अलास्का में अमेरिकी और चीनी प्रतिनिधिमंडलों की दो दिनों की वार्ता शुक्रवार को खत्म हुई. राष्ट्रपति जो बाइडेन के दौर में दोनों पक्षों के बीच आमने-सामने की यह पहली वार्ता काफी तनावपूर्ण माहौल में हुई. अमेरिका के साथ इस शिखर वार्ता के बाद जबानी जंग जीतने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) अपने प्रचार तंत्र की आला हस्तियों को ले आई थी.
अलास्का के एंकोरेज में हुई इस शिखर वार्ता में चीन का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री वांग यी और सीसीपी की विदेशी मामलों की सेंट्रल कमीशन के निदेशक यांग जिएशी ने किया. अमेरिकी पक्ष की नुमाइंदगी उसके विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलीवान ने की.
इस बैठक से ठीक पहले अमेरिका ने हांगकांग और चीन के 24 अधिकारियों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए प्रतिबंधों की घोषणा कर दी थी. चीनी पक्ष ने इसे हल्के में नहीं लिया. वार्ता के पहले ही दिन दोनों पक्षों की ओर से तीखी नोक-झोक हुई जिसे रेकॉर्ड किया गया और मीडिया ने उसे प्रसारित कर दिया.
यह भी पढ़ें : शी के मीडिया प्रचार से भ्रमित न हों, चीन की ‘ज़ीरो गरीबी’ जो दिखा रही उससे ज्यादा छिपा रही है
सक्रिय हुआ सोशल मीडिया
चीन की सरकारी मीडिया ने अलास्का की बैठक की तुलना 1901 में बॉक्सर प्रोटोकॉल पर दस्तखत से की. बॉक्सर प्रोटोकॉल 20वीं सदी के शुरू में बॉक्सर बगावत को खत्म करने के लिए क्विंग बादशाह और आठ देशों के गठबंधन के बीच हुआ समझौता था. सीसीपी ने इस समझौते को ‘गैरबराबरी’ वाला बताया था. चीनी सरकारी मीडिया ने ऐसा प्रचार किया कि चीन अब बदल चुका है, और वह अमेरिका से निपटने के लिए ‘ताकत’ का इस्तेमाल करेगा.
हैशटैग ‘चाइना-यूएस हाई लेवल स्ट्रैटजिक डायलॉग’ बृहस्पतिवार से ट्रेंड होने लगा था, इसे वाइबो पर 28.2 अरब बार देखा गया. यह हैशटैग वाइबो पर 12 घंटे तक टॉप ट्रेंड बना रहा और इस लेख के लिखने तक इसे ‘ट्रैक्सन’ मिल रहा था. गूगल जैसे चीनी सर्च इंजन ‘बायडू’ पर नंबर वन ट्रेंड यह था— ‘हाई लेवल सीनो-यूएस डायलॉग : द यूएस ओपनिंग रिमार्क्स वेयर सीरियसली ओवरटाइम’.
सीसीपी के अधिकृत मुखपत्र ‘पीपुल्स डेली’ ने अपने चीनी और अंग्रेजी संस्करणों में इस वार्ता की विस्तृत खबर दी. ‘पीपुल्स डेली’ और ‘बीजिंग न्यूज़’ में एक शीर्षक इस आशय का था— ‘अमेरिका को दूसरों को नीचा दिखाने वाली हैसियत से चीन से बात करने का कोई अधिकार नहीं है’.
वाइबो में ‘पीपुल्स डेली’ के अकाउंट में एक पोस्टर डाला गया था जिस पर लिखा था— ‘चीनी लोग यह सब पसंद नहीं करते. चीन के अंदरूनी मामलों में दखल बंद करो. अमेरिका को दूसरों को नीचा दिखाने वाली हैसियत से चीन से बात करने का कोई अधिकार नहीं है.’ वाइबो पर इसे 44 करोड़ बार देखा गया.
चीनी सरकारी और सोशल मीडिया सेंसरों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बात रखने के लिए निर्धारित समय सीमा का उल्लंघन किया.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियन ने कहा, ‘चीनी प्रतिनिधिमंडल पहले से आपसी सहमति से तय प्रोटोकॉल और व्यवस्थाओं के अनुसार अमेरिका से रणनीतिक संवाद करने के लिए पूरी तरह तैयार होकर एंकोरेज गया था. लेकिन अमेरिकी पक्ष ने पहले टिप्पणी की, तय समय सीमा का भारी उल्लंघन किया और चीन की घरेलू तथा विदेश नीतियों पर हमला करके खंडन करने को उकसाया. इन्हें शायद ही एक मेजबान की अच्छी तहजीब या उपयुक्त कूटनीतिक शिष्टाचार माना जा सकता है. चीनी पक्ष ने सत्यनिष्ठा से अपना जवाब दिया है.’
लेकिन वार्ता के पहले दिन की रेकॉर्डिंग की समीक्षा करने के बाद मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि यांग शी 16 मिनट से ज्यादा बोले. दोनों पक्षों ने हरेक व्यक्ति को अपनी बात रखने के लिए 2 मिनट का समय तय किया था. ब्लिंकन और सलीवान तय समय से कुछ ही सेकंड ज्यादा बोले होंगे. लेकिन चीनी सरकारी मीडिया अपने घरेलू पाठकों-श्रोताओं को यह बताने में जुटा था कि अमेरिकी पक्ष ने कूटनीतिक प्रोटोकॉल का भारी उल्लंघन किया.
घर वालों पर नज़र
बायडू पर तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा सर्च इस जुमले के बारे में किया गया— ‘यांग जेइची ने लंच में इंस्टैन्ट नूडल लिया’. बायडू पर सर्च ट्रेंड वांग यी के एक सवाल पर जेइची के इस जवाब पर आधारित था कि ‘हां, मैंने इंस्टैन्ट नूडल लिया.’ यी ने उनसे सवाल पूछा था कि उन्होंने लंच लिया या नहीं.
चीन की कम्युनिस्ट यूथ लीग ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें कार्टूननुमा पात्र चीनी और अमेरिकी प्रतिनिधियों की नोक-झोक की नकल करते दिखाए गए हैं. लीग चीन में युवाओं के बीच प्रचार के लिए सामग्री बनाती है और वह कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकृत रुख को प्रस्तुत करने के लिए मीम और कार्टूनों का इस्तेमाल करती है.
‘पीपुल्स डेली’ ने वाइबो पर अपने अकाउंट में एक वीडियो शेयर किया जिसमें हेनरी किसिंजर अलास्का वार्ता से पहले रेकॉर्ड किया गया अपना संदेश पढ़ते देखे जा सकते हैं. इस वीडियो को 29 लाख बार देखा गया. कैक्सिन मीडिया के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर हुआंग शां ने ‘ओप-एड’ पेज पर लिखा, ‘अमेरिकी कूटनीति हमेशा अपनी मजबूती को आधार बनाकर आगे बढ़ती रही है, यही बात मजबूत होते चीन के साथ भी है. अगले चार साल में अमेरिका-चीन संबंध ट्रंप शासन के उत्तरार्द्ध वाली दबाव की ‘तलवारबाजी’नुमा शैली के दुष्चक्र से परहेज कर सके तो यह एक बड़ी जीत होगी.’
यांग जेइची की टिप्पणियों को चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर व्यापक प्रशंसा मिली और ये अपने नागरिकों को लक्ष्य मान कर जिस मकसद से जारी की गईं उसमें ये कामयाब हुईं. व्यापक प्रोपेगंडा के जरिए चीनी प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के खिलाफ जबानी जंग जीतने में अपने लोगों के बीच सफल रहा. लेकिन नये अमेरिकी शासन के साथ संबंध को नया स्वरूप देने की जगह चीन ने बाइडेन को ट्रंप वाली चीन नीति जारी रखने का एक और बहाना थमा दिया है.
(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
(लेखक एक स्तंभकार और स्वतंत्र पत्रकार हैं. वो बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में एक चीनी मीडिया पत्रकार रह चुके हैं. व्यक्त विचार निजी हैं)
यह भी पढ़ें : हॉन्गकॉन्ग में ‘देशभक्त’ भरकर चीन एक नया मकाओ तैयार करना चाहता है