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Sunday, 22 December, 2024
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निवेशकों के लिए कैसे UP बन रहा फेवरिट डेस्टिनेशन, 5 पी फॉर्मुला की है अहम भूमिका

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साढ़े तीन वर्षों में 5 पी यानि- पॉलिसी, पोटैंशियल, प्लानिंग, परफार्मेंस एवं परफेक्शन के स्तर पर काफी वैल्यू एडिशन किया है.

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हाल ही में तमाम अखबारों व न्यूज वेबसाइट पर इस बात की चर्चा रही कि यूपी में कोरोना काल के दौरान काफी निवेश आया. ये निवेश क्या आज से पांच साल पहले तक यूपी में संभव था. क्या किसी ने सोचा था कि यूपी कैसे निवेशकों की पसंद बन जाएगा. एक दौर में यूपी के नाम से निवेशकों को डर लगता था लेकिन अब यूपी की तकदीर बदल रही है. ऐसा हुआ है योगी सरकार के ‘5 पी’- के प्रिंसपल पर काम करते हुए. अपने इस लेख में मैं 5 पी को आसानी से समझाने की कोशिश कर रहा हूं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साढ़े तीन वर्षों में 5 पी यानि- पॉलिसी, पोटैंशियल, प्लानिंग, परफार्मेंस एवं परफेक्शन के स्तर पर काफी वैल्यू एडिशन किया है. इस 5 पी फॉर्मुला पर चलकर आज उत्तर प्रदेश संभावनाओं का प्रदेश बनकर उभरा है. इसके उदाहरण मैं आपको बताता हूं. आज सैमसंग जैसी कम्पनियां चीन से निवेश वापस लेकर सीधे उत्तर प्रदेश आ रही हैं क्योंकि उसे यूपी सरकार की निवेश पॉलिसी पर भरोसा है. मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री उत्तर प्रदेश की ओर देख रही है, ये प्लानिंग और पोटेंशियल का उदाहरण है. प्लानिंग और पोटेंशियल में पर्यटन की भी अहम भूमिका है.

2017 में उत्तर प्रदेश की जनता ने विशाल मैंडेट देकर प्रदेश में राजनीतिक नेतृत्व का परिवर्तन नहीं किया था बल्कि यूपी के परसेप्शन को बदलने वाली व्यवस्था की नींव भी रखी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दायित्व ग्रहण करते ही इसे साकार करने के लिए गवर्नेंस मैकेनिज्म बदलने की प्रक्रिया शुरू की और प्रदेश को एक ऐसा डेवेलपमेंट मॉडल देने की तैयारी की जो लोगों की सुरक्षा, समृद्धि, सम्मान और स्वावलम्बन के साथ-साथ प्रदेश को ईज आफ डूइंग बिजनेस में शीर्ष पर स्थापित करे और उसे सर्वश्रेष्ठ बिजनेस व निवेश डेस्टिनेशन में परिवर्तित करने में सफल हो.


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ओडीओपी की भूमिका अहम साबित हो रही

मुझे लगता है कि सबसे अधिक चर्चा में ओडीओपी स्कीम रही है. मुख्यमंत्री ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट’ ODOP- पर आधारित एक होलिस्टिक इकोनॉमिक सिस्टम को आगे बढ़ाया है. यह ‘परकैपिटा रूरल डोमेस्टिक प्रोड्यूस’ में तो परिवर्तन लाया ही, साथ ही सोशियो-इकोनॉमिक संरचना में भी परिवर्तन की आधारशिला रखी. उत्तर प्रदेश के पास स्किल्ड ह्यूमन कैपिटल तो है, बेहतर कनेक्टिविटी है और विज़़नरी लीडर है और इनवेस्टमेंट पोटैंशियल भी. हां एक्सपर्टाइज एफीसियंसी की इंटरलिंकिंग नहीं थी, एक्सपर्टाइज मार्केट कमजोर था इसलिए ब्राण्डिंग और मार्केटिंग के स्तर पर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पीछे रह जाती थी लेकिन पिछले साढ़े तीन वर्षों में इनोवेटिव, टाइमबाउंड और कमिटमेंट के साथ मुख्यमंत्री ने जो कार्य किये उनके चलते प्रदेश तेजी से आगे बढ़ा और अवधारणा बदलने में कामयाब हुआ

मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का लक्ष्य

यूपी मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर है. दरअसल योगी आदित्यनाथ ने जिस इकोनॉमिक मॉडल (योगिनॉमिक्स) को विकसित किया वह उत्तर प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ बिजनेस डेस्टिनेशन, सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन, स्टेट विद् बेस्ट कनेक्टिविटी, स्टेट विद् ग्रेट पोटैंशियल आफ डेवेलपमेंट एंड अपारचुनिटी, स्टेट विद् फास्ट सस्टेनेबल एंड इन्क्लूसिव ग्रोथ और मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन यूपी द्वारा एक मैन्युफैक्चरिंग हब में परिवर्तित करता हुआ दिख रहा है. वर्ष 2021 और इसके बाद में यह मॉडल प्रदेश को इन आयामों के साथ नयी ऊंचाइयों तक ले जाने में समर्थ होगा.

इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में पूरे होंगे ये काम

इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए लाइफलाइन की तरह होता है. आने वाले एक से दो वर्षों में प्रदेश के पास देश के सबसे बड़े और बेहतर एक्सप्रेस का संजाल होगा और इसके साक्षी बनेंगे डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, स्टेट हाइवेज तथा ईस्टर्न व वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स और नेशनल व इण्टरनेशनल एयरपोर्ट्स. प्रदेश एक तरफ लॉजिस्टिक्स हब में परिवर्तित होगा और दूसरी तरफ श्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में. ये सब मिलकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन का काम करेंगे.

भारत के प्राचीन वैभव के प्रतिनिधि अयोध्या, काशी, प्रयाग व मथुरा-वृंदावन के पुनरुद्धार के साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने जिस पौराणिक वैभव को लौटाने का कार्य किया है उससे दुनिया भर में बसे भारतवंशियों का इमोशनल कनेक्ट उत्तर प्रदेश के साथ स्थापित हो रहा है. यह संस्कृति और आध्यात्म को स्प्रिचुअल व कल्चरल इकोनाॅमी के साथ जोड़ेगा जिससे अर्थव्यवस्था में ग्रोथ के साथ हैपीनेस भी आएगी.

टूरिज्म को इकोनॉमिक ग्रोथ के मल्टीप्लायर के तौर माना जाता है. पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव, प्रयाग का कुंभ, मथुरा का रंगोत्सव, काशी की देव दीपावली और अयोध्या का पुनरुद्धार, काशी का नवीकरण, मथुरा व वृंदावन का सौंदर्यीकरण, रामायण परिपथ का निर्माण..आदि आने वाले समय में प्रदेश की स्प्रिचुअल इकोनॉमी में वैल्यू एडिशन का काम करेंगे जिससे लाखों रोजगार पैदा होंगे.

अगर रोजगार की बात की जाए तो प्रदेश के लगभग 5 लाख युवा अब तक (2017 से 2021) रोजगार पा चुके हैं. शत-प्रतिशत इनरोलमेंट के साथ बच्चे कायाकल्प कर चुके प्राथमिक स्कूलों में अपडेटेड तकनीक के साथ पढ़ रहे होंगे. अंतिम पंक्ति के अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षण में नयी आशाओं के साथ प्रदेश के सम्पन्न इतिहास में साझीदार बनने की ओर अग्रसर होगा. सीएम योगी प्रदेश को जिस ‘5 पी’ मंत्र के साथ आगे ले जा रहे हैं वह लगभग प्रत्येक क्षेत्र में वैल्यू एडिशन करेगा जिससे प्रदेश एक श्रेष्ठ मार्केट प्लेयर और इकोनॉमिक कॉम्पिटीटर बनने में सफल होगा. यदि सीमित शब्दों में कहें तो उत्तर प्रदेश की तस्वीर तुलसी की इन पंक्तियों के अनुरूप बनती दिखेगी- नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना, नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना.

(लेखक आर्थिक व विदेश मामलों के जानकार व सीएम योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार हैं.)


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