अब वहां से जा रहे हैं. साथ ही, गड्डे, ट्विटर के वित्त प्रमुख और इसके जनरल काउंसल भी अपना-अपना पद छोड़ रहे हैं, ट्विटर में नौकरियों में भी बड़ी कटौती हो सकती है.

मस्क ने पहले कहा था कि वह ट्विटर के 75 प्रतिशत कर्मचारियों को हटा देंगे. लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होगा. लेकिन फिर, यह फैसला भी बदल सकता है क्योंकि जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं वह ‘मस्क’ हैं.

ऐसा लगता है कि मस्क ट्विटर को और अधिक लाभदायक बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी पोस्ट में ट्विटर को खरीदने के अपने कारणों को बताते हुए मानवता से प्यार करने की जो बात कही गयी है, उसमें ट्विटर के विज्ञापनदाताओं को संबोधित किया गया था, न कि इसका उपयोग करने वालों (यूजर्स) को.

अधिक विज्ञापनदाताओं को प्रोत्साहित करने से ट्विटर को अपना राजस्व बढ़ने में मदद मिल सकती है, जो कि इसके समकक्ष सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स. मेटा या स्नैपचैट के आस-पास भी नहीं है. और यह बात सामान्य रूप से टीवी समाचारों और समाचारों के नैरेटिव को तय करने में ट्विटर के व्यापक को प्रभाव को देखते हुए अजीब सी लगती है. तो शायद एक व्यवसायी के रूप में मस्क ट्विटर के विज्ञापन मॉडल को दुरुस्त कर सकते हैं.

और ट्विटर यूजर्स के लिए इसके क्या मायने हैं

ट्विटर पर ज्यादातर सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता, सरकारी अधिकारी, सॉफ्टवेयर इंजीनियर और डेवलपर, मस्क जैसे कुछ उद्यमी और उनका पीछा करने वाले पत्रकार रहते हैं.

ट्विटर के एडिटर-इन-चीफ-प्लेटफ़ॉर्म (प्रधान संपादक का मंच) की तरह होने का कारण ही यह है कि जब लोगों और उनके समर्थकों का पहला समूह ट्वीट करता है, तो पत्रकार उन्हें अपनी खबरें बनाने के लिए चुनते हैं. एक पत्रकार को हजारों लाइक और रीशेयर करने वाले ट्वीट्स को पा लेने से ज्यादा खुशी किसी और चीज में नहीं होती है.

अब चाहे यह बेहतर हो या बदतर, मगर ट्विटर ने ‘समाचार’ को बनाना आसान कर दिया है. यह एक पूरी कवायद है: ट्वीट करें, इसे वायरल करें (या तो असली लोगों से या बॉट्स द्वारा रीशेयर करवा के), फिर इसे व्हाट्सएप करें या पत्रकारों को इसके बारे में लिखने के लिए डीएम (डायरेक्ट मैसेज) करें.

जैसा कि मस्क का मानना है, अब कोई इंसान नहीं बल्कि एक ‘सोशल मीडिया एल्गोरिथम’ ही है जो करंट अफेयर्स (समसामयिक मुद्दों) को तय करता है,

मस्क के पदभार संभालने के साथ इनमें से कुछ भी बदलने वाला नहीं है – बशर्ते मस्क ट्विटर के ट्रेंडिंग हैशटैग सेक्शन और इसका निर्धारण करने वाले एल्गोरिदम के साथ खिलवाड़ न करें.

मस्क ने इस बात के संकेत जरूर दिए हैं कि वह चाहते हैं कि सिटीजन जर्नलिज्म (नागरिक पत्रकारिता) ट्विटर पर फले-फूले तथा स्थानीय समाचार को ‘अधिक प्रमुखता मिले’.

न्यूयॉर्क टाइम्स और जिस तरह के मुख्यधारा के मीडिया का प्रतीक है, और जो वैश्विक राय को आकार देने में सक्षम हैं, का मस्क के स्वामित्व वाले ट्विटर द्वारा समर्थन नहीं किया जा सकता है.

मस्क ने ट्वीट किया है, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स वैश्विक राजनीति में एक नए, अराजक खिलाड़ी के रूप में उभरा है. दुनिया के कुछ सबसे ज्वलनशील संघर्षों में इस अखबार का हस्तक्षेप कभी-कभी एक वरदान साबित हुआ है, लेकिन इसके द्वारा दिए गए संदेश (मैसेजिंग) ने समस्याएं पैदा भी की हैं.’

एक बात पक्की है. अब जब ट्विटर के मालिक के रूप में, मस्क अपने किसी वाहियात मीम को ट्वीट करेंगे – यह कहते हुए कि वह कोका-कोला की कंपनी इसलिये खरीदे क्योंकि वह इसमें कोकीन को वापस से डालना चाहता है – तो न्यूज़रूम बहुत अधिक मज़ेदार और यह बहुत अधिक बेतुके भी, होने वाले हैं.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनना ब्रिटेन में बसने की तमन्ना रखने वाले भारतीयों के लिए बुरी खबर है


 

share & View comments