रोहित शर्मा के फैंस के लिए आज बड़ा दिन है. भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशंसकों में एक बड़ा वर्ग था जो ये मानता था कि रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट में वाजिब मौक़ा नहीं मिला. अब जबकि विशाखापट्टनम में उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ शतक ठोंका तो निश्चित तौर पर ये खास है. उनके फैंस ख़ुश हैं. अव्वल तो ये है कि बतौर ओपनर उनका पहला शतक है और उस पर भी ये शतक उन्होंने प्रैक्टिस मैच में नाकामी के बाद लगाया है.
टेस्ट मैच शुरू होने से पहले ही कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि पहली ही पारी से रोहित शर्मा पर दबाव बनाने की ज़रूरत नहीं है. टीम मैनेजमेंट को विराट कोहली पर पूरा भरोसा है और वो निश्चित तौर पर भरोसे पर खरे उतरेंगे. रोहित शर्मा ने पहले टेस्ट मैच की पहली ही पारी में बड़ा शतक ठोक कर कप्तान के भरोसे को सही ठहराया. अब रोहित शर्मा बतौर ओपनर इस सीरीज के बाद भी ‘ऑटोमैटिक च्वॉइस’ रहेंगे. रोहित शर्मा ने विशाखापट्टनम टेस्ट की पहली पारी में 154 गेंद पर अपना शतक पूरा किया जिसमें उन्होंने 10 चौके और 4 छक्के लगाए.
बड़ी बात ये है कि अब ज़्यादातर क्रिकेट भारत में ही खेली जानी है. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मद्देनजर हर एक टेस्ट जीत फायदेमंद है और रोहित शर्मा की फॉर्म अगर बरकरार रही तो निश्चित तौर पर टेस्ट चैंपियनशिप की प्वाइंट टेबल में टीम इंडिया टॉप पर कायम रहेगी. टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में भी नंबर वन पर है.
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रोहित शर्मा को पैर ज़माने के लिए मिलेंगे और मौके
दक्षिण अफ्रीका के बाद भारतीय टीम को बांग्लादेश के खिलाफ घर में ही खेलना है. घरेलू पिचों पर बांग्लादेश के खिलाफ रन बनाने में ज्यादा चुनौती नहीं आनी चाहिए. ये ‘फैक्टर’ इसलिए अहम है क्योंकि विदेशी पिचों पर जब भारतीय टीम टेस्ट मैच खेलने जाएगी तब तक रोहित शर्मा बतौर टेस्ट ओपनर काफी आत्मविश्वास हासिल कर चुके होंगे. जो उन्हें विदेशी पिचों पर मदद करेगा. मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज से लेकर सफल ओपनर तक का सफर वो पहले भी तय कर चुके हैं.
आपको याद दिला दें कि वनडे में भी रोहित शर्मा पहले मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते थे लेकिन वनडे क्रिकेट में उनका कद तब बढ़ा जब वो बतौर ओपनर खेलने लगे. आज अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी गिनती विश्व के सबसे खतरनाक और धुरंधर वनडे बल्लेबाज के तौर पर होती है. बतौर वनडे ओपनर वो तीन दोहरे शतक लगा चुके हैं. टेस्ट मैच में जब उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई तो थोड़ी शंकाएं जरूर थीं लेकिन रोहित ने उन शंकाओं को दूर करने के रास्ते पर सही कदम बढ़ाया है.
इससे पहले वो वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी टीम का हिस्सा थे लेकिन प्लेइंग 11 में उन्हें जगह नहीं मिल पाई थी क्योंकि तब केएल राहुल विराट कोहली की पहली पसंद हुआ करते थे. लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे केएल राहुल से जब कोहली का मोहभंग हुआ तब कहीं जाकर रोहित शर्मा को मौका मिला. अब ये भी तय है कि केएल राहुल को लंबे समय तक टीम से बाहर बैठना होगा.
रोहित को मिलेगा रिकॉर्ड बेहतर करने का मौका
रोहित शर्मा और विराट कोहली का करिअर लगभग एक ही दौर का है. लेकिन दोनों के रिकॉर्ड में जमीन आसमान का अंतर है. विराट कोहली अभी तक 68 शतक लगा चुके हैं. जबकि इस टेस्ट मैच के शुरू होने से पहले रोहित शर्मा के खाते में 34 शतक ही थे. अब याद कीजिए सचिन तेंदुलकर के सौ शतकों का जश्न. इस जश्न की कहानी को आगे बढ़ाने से पहले आपको याद दिला दें कि सबसे पहले सुनील गावस्कर ने दक्षिण अफ्रीका में एक कार्यक्रम के दौरान भविष्यवाणी की थी कि सचिन तेंदुलकर सौ शतक लगाएंगे. कुछ ऐसा ही सचिन के लिए आयोजित उस पार्टी में हुआ था. अभिनेता सलमान खान के हाथ में माइक था उन्होंने दिलचस्प अंदाज में कहा था- सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड अब कोई तोड़ नहीं सकता है. इस पर सचिन ने कहा था कि इसी हॉल में दो ऐसे खिलाड़ी हैं जो उनके रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं.
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सचिन ने उस मौके पर विराट कोहली और रोहित शर्मा का नाम लिया था. अब सचिन तेंदुलकर की कही इस बात को लंबा वक्त बीत चुका है. लेकिन विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच शतकों का लंबा अंतर है. शतकों का ये अंतर सिर्फ और सिर्फ इसलिए है क्योंकि विराट कोहली ने टेस्ट और वनडे दोनों फॉर्मेट में जमकर रन बनाए हैं. जबकि रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट में लगातार नाकाम रहे थे. अब रोहित शर्मा के पास एक बार फिर ये मौका है कि वो टेस्ट क्रिकेट में खुद को साबित करें. 6 साल के टेस्ट करिअर में ये पहला मौका है जब उन्हें सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
(शिवेंद्र कुमार सिंह खेल पत्रकार हैं. पिछले करीब दो दशक में उन्होंने विश्व कप से लेकर ओलंपिक तक कवर किया है. फिलहाल स्वतंत्र लेखन करते हैं.)