मंगलवार को जब भारत और न्यूज़ीलैंड की टीम विश्वकप के सेमीफाइनल में टकराएंगी तो एक बात तय रहेगी. वो ये कि कसौटी कोई भी हो टीम इंडिया न्यूज़ीलैंड के मुकाबले कहीं ज्यादा मजबूत है. इस विश्व कप में प्रदर्शन की बात कर लें, आईसीसी वनडे रैंकिग की बात कर लें, खिलाड़ियों के दबदबे की बात कर लें, अनुभव की बात कर लें, हालिया प्रदर्शन की बात कर लें या फिर विश्व कप खिताब पर कब्जे की बात कर लें. दोनों टीमों का फर्क अच्छा खासा है. इस बात को आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि फिलहाल आईसीसी रैंकिंग में दूसरी पायदान पर टीम इंडिया है.
आईसीसी रैंकिंग्स में पहले नंबर के बल्लेबाज विराट कोहली हैं. पहले नंबर के गेंदबाज जसप्रीत बुमराह हैं. विश्वकप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रोहित शर्मा हैं. विश्व कप की प्वाइंट टेबल में पहले पायदान पर टीम इंडिया है. टीम इंडिया ने सेमीफाइनल तक के सफर में सिर्फ एक मैच गंवाया है. इससे उलट न्यूजीलैंड की टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तीन हार के साथ तय किया है.
न्यूज़ीलैंड की किस्मत अच्छी थी वरना प्वाइंट टेबल में 11 प्वाइंट पाकिस्तान के भी थे. लेकिन वो खराब रन रेट की वजह से टॉप 4 की रेस से बाहर हो गया. जाहिर है जब इतनी सारी बातों में टीम इंडिया का पक्ष मजबूत है, तो उसकी जीत का दावा भी ज्यादा मजबूत है. बशर्ते टीम इंडिया को कुछ बातों को नजरअंदाज ना करे.
न्यूज़ीलैंड से पहली बार होगा सामना
इस विश्वकप में टीम इंडिया न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पहली बार मैदान में उतरेगी. इन दोनों टीमों का लीग मैच बारिश की वजह से धुल गया था. आखिरी लीग मैचों के पहले उम्मीद थी कि सेमीफाइनल में भारत और इंग्लैंड का सामना होगा. जो मैच 11 तारीख को खेला जाना है. यानी उस स्थिति में टीम इंडिया को आखिरी लीग मैच के बाद चार दिन का वक्त मिल रहा था. अब मुकाबला 9 तारीख को है और भारत ने अपना आखिरी लीग मैच 6 तारीख को खेला था. यानी अब उसे तरोताजा होने के लिए दो दिन का ही वक्त मिला है.
ऐसे में भारतीय टीम के पास वक्त कम है. उसे अपनी ताकत पर ही फोकस करना है. इस टूर्नामेंट में अभी तक उसकी कामयाबी की दो बड़ी वजहें हैं. बतौर सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा कमाल की फॉर्म में हैं. वो 5 शतक लगा चुके हैं. इसके अलावा गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह का सामना अच्छे-अच्छे बल्लेबाज नहीं कर पा रहे हैं. वो 8 मैचों में 17 विकेट ले चुके हैं. उनकी इकॉनमी रेट सिर्फ 4.48 है.
मुश्किल ये है कि इन तीन खिलाड़ियों के अलावा बाकि खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी उठानी होगी. इन खिलाड़ियों ने अपने बलबूते सेमीफाइनल तक पहुंचाया. अब चैंपियन बनाने के लिए और खिलाड़ियों को भार उठाना होगा. अच्छी बात ये है कि पिछले मैच में केएल राहुल ने भी शतक ठोंका है. विराट भले ही शतक नहीं जड़ पाए हैं. लेकिन वो लगातार अर्धशतक बना रहे हैं. कुल मिलाकर टीम को एक यूनिट की तरह क्लिक होना होगा.
न्यूज़ीलैंड के इन खिलाड़ियों से रहें सावधान
न्यूज़ीलैंड की टीम ने आजतक विश्वकप का खिताब नहीं जीता है. लेकिन उसके पक्ष में ये बात जाती है कि वो मौजूदा रनर-अप टीम है. 2015 विश्वकप में उसने फाइनल तक का सफर तय किया था. लेकिन, फाइनल में ऑस्ट्रलिया के हाथों उसे 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार सेमीफाइनल में कप्तान केन विलियमसन और आक्रामक अंदाज के साथ मैदान में उतरेंगे. वो बल्ले से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तक 8 मैचों में 96.20 की औसत से 481 रन बना चुके हैं. इसमें 2 शतक और 1 अर्धशतक शामिल है.
विलियम्सन के अलावा अनुभवी रॉस टेलर भी 8 मैचों में 261 रन बना चुके हैं. रॉस टेलर का अनुभव उनकी टीम के लिए बेशकीमती है. जबकि उनका विकेट भारत के लिए बेशकीमती है. इसके अलावा जेम्स नीशम शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने 8 मैच में 201 रन बनाने के साथ साथ 11 विकेट भी लिए हैं. गेंदबाजी में लॉकी फर्ग्यूसन भी शानदार फॉर्म में हैं. उन्होंने 7 मैचों में 17 विकेट लिए हैं. ट्रेंट बोल्ट भी कीवियों की गेंदबाजी की जान हैं. सेमीफाइनल मैच में टॉस का भी रोल अहम रहेगा. जो भी टीम जीतेगी वो पहले बल्लेबाजी करना चाहेगी. सिक्के का फैसला किस्मत पर छोड़कर बाकि की तैयारियों में टीम इंडिया को मुस्तैद रहना होगा.
(शिवेंद्र कुमार सिंह खेल पत्रकार हैं. पिछले करीब दो दशक में उन्होंने विश्व कप से लेकर ओलंपिक तक कवर किया है. फिलहाल स्वतंत्र लेखन करते हैं.)