आंखों के नीचे काले घेरे, जिसे पेरिऑर्बिटल हाइपरपिग्मेंटेशन भी कहा जाता है, युवा और बूढ़े, सभी प्रकार के त्वचा रोगियों के लिए एक आम चिंता का विषय है. काले घेरों को ठीक करने से पहले इसके कारण का निदान किया जाना चाहिए. यह आनुवांशिकी या बाहरी कारकों जैसे आयरन की कमी, नींद की कमी या तनाव, किसी की भी वजह से हो सकता है. दिल्ली जैसे शहर में प्रदूषण एक प्रमुख कारण है. इस प्रकार काले घेरों से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न उपचार प्रक्रियाएं हैं.
यह सुनिश्चित करना कि आपको पर्याप्त गुणवत्ता वाली नींद मिले, काले घेरों से निपटने के सबसे आसान तरीकों में से एक है.
भारत की राजधानी में एक वरिष्ठ त्वचा विशेषज्ञ के रूप में, मैंने देखा है कि हाल के वर्षों में एलर्जी, पिग्मेंटेशन, एक्जिमा, फोटो एजिंग, त्वचा कैंसर और काले घेरे के मामलों में वृद्धि हुई है.
कुछ कॉस्मेटिक्स का अधिक मात्रा में उपयोग करना या कुछ कॉस्मेटिक्स के उपयोग से होने वाली एलर्जी भी काले घेरों का कारण बन सकती है. उदाहरण के लिए, काले घेरों को छिपाने के लिए अत्यधिक रेटिनॉइड्स का उपयोग केमिकल के कारण होने वाले डैमेज की वजह से पिग्मेंटेशन को खराब कर सकता है, जो कि एक दुष्चक्र को पैदा करता है. इससे चेहरे पर अन्य जगहों पर भारी पिग्मेंटेशन भी हो सकती है.
दिलचस्प तो तब होता है जब ऑर्बिट (खोपड़ी में सॉकेट वाला एरिया जिसमें हमारी आंखें स्थित होती हैं) में एक काले घेरे जैसा दिखाई देता है. कुछ लोगों के लिए, इस एरिया की त्वचा बचपन से ही थोड़ी काली दिखाई दे सकती है क्योंकि सॉकेट गहरा सा एरिया है जो छाया प्रभाव यानि शैडो इफेक्ट का कारण बनता है.
यह काले घेरों का मामला नहीं है क्योंकि यह हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण नहीं होता है. गहरे सॉकेट के लिए आदर्श उपचार त्वचीय भराव (Dermal Fillers) है. मैं हयालूरोनिक एसिड (एचए) फिलर्स का सुझाव देती हूं. हयालूरोनिक एसिड एक कॉस्मेटिक फिलर है और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा प्रमाणित है. यह आंख के नीचे शैडो एरिया को गायब कर देता है. इससे ऐसे परिणाम मिलते हैं जो उत्कृष्ट, तुरंत और रोगी के लिए संतुष्टिदायक होते हैं.
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ध्यान रखने योग्य तरीके
काले घेरों को कम करने के लिए, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें और अपने आहार में विटामिन, खनिज, विशेष रूप से आयरन, विटामिन के और विटामिन सी को शामिल करें. किसी भी कमी का पता लगाने और उसे ठीक कराने के लिए नियमित रक्त परीक्षण कराएं. अपने शुगर के लेवल की निगरानी करें, क्योंकि मधुमेह जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियां भी काले घेरे विकसित होने का एक कारण हो सकती हैं.
सनस्क्रीन का उपयोग करना और धूप से होने वाले नुकसान को कम करना आवश्यक है. आंखों के नीचे के एरिया को धूप से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कम से कम एसपीएफ 30 वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएं. नाजुक त्वचा को परेशान किए बिना किसी भी मेकअप या अशुद्धियों को हटाने के लिए हल्के, खुशबू रहित क्लींजर का उपयोग करके आंखों के नीचे के एरिया को साफ करें.
ध्यान रखें कि अपनी आंख के नीचे की त्वचा को बहुत अधिक न रगड़ें या न खींचें क्योंकि इससे त्वचा समय से पहले ढीली हो सकती है और काले घेरे हो सकते हैं. चूंकि आंखों के नीचे के एरिया की त्वचा काफी संवेदनशील होती है, इसलिए इस एरिया से प्रोडक्ट्स को साफ करते समय मेकअप रिमूवर में भिगोए हुए कॉटन पैड का उपयोग करें. त्वचा को रगड़ें या खींचे नहीं, इसके बजाय हल्के से टैपिंग करें यानि कि थपथपाएं.
काले घेरों को रोकने का एक आसान तरीका आई क्रीम का उपयोग है. हमेशा उपयुक्त या निर्धारित नाइट क्रीम का उपयोग करें. अच्छे रिज़ल्ट्स के लिए, क्रीम लगाने के लिए अपनी उंगलियों का उपयोग करें, इसे अपनी आंख के चारों ओर तीन बार क्लॉक वाइज़ घुमाएं और फिर तीन बार एंटी-क्लॉक वाइज़ दिशा में घुमाएं.
लैपटॉप का ज्यादा उपयोग करने वालों या स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताने वाले लोगों को अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर नीली रोशनी फिल्टर का उपयोग करना चाहिए. नीली रोशनी वाले चश्मे का उपयोग करना और आंखों के हल्के व्यायाम – जैसे स्क्रीन एक्सपोज़र के लंबे सेशंस के बीच उन्हें हल्के से खोलना और बंद करना – भी काले घेरों को कम करने में मदद कर सकता है.
चाय और कॉफी के अधिक सेवन से होने वाले डिहाइड्रेशन के कारण भी त्वचा काली पड़ सकती है, खासकर आंखों के नीचे. डिहाइड्रेशन से त्वचा शुष्क और सिकुड़ी हुई हो सकती है, जिससे पिग्मेंटेशन अधिक दिखाई देती है. हाइड्रेटेड रहने से काले घेरों से निपटने में मदद मिल सकती है. उचित हाइड्रेशन भी महीन रेखाओं की उपस्थिति को कम कर सकता है.
फिट रहना और ताजी हवा लेना पिग्मेंटेशन से निपटने का एक और तरीका है. आप कम ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में एक्सरसाइज कर सकते हैं, और अपने कमरे में कपूर जला सकते हैं जो रोगाणुओं यानि माइक्रोब्स की हवा को साफ करता है.
यदि काले घेरे बने रहते हैं या और खराब हो जाते हैं, तो इससे संबंधित किसी खराब मेडिकल कंडीशन का पता लगाने के लिए त्वचा विशेषज्ञ या हेल्थकेयर प्रोफेशनल से परामर्श करें.
याद रखें कि व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं भिन्न-भिन्न हो सकती हैं, और सुधार देखने में समय लग सकता है. काले घेरों सहित किसी भी स्वास्थ्य समस्या पर काबू पाने के लिए स्वस्थ जीवनशैली और त्वचा की देखभाल के नियम में निरंतरता महत्वपूर्ण है.
(डॉ. दीपाली भारद्वाज एक त्वचा विशेषज्ञ, एंटी-एलर्जी विशेषज्ञ, लेजर सर्जन और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित सौंदर्यशास्त्री हैं. उनका एक्स हैंडल @dermatdoc है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.)
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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