न्यू नार्मल गढ़ते नए भारत में एक और सामान्य घटना घटी. बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. मंत्री का माल्यार्पण करना कुछ लोगों को इतना अखरा कि उन्होने मूर्ति को गंगाजल से धोकर शुद्ध किया. गनीमत है मूर्ति प्राणरहित ही होती अन्यथा यह मंजर देखकर बाबा साहेब की आंखों से आंसू आ गए होते. जिस आंबेडकर ने अपना जीवन ही अस्पृश्यता से लड़ते गुजार दिया, उसी को उनके मानने वालों ने अस्पृश्यता का प्रतीक बना कर खड़ा कर दिया. गंगा जल से मूर्ति को धोना आंबेडकर की लड़ाई को जीरो साबित करना है. मूर्ति धोने वालों ने यह बता दिया कि इस धरती पर अछूत तो रहेगा ही फिर चाहे वह प्रेमचंद का होरी हो या उसका नाम गिरिराज सिंह ही क्यों ना हो.
उस गंगा जल को जानना भी जरूरी है जिससे आंबेडकर को नहलाया गया. बेगूसराय के नकली आंबेडकरवादियों को यह मालूम होना चाहिए उनके शहर में गंगाजल की वास्तविकता क्या है.
क्रोनोलॉजी पर ध्यान दीजिएगा.
गंगोत्री से टिहरी तक भागीरथी (गंगा की मुख्य धारा) अपेक्षागत बेहतर स्थिती में है. टिहरी से नाममात्र का गंदेला पानी लेकर भागीरथी आगे बढ़ती है और अलकनंदा से मिलकर गंगा बनाती है. गंगा जैसे ही मैदान को छूती है, हरिद्वार में, उसका आधा पानी निकालकर दिल्ली को पानी पिलाने वाली नहर में डाल दिया जाता है. हम उस नहर को हर की पैड़ी के नाम से जानते हैं. यहां से थोड़ा आगे बढ़ने के बाद बचे हुए पानी से आधा निकाल कर बिजनौर की मध्य गंगा नहर में डाल देते हैं. मध्य गंगा नहर एटा सहित दस जिलों में सिंचाई करती है, फिर बचा खुचा पानी आगे बढ़ता है और नरौरा एटमिक प्लांट के पास रोक लिया जाता है. यहां लोवर गंग नहर है. यह तथ्य दीगर है कि गंगा यमुना के मध्य बसा यह इलाका पहले ही भूजल से संपन्न हैं. राजनीतिक रूप से यह क्षेत्र हरित प्रदेश कहलाता है.
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वास्तव में गंगा यहां खत्म हो जाती है. फिर भी, कोर्ट की लगातार फटकार और लोगों के दबाव में नरौरा के बाद बहुत थोड़ा सा पानी आगे बढ़ता है. नरौरा, जहां नहर नदी की तरह दिखाई देती है और नदी नहर की तरह. नाममात्र के इस गंगा जल को कानपुर पहुंचने से ठीक पहले बैराज बनाकर शहर को पानी पिलाने के लिए रोक लिया जाता. चूंकि शहर में पानी की किल्लत रहती है इसलिए यहां से एक बूंद पानी भी आगे नहीं बढ़ पाता. यहीं हो जाती है श्री गंगा कथा समाप्त.
इसके बाद इलाहाबाद के संगम में मध्य प्रदेश की नदियों, चम्बल और बेतवा का पानी होता है, जो यमुना में मिलकर इलाहाबाद से गंगा को आगे बढ़ाते हैं. बनारस में लोग आस्था का स्नान चंबल के पानी में करते हैं नाकि गंगा जल में. यही पानी गाजीपुर, बलिया, भोजपुर होते हुए बेगूसराय पहुंचता है. यहां गंगा नदी तो होती है गंगाजल नहीं.
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मासूम सरकारी नीतियों ने गंगा जल को पहाड़ों तक ही सीमित कर दिया है. हर समस्या का समाधान पाकिस्तान में देखने वाले गिरिराज सिंह को दुखी नहीं होना चाहिए. क्योंकि हमने गंगा और आंबेडकर दोनों को ही उनके वास्तविक स्वरूप में नहीं रहने दिया है. दोनों की क्षमता अब राजनैतिक हो गई है. जिसमें उनके मानने वाले ही उनकी मीमांसा तय करते हैं. जैसे यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा अब साफ हो चुकी है और मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने आंबेडकर के लिए भारत रत्न मांग लिया. इससे क्या फर्क पड़ता है कि उन्हें तीस साल पहले ही भारत रत्न दिया जा चुका है.
इस बीच बिहार चुनाव को देखते हुए गंगा किनारे संगमरमर के घाट और आंबेडकर की संगमरमर की मूर्तियां बनाने का काम जोरो पर है.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह लेख उनके निजी विचार हैं)
अम्बेडकर की मूर्ति के पास जा कर जय श्री राम का नारा लगाना ,अम्बेडकर का अपमान है ,अम्बेडकर खुद हिन्दू धर्म के विरोधी थे ।गिरिराज और उनके चमचो ने ये हरकत की ।इस तथ्य को आपने छुपाया हैं। आप एक बरिष्ट पत्रकार होते हुए भी अपनी जातिवादी मानसिकता के गुलाम हो
Sahi jawab bhai ji
बिल्कुल सही
mujhe pata nahi tha ki Ram hindu the…Ram ne kabhi ye nahi kaha ki vo hindu hain….Giriraj se nafrat karo Ram se nahi
Shi kha sar aapne
Shi kha sar aapne Jay Bhim
जो आदमी अपने धर्म से भाग जाता है वह अपने अस्तित्व को को खो देता है ,
हमें यह नहीं भूलना चाहिए की भारतवर्ष में पिछले 1000 सालों में काफी परिवर्तन हुए हैं और यह हमारे समाज के टूट के कारण केवल अंग्रेज नहीं मुगल भी है जो हमारे समाज का हमारे वर्ग का मारे वर्ण का महत्वपूर्ण हिस्सा जो श्रम ता अत्यधिक भागीदार हो और हमारे वर्ण व्यवस्था को परिभाषित करती हो ऐसे समाज को तोड़ना है मुगलों का मुख्य उद्देश्य था अतः जो अपने आप को दलित समझते हैं ,अंबेडकर समझते हैं उनको ब्राह्मणवाद या फिर मनुवाद , सनातनी वाद किसी से घृणा रखना ही भारतीय दिखाना होता है तो फिर वह मुगलों का शरण करता है,
हमारे समाज में हर आदमी का अलग अलग विचार हो सकता है लेकिन विचारधारा अलग होते हैं क्योंकि विचारधारा ही समाज का पोषण है और समाज ही धर्म को राष्ट्र को पोषित करती है अगर हमारी विचारधारा ही दूषित है तो फिर राष्ट्र भी दूषित होगा|
महोदय गंगाजल से स्नान कर पवित्र करना हिन्दू सत्य सनातन धर्म की ही परम्परा रही हैं
तो आप बाबा साहेब की पुस्तक पाकिस्तान या भारत का विभाजन अवश्य पड़े
संत रविदास जी महाराज के उपदेश भी पड़े
आपको भी जानकारी मिल ही जायेगी कि आप किस मार्ग पर हो
सही है
Raight
Sahi h bhai
आप सही कह रहे हैं
अम्बेडकर की मूर्ति के पास जा कर जय श्री राम का नारा लगाना ,अम्बेडकर का अपमान है ,अम्बेडकर खुद हिन्दू धर्म के विरोधी थे ।गिरिराज और उनके चमचो ने ये हरकत की ।इस तथ्य को आपने छुपाया हैं। आप एक बरिष्ट पत्रकार होते हुए भी अपनी जातिवादी मानसिकता के गुलाम हो
Ranjit ji aap sahi bol rahe hain ye post likhne wala admi facts ko chhupakar public ko confuse kar raha hai. Ha ye baat sahi hai ki baba sahab ki statue ko ganga jal se nahi dhona chahiye par giriraj jaise logo bheed le ja kar jai shree ram ke naare bhi nahi lag wane chahiye. Giriraj ko naare hi lagwane hain to kisi mandir me jaaye.
परम् पूज्य बाबा साहेब अम्बेडकर जोकी हिंदुत्व के विरोधी थे वे समता मूलक समाज चाहते थे और उन्होंने संविधान से समता मूलक समाज बनाया पर कुछ मनुबादीयो जब से सत्ता प्राप्ति है तब से ये लोग आय दिन संविधान और बाबा साहेब अम्बेडकर का ये लोग समय समय पर उनका अपमान करना बीजेपी और उनके मंत्रियों का लक्ष्य बन गया है
उनकी प्रतिमा के समीप जय श्री राम का नारा लगाना ।सबसे बड़ा अपमान है ।मै गिरिराज सिंह के वर्ताव से असन्तुष्ट हूँ
जय भीम
Exactly!!!
परम् पूज्य बाबा साहेब अम्बेडकर जोकी हिंदुत्व के विरोधी थे वे समता मूलक समाज चाहते थे और उन्होंने संविधान से समता मूलक समाज बनाया पर कुछ मनुबादीयो जब से सत्ता प्राप्ति है तब से ये लोग आय दिन संविधान और बाबा साहेब अम्बेडकर का ये लोग समय समय पर उनका अपमान करना बीजेपी और उनके मंत्रियों का लक्ष्य बन गया है
उनकी प्रतिमा के समीप जय श्री राम का नारा लगाना ।सबसे बड़ा अपमान है ।मै गिरिराज सिंह के वर्ताव से असन्तुष्ट हूँ
जय भीम
???
Wah bhai phle to general category wale jatiwad krte the .ab to obc ,sc,st bhi jatiwad chuachut krne lage hain.tumlogo me general k prati itna nafrat kyo hai ye samajh me aa gya mujhe.hr jagah arakshan tum lo or gali hum general wale sune.tumhari ye choti soch ka hi hum general tumse umid bhi krte hai.
Yeee… Janab toh sambit patra jaisa ho gya
.. Ki topic kuch or… Explain kuch or…. Jai ho gyani ?
Sahi kaha bhai aapne.. ye log har bat pr arakshan ko le kr aa jate hain ..kanpur me in logo ne kya haal kiya tha uski baat nahi krenge.. arakshan se barabari ka haq na mile st sc obc ko yahi chahte hai ye 3 % so called swarn samaj.. ab to gold(Mettle) se bhi nafrat hone lagi hai..
Ab to Tim jeneral ho hi nhi ..kyo ki 99% general ab ews ho gaya hai Jo sc aur obc ke bich me aa gaya…ab tumhara gurur kaha Raha general ka … reservation ka profit Tim bhi le raho ho isliye ab Shan dikhana band Karo
गिरीराज सिंह जैसे के पाशवी ढोंगी इन्सान दुष्ट प्रवृत्ती से दूर रहने के लिये … ऐसा ही करना चाहिए ..
Right bro
Bhai hum general walo ko to kuch mil bhi nhi rha sarkar k taraf se.phir bhi hum chup hain.ab batao jatiwad kon kr rha hai.kewal bihar me 22 percent swarm educated nhi hain.garib hain.lekin aap obc,sc,st wale logo ko jiske ghar me 10 naukri bhi hai.wo bhi aarakshan ka labh le rhe hain.aapko ye samajhna hoga ki garibi jati dekh k nhi aati.hum hindu is aarakshan k wajah se apas me hi lar rhe hain.achi baat hai aap sab me hamare prati phir bhi itni nafrat hai.
भाई छुआ छूत गरीबी के आधार पर नहीं की जाती है जाति के आधार पर की जाती है
इसलिए आरक्षण जाती के आधार पर है ,आर्थिक आधार पर नहीं , आज भी अनुसूचित जाति के लोगों को तुम बारात जाति के आधार पर नहीं निकलने देते हो ,
मूछे जाती के आधार पर नहीं रखने देते हो ,
मंदिर में जाति के आधार पर नहीं घुसने देते हो
इसलिए आरक्षण जाति के आधार पर है ,,
समझे bro ,
Har har mahadev
तुम कहते हो कि आरक्षण नहीं होना चाहिए इससे देश पीछे जा रहा है तो आइए आरक्षण खत्म करते है।
1- शंकराचार्य की कुर्सी पर ब्राहमण का आर्कषण है उसे खत्म कर St/St/Obc भी शंकराचार्य बनेंगे..??
2- आर.एस.एस. प्रमुख अभी तक कोई महिला,Obc,Sc,St नहीं बना,पाँच साल किसीObc,Sc,St और महिला को मौका देकर वहाँ भी आरक्षण खत्म करें..??
3- काशी,सोमनाथ,वैष्णो देवी,सहित सभी मंदिरों में Obc,Sc,St से 4-5 बर्ष पूजा करावाकर मतलब पंडित बनाकर वहाँ भी आरक्षण खत्म करें..??
4- सफाई और गंदगी साफ करने का काम हज़ारों साल से अभी तक Sc ही करते आये है वो भी किसी विरोध के..अब वो काम सवर्ण और Genral Cast के ही करेंगे।यह आरक्षण खत्म करो हम भी साथ देंगे..??
5- एक शिक्षा,एक पाठ्यक्रम और एक जैसे विद्यालय पद्धति लागू करें और सभी के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढ़ेंगे,शिक्षा की समानता कर नोकरी में आरक्षण खत्म करें..??
6- शूद्रों यानी (Obc,Sc,St) को 5,000 बर्षों तक शिक्षा से वंचित रखा गया,सवर्णों को सिर्फ 50 बर्षों तक वंचित रखा जाये और हर जगाह से आरक्षण खत्म करें..??
7- मंदिरो में मौजूदा धन संपदा को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाये और उसे जनसँख्या के अनुपात में गरीब लोगों के विकास में खर्च किया जाये,क्योंकि ये सारा दान का पैसा आम जनता का है और इस पैसे पर ब्राहमण पंडित और उनके बच्चे ही ऐश करते है यह आरक्षण भी बंद करो..??
8- समानता की बात करते हो तो सब जगह समानता ही हो।आज से सवर्णों के Surname दलित और Obc के Surname सवर्ण Use करेंगे।इससे जात्तिवाद भी खत्म होगा और जत्तिवाद मानसिकता भी।इसलिये Surname या उपनाम का आरक्षण भी खत्म हो..??
9- शादी विवाह,शुभ मुहूर्त,धार्मिक आयोजनों आदि में Obc Sc St से ही मंत्र पढ़वाए जाएं पूजा पाठ कराई जाए।क्योंकि मंत्र पढ़ने का काम तो पाँचवी पास भी कर सकता है।सदियों से चले आ रहे इस आरक्षण को भी समाप्त किया जाए..??
10- आरक्षण की शुरुआत भी ब्राह्मण द्रोणाचार्य ने ही की थी बिना गुरु बने ही हमारे एक्लबया का अंगूठा माँगकर नहीं तो अर्जुन की क्या औकात थी जो हमारे एक्लबया के सामने क्षण भर भी टिक सकता..??
तो आइए एक कदम आप बढ़ाओ और एक कदम हम बढ़ाये।
और भारत को आरक्षण मुक्त भारत बनाए।सदियों से चले आ रहे इन उपरोक्त आरक्षणों को समाप्त करे।क्योंकि इन आरक्षणों ने ही देश को बर्बाद किया है बरना आज भारत देश हमारा सबसे आगे होता।
Bahut sahi bhai
Right bro
अत्यंत तर्क संगत ज़वाब
Beautiful bro
Yes
Humlogo ke Arakshan se itni samashya tumhe ho rhi hai to jati aadharit jangadana karwao aur jiski jansankhaya jitni hogi use utani arakshan di jayegi apni sarkar se bolo.
Tumhari sarkar me hai aukat to karwa jaati adharit jangarna aur jo jitna hoga wo utna lega.
Tumlog ho 15% aur kha rhe ho 51% aur arakshan ki baat karte .
Mandiro me mango, arakshan 10% mango ,51% aur lo aur bol rha hai ki mil hi nhi rha.bhikhariyo se tumlog kam nhi ho
Aarakshan to 10% mila hi hai ab kye bol rhe ho…
अम्बेडकर की मूर्ति के पास जा कर जय श्री राम का नारा लगाना ,अम्बेडकर का अपमान है ,अम्बेडकर खुद हिन्दू धर्म के विरोधी थे ।गिरिराज और उनके चमचो ने ये हरकत की ।इस तथ्य को आपने छुपाया हैं। आप एक बरिष्ट पत्रकार होते हुए भी अपनी जातिवादी मानसिकता के गुलाम हो
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अल्लाह हु अकबर कहते तो बेहतर होता?
गंगा नदी भी हिंदुओं की आस्था का केंद्र है
अम्बेडकर की मूर्ति के पास जा कर जय श्री राम का नारा लगाना ,अम्बेडकर का अपमान है ,अम्बेडकर खुद हिन्दू धर्म के विरोधी थे ।गिरिराज और उनके चमचो ने ये हरकत की ।इस तथ्य को आपने छुपाया हैं। आप एक बरिष्ट पत्रकार होते हुए भी अपनी जातिवादी मानसिकता के गुलाम हो
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Jay bhim
अम्बेडकर की प्रतिमा के पास जय श्री राम का नारा लगाना सर्वदा अनुचित और बाबा साहेब का अपमान करने वाला है पत्रकार और मिडिया वालों ने बाबा साहेब को कभी समझने की कोशिश ही नहीं है। कुछ पत्रकार मूर्खतापूर्वक व्यवहार भी करते हैं।
यह क्रिया की प्रतिक्रिया है जब संपूर्णानंद की मूर्ति पर जगजीवन राम ने माला पहनाई उसके एक घंटे बाद वाराणसी के पंडितों ने मूर्ति को गंगाजल से धोया था उस समय किसी ने आलोचना नही की अन्य मामलो में भी ब्राह्मणों ने कई जगह दलित नेताओं के मंदिर जाने पर एतराज किया यदि वह उनको नही रोक पाए तो मूर्ति को गंगाजल से धोया उस समय किसी ने आलोचना नही की रंजीत की टिप्पणी एकदम उपयुक्त है
रंजीत जी आपमालूम होना चाहिए कि अंबेडकर जी हिंदू धर्म के विरोधी नहीं थे अपितु वह छुआछूत के विरोधी है हिंदू धर्म का विरोधी मुस्लिम और कोई नहीं है हिंदू धर्म कब से हैं इसको कोई नहीं बता सकता सनातन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है मानव धर्म है और हिंदू धर्म में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि कोई छोटा और कोई बड़ा है अभी तो कुछ लोग छुआछूत को बढ़ावा दिए थे और यह बहुत पहले की बात है अभी है लेकिन बहुत थोड़ी मात्रा में है आगे चलकर कभी न कभी खत्म हो जाए कब खत्म हो जाएगा इसका पता नहीं लेकिन जिसे जिसे हिसाब से दुनिया चल रही है उसी साहब से जल्दी समाप्त हो जाएगा।
You are right
जिस प्रकार से यह सब हो रहा है या नेतृत्वकर्ता सब करवा रहे हैं आने वाले समय में अंबेडकर साहब एक वर्ग विशेष के ही होकर रह जाएंगे।
शायद आपको ऐसा लगता है कि अंबेडकर एक विशेष वर्ग के लिए हैं।
आपको पता होना चाहिए कि अंबेडकर को पूरी दुनिया लोहा मानती हैं केवल भारतीय ब्राह्मण को ही बाबा साहेब को लोहा मानने मे समसया हैं। खासकर भारतीय ब्राह्मण मिडिया को।
Wow khud karte rho badhiya koi aur kr rha to itna lag kyun rha…ek baar ambedKar ji ki puri kahani pta kro kitna kch face kiya unhone sirf chhote cast k the isliye..fir kch bolna to acha v lagega..azad ho gayi India par soch av v sbki chhoti h aaj v log chhote cast k log ko dkh k ghin krte h..
जो लोग बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को मानते हैं या फिर माल्यार्पण करते हैं उनको बाबा साहब के सिध्दांतों को भी मानना चाहिए
जो लोग बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को मानते हैं या फिर माल्यार्पण करते हैं उनको बाबा साहब के सिध्दांतों को भी मानना चाहिए
विश्वरत्न बोधिसत्व भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर उर्फ बाबा साहब ने देश में चली आ रही प्राचीन वैदिक काल से परंपराओं जातिवाद सांप्रदायिकता पक्षपात मान्यताओं झूठे वेद ,पुराण, रामायण ,महाभारत ,मनुस्मृति ,अनेक ऐसे झूठे ग्रंथ जिनको कायम करने के लिए ब्राह्मणों ने इस देश में जातिवाद की उत्पत्ति की 85% लोगों पर अपना हक जमाने के लिए इन पर जबरदस्ती 6743 जातियों में बांट दिया जिससे यह आपस में मिल ना सके जिससे यह आपस में अपनी बहन बेटियों रोटी का व्यवहार न कर सकें जिससे हमारा ब्राह्मण वाद कायम रहे और यह ब्राह्मण 85% लोगों का शोषण करता रहे और इनके प्रति कोई आवाज ना उठाएं आवाज ना उठा सके और इन सब कुरीतियों को खत्म करने के लिए डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जैसे महान योद्धा ने अपनी कलम की ताकत से नए भारत के मैं भारत को एक नया संविधान दिया जिसमें हर व्यक्ति कोई ऊंच-नीच या छुआछूत ना हो जिसमें हर व्यक्ति को समानता का अधिकार दिया जिसमें यहां तक कि महिलाओं को भी समानता का अधिकार दिया महिलाओं को तो बहुत बुरी तरीके से फसाया गया ब्राह्मणवाद ने उन्हें अपने जाल में फंसाया और उन्हें पूजा-पाठ कुर्तियों पर उन्हें टांग टांग दिया हमारे भारत देश में इन सब कुर्तियों को अंबेडकर जैसा महान योद्धा ने तुला और भारत के कलंक को दुला और नए भारत के लिए नया संविधान दिया जिसमें हर व्यक्ति समान हो और देश का विकास हो कोई ऊंच-नीच ना हो हमारा देश सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बने हमारा देश आधुनिक भारत के लिए आगे बढ़े हमारा देश दुनिया की उन देशों में चुनिंदा देशों में गिनती हो ऐसा हमारे देश का संविधान दिया और उस महान पुरुष को मेरा शत-शत नमन ऐसे महापुरुष इस दुनिया में बहुत कम ही पैदा होते हैं जिन्हें कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने उन्हें सिंबल ऑफ नॉलेज की उपाधि दी जिन्हें दुनिया पूछती है जिन्हें दुनिया उनके विचारों पर चलना चाहती है जो ऐसे विचार दिए जो आज तक किसी ने नहीं दे पाए जो ऐसे अपने मत दिए जिन से आगे आने वाले समय में देश का विकास हो देश तरक्की की ओर बढ़े ऐसे थे हमारे परम पूजनीय बाबा साहब भीमराव जब उनको याद करता हूं तो मेरी आंख में आंसू आ जाते हैं जिन्होंने भारत देश के कलंक को दुला और भारत देश की गंदगी को पूरी तरीके से सफाई की। ब्राह्मणवाद तो उनका विरोध करेगा ही क्योंकि उनके सब चलने वाली कृतियों का खंडन किया और परंपराओं का नाश किया और देश से खत्म किया मगर हमारे ओबीसी एससी एसटी एंड माइनॉरिटी भाइयों को समझना चाहिए कि अभी भी देश में आर एस एस जैसी संस्थाएं हमें 85% लोगों को गुलाम बनाना चाहती हैं मैं इतनी85% लोगों से विनम्र निवेदन करता हूं कि अपने अधिकारों और अपने हक के लिए लड़ाई लड़े और सड़कों पर आए बस मेरी यही गुजारिश है जय भीम नमो बुद्धाय जय विज्ञान जय संविधान
Aaj to Jai bhim or Jai mim ka nara lag raha h ye ambedkar hi bole the ki Hindu se dusmni or Muslim se dosti karo ,or aaj Jo Pakistan me ho raha h Kya o sc,st,nahi h sayad kabhi Pakistan ke sc st ke liye bolo Bhai or sarak pe aao to Jane kitna bara aap bhim ke sarthak ho sirf aag lagana jante ho , ambedkar jisko mante the o budhha bhi Hindu ke darshan shstra ko pade the o Hindu ke kuriti se lare the dhram se nahi Pakistan ke bhi kanun mantri sc hi the jogendra nath mandal kabhi unka bhi bichar pado Jo pak se bhag kar aaye or Kya bole ye bhi jano or Jo aap soch rahe ho ki hum ab raja banege or sab se badla lenge o samay nikl gya ab koe kisi se kan nahi h
जिस तरह कुछ लोग अंबेडकर को हिन्दू धर्म का विरोधी बता रहे हैं उस तरह तो अंबेडकर संप्रदायिक व्यक्ति हुए! किस तरह लोग तब बोलते है कि अंबेडकर समाज में सामाजिक क्रांति के पक्षधर थे? एक संप्रदायिक व्यक्ति सामाजिकता का पक्षधर कैसे हो सकता है?मैं देख रहा हूँ कि कुछ लोग आरक्षण की भी बात कर रहे हैं। उनलोगों को मै बताना चाहता हूं कि अब आरक्षण सबको मिला है। sc, st, obc Or ews.
बिल्कुल सही किया वो नकली नही असली अम्बेडकर वादी हैं , पाखन्डियो को सही जबाव दिया है . जय भीम जय संविधान
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने विदेश में लगे हुए कलंक को धुला है
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर Bharat desh mein लगे हुए कलंक को धुला है
गिरिराज सिंह बाबा साहेब को छूने के बाद घर जाकर बहुत पछताया होगा ।। क्योंकि बीजेपी बाबा साहेब को कितना मानती है जगजाहिर है ।।
सब पाखंडवाद अन्धविश्वास है ।।
मैं दोनों के खिलाफ हूं चाहे व जी श्री राम वाला मुर्ख हो या बाबा साहेब मूर्ति को गंगा जल से धोने वाले मूर्ख दोनों ही बाबा साहेब का अपमान कर रहे हैं
Sabse pahle main patrkar sanwadata ka shukriya kahna chahuga ki unhone hamari aankhe kholne ka priyass kiya hai kyoki jis chuachut ki halat se baba saheb ne hume nikalne ka nirantra priyass kiya aaj hum unke priyaaso ko vifal karne ki koshish ki gaye hai , but hum fir bhi koshish karte rahege ki es parkar ke bhedbhav se chutkara paya ja sake aur aisa karne ke liye aap sabhi ka saath jaroori hai. JAI BHEEM………………
Ganga jal ko se q nhlaye ganga jal ki pavitra pe jo viswas Ni rkhte wo hinduvirodi log ganga jal ka upyog q kiye…. Wese giriraj Singh ko ganga jal se nhlana chahiye tha…..
Jai bhim
Araksan to ganral walo Ko mil raha hai sabse jyada 50.5% aur badnam Sc.st.obc ho raha hai
Isliye up bihar piche hai jab tak ye jay shriram ke nam per ek adami ko jat se dekhenge shayad wo ram bhi unhe maf nahi karega anpad logo ko ab ab sudharna chahiye
बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संप्रदायिक सामाजिकता बादी निष्पक्ष उदारता वादी व्यक्ति थे उन्होंने कभी हिंदू धर्म या किसी भी धर्म के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया उनकी एक ही मानसिकता थी सर्वधर्म संपन्न सभी व्यक्ति एक समान होने चाहिए मीडिया कर्मी है तरह-तरह की भ्रम फैला रहे हैं वही हिंदू धर्म के लोग हैं ना कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर साहब
पत्रकार महोदय ने तो बनारस में लोगो की गंगा आस्था पर ही सवाल खड़ा कर दिया है और बात कर रहे हैं बाबा साहब के बारे में टिपण्णी की
पत्रकार महोदय ये बात मन्दिर के उन तथकथित पण्डितो को बताते तो शायद ये नौबत नही आती जब देश के राष्ट्रपति द्वारा मन्दिर मे पूजा अर्चना के बाद भगवान के मूर्तियो को गंगा जल से पवित्र करते है।क्या भगवान भी अछूत हो जाते हैं।।दूसरा उदाहरन बी.एच.यू. का बता रहा हूं।।वहां परम्परा के तौर पर जब कोइ कुलपति ज्वाईन करता है तो वो कैंपस मे स्थित विश्वनाथ मन्दिर मे पूजा अर्चना करता है।जैसे ही कुलपति महोदय वहां से हटे वैसे ही शिव लिंग को गंगा जल से पवित्र किया गया क्योकि वो दलित थे नाम था वाई.सी.सिम्हद्री।।ये परम्परा तो आपके पूर्वजो ने शूरू की है अब काहे मिर्ची लग रही है।।क्या वो गंगोत्री का पानी था।।बात गंगा जल का नही है गंदी मान्शिकता का है।।
अम्बेडकर की मूर्ति के पास जा कर जय श्री राम का नारा लगाना ,अम्बेडकर का अपमान है ,अम्बेडकर खुद हिन्दू धर्म के विरोधी थे ।गिरिराज और उनके चमचो ने ये हरकत की ।इस तथ्य को आपने छुपाया हैं। आप एक बरिष्ट पत्रकार होते हुए भी अपनी जातिवादी मानसिकता के गुलाम हो
जवाब दें
Jay bhim
गिरिराज सिंह जैसे लोग अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर वहां अपने अनुयायियों से जय श्रीराम का नारा लगवाते है, ये अम्बेडकर और उनके सिद्धांत का अपमान है, जॉर्नलिस्ट को शायद उनकी 22 प्रतिज्ञाओं का ज्ञान नहीं जिसमे एक ये भी है कि वो राम को भगवान नहीं मानेगे और न ही उनकी पूजा करेंगे लेकिन ये सही है कि बाबा साहब की प्रतिमा गंगाजल अथवा किसी भी धुलनशील द्रव्य से नहीं धोना चाहिए ऐसा कर हिन्दुओं की सड़ी गली कुप्रथा को बल प्रदान किया है। बाबा साहब मन अपमान की सीमा से परे है, अमेरिका की कोलम्बिआ जैसी ख्याति प्राप्त युनिवर्सिटी उन्हें सिम्बल ऑफ नॉलिज मानती है, दुनिया उन्हें युगपुरुष मानती है लेकिन भारत का आरएसएसबाद, ब्राह्मणबाद को अबेडकरबाद नहीं पचता है। ये भारत की बिडंबना है।
ये लोग बिलकुल ही मुर्ख हैं जो बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति को गंगा जल से धोया।इन मूर्खों को ये जान लेना चाहिए कि जिस आडम्बर को बाबा साहब ने कभी नहीं माना उसको तुम लोग आगे बढ़ा रहे हो।
और जिस गंगा जल से तुम सदियों से अभी तक शुद्ध नही हुए उस पानी की अहमियत क्या है।
मुर्ख लोगो ऐसे तो तुम बाबा साहब का भी अपमान कर रहे हो।
धिक्कार है तुम पर आंबेडकवादी कहलवाने पर।
John koi bhi hindu dharma ko bura samantha hain,wo dharma ke sudhar me yogdan den agar ye nahin jar skate to ye dharma chhor den.
Mai bus itna kahunga Ambedkar badi ka matlab un k bataye hua raste pe chalna mujhe nei lagta ki ye log Ambedkar badi hai kyu ki ye log ab v andha biswas me jirahe hai baba saheb ka nam kharab kardiya murkho ne
काश आपमें में से किसी एक ने भी लेख को पढ़ा होता और उसका मर्म समझा होता। ज्यादातर कमेंट देखकर सहज एहसास हो जाता है कि दलित आंदोलन कहां और क्यों भटक रहा है।
भाइयों आप लोग इतना लंबा लेख लिख कर ये साबित करने का कोसिस कर रहे हो कि बाबासाहेब अम्बेडकर हिन्दू नही थे,पर आप लोग ये भूल गए कि वो जिस बौद्ध धर्म को अपनाए ,उस धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध पक्के हिन्दू थे।तो यदि आप अपने बाप के धर्म को अपना नही मानते तो आप की अपनी इच्छा,बाबासाहेब ने आप लोगो को संविधान में अच्छी व्यवस्था इसलिए नही दिए कि आप सब बौद्ध -बौद्ध और हिन्दू-हिन्दू खेलेंगे।शर्म करो और अम्बेडकर की प्रसांगिकता को दूषित मत करो।
Is desh me manuvadi soch viksit he
85% logo ko itihas ke bare me jankari nahi he ki kon sahi tha kon sahi he
शाबाश इंडिया लगे रहो पर राजनीतिक लड़ाई मे ये मत भूलो राम हम सब के पूर्वज है जो एक सत्य है..
200 se adik des wold me he 199 me kyu nhi isko mante he itihash me bikoi devi devta likha nahi he hmare purbaj rha to koi book me nahi he
Ambedkar hindu nahi tha jab usne bodh dhram apna liya to hum use kiyon mane kitne hindu ne Islam apna liya use apna nahi mante ise bhi nahi manege Ambedkar ka apmaan nahi ganga ka apmaan hua jab wo ganga ko nahi manta use wo pavitra kaishe hoga Giriraj Singh ne galat kiya aaisa mat katen plg wo hindu bhagwan hindu bhakt ka virodhi tha brahman se chatriya se nafrat karta tha phir kiyon use hum apna mane nahi manta use apna unka nafrat ab jai bhim wale aage barha rahe sirf nafrat
Jai hind Jai bharat bharat mata ki jai
दलित पिछडो के लिए गिरिराज जैसे लोगो की सोच बहुत ही निम्न स्तर की है इसलिए गिरिराज को बाबा साहब पे माल्यापर्ण करने का कोई अधिकार नही है। जब एक दलित के छूने से मंदिर के भगवान अपवित्र हो सकते हैं तो गिरिराज जैसे घटिया सोच के व्यक्तियों से बाबा साहब भी अपवित्र हो सकते हैं। बाबा साहब की मानवतावादी विचारधारा को गिरिराज जैसे लोग क्या समझेंगे।
Baba saheb ki murti ko Kaya apman karege ye log Jo khud gande hai Baba saheb Kabhi Hindu ko nahi mante the jai bhim
जो अपने धर्म का नहीं हुआ।वो हमारा कभी नहीं होगा।आप बोद्ध बोद्ध करते हो। तो अपना लो बोद्ध धर्म उसमे कोई बुराई नहीं है।वो भी हिन्दू धर्म से निकला है।
अम्बेड्कर और गन्धी. नेहरु जैसे लोगो पर अपनी जो राय दे रहे है. शुक्र करो ये देश के लिये क्या क्या नही किया.
भाई यदि नरोरा से आगे गंगाजल नहीं है तो उ प्र सरकार कयों पाखंड करती है 4000 करोर कुम्भ के नाम पर खर्च कर दिया यों जनता मेहनत की कमाई के पैसे को हवा में उड़या
ऐसा है कि दोस्तों बौद्ध धर्म/हिन्दू धर्म यह एक आस्था है। लेकिन डॉक्टर अम्बेडकर एक विचार है जो सिखाता है कि अंधविश्वास ,पाखण्ड से लरना। क्योंकि दोनों जब तक है तब तक इंशान आपस में समता नहीं ला सकता हैं।। और रही बात डॉ अम्बेडकर की मूर्ति धोने की वह एक संदेश है जैसे को तैसा।।।। सायाद आप लोग समझ गए होंगे। जय भीम जय भारत। जय संविधान।।।।
Weldon mere bhaio. Sahi jawab. Ab hum bhi jawab dena jante h aao or baat karo . Bhot sun lia ab tak ab nahi sunege. Jai bheem jai bharat
Women reservation, everycaste handicaped resarvation. Ews 98%(800000 salary) ye sab nahi dikhta inko.
Ambedkar hindu dharm ka virodhi the ,unki Atma ko bahut dukh hoga yah sab dekh kar.
Bilkul sahi hua hai yah kyunki job rashtrapati vishwanath mandir gaye the tab waha ke pandit Pura mandir ko dhulwaya tha tab ap ko chhua chhut najar nhi a rha that
डॉ बी. आर. अम्बेडकर साहब मानवता के सच्चे हितैषी किन्तु ढोंगियों, आडम्बरों, भेदभाव.,कुटिल व गन्दी विचारधारा वाले लोगों के घोर विरोधी थे। ऐसे लोग बाबा साहब डा0भीम राव अम्बेडकर की मूर्ति न छुएं तो अच्छा रहेगा।
Writer Manuvadi h fact ko hide karake likha bolata h senior journalist Baba Saheb voting rights nahi dete to Manu ki aulaad Giriraj Singh kabhi baba Saheb ke statue ke pas nahi jata agar Baba Saheb ke human equality me believe hota to vaha kalpnic Ram ka nara nahi lagata vo Baba Saheb ka insut karne gaya tha jis prakar RSS ne Manusmriti ko apana dharm ya kanoon manti h usko lagu karne ke liye twenty four hours laga rahta h manusmriti ke dwara desh ki 90%population ko gulam banani ki policy par chal rahi h by Ambedkarvadi was washed with ganga river water shows tit for tats yani jaise ko taisa