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Wednesday, 20 November, 2024
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लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी के लिए मंदिर, मोदी और मीडिया ने कैसे अदा की अपनी भूमिका

अगर एक भगवान, एक सुपरस्टार प्रधानमंत्री, बॉलीवुड के ब्लॉकबस्टर अभिनेता, क्रिकेट के लिटिल मास्टर और मीडिया कवरेज भाजपा को वोट दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं, तो फिर और कुछ भी काम नहीं करेगा.

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अगर आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा 400+ सीटें नहीं जीतती है, तो इसके लिए तीन एम- मंदिर, मोदी या मीडिया को दोष न दें. राम मंदिर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय मीडिया तीनों ने लगातार तीसरी बार देश में भाजपा राज्य स्थापित करने में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास किया है.

उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि अयोध्या में राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह एक रेड कार्पेट इवेंट था, जिसे दुनिया भर में देखा गया और इंडिया टुडे के अनुसार इसे विश्व स्तर पर कम से कम 300 स्थानों पर ‘लाइव’ देखा गया. उन्होंने सफलतापूर्वक ‘प्राण प्रतिष्ठा’ को “विश्व सांस्कृतिक जागृति” (एबीपी न्यूज) और “हर जगह एक छोटा सा भारत” (डीडी न्यूज) के समारोह में बदल दिया.

मीडिया ने इसे एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा: इंडियन एक्सप्रेस ने इस अवसर का जश्न मनाने के लिए शब्दों के चयन की परवाह नहीं की: अगले दिन, 23 जनवरी को इनका प्रमुख हैडलाइन था: ’22 जनवरी, 2024′.

इंडिया टुडे के लिए, यह ‘दूसरे गणतंत्र का आगमन’ था; टाइम्स नाउ के लिए, ‘सनातन पुनर्जागरण’; और रिपब्लिक टीवी के लिए यह ‘एक सभ्यतागत राज्य’ की शुरुआत थी.

इस ‘अयोध्या पल’ (रिपब्लिक टीवी) ने 500 साल पुराने सपने को सच होते देखा (न्यूज नेशन), ‘भारत के लिए एक भव्य मंदिर’ ने एक तरह से बादलों को हटा कर सूरज की किरणों को धरती तक पहुंचाया है – और सीएनएन न्यूज 18 के एंकर ने रविवार को कहा, ‘यहां तक कि इसमें प्रकृति भी हमारे साथ है’. यह भी ऐस्ट्रोफिज़िक्स का एक चमत्कार है: जैसा कि ज़ी न्यूज़ ने बताया, राम मंदिर को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि राम लला पर ‘सूर्य किरण’ पड़ने से वह चमक उठे.


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मीडिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी

लगभग एक महीना हो गया है जब मीडिया, विशेषकर टेलीविजन समाचारों ने पिछले पखवाड़े के दौरान पूरे दिन और पूरी रात अपना कैमरा अयोध्या पर केंद्रित रखा. उन लाखों लोगों के लिए जो शारीरिक रूप से अयोध्या में उपस्थित नहीं हो सकते थे, चैनलों ने भजनों, श्लोकों और दिव्य स्तुति के शब्दों के साथ राम को सीधे उनके घरों तक पहुंचा दिया: उनके लिए यह सब ‘जादुई’ (इंडिया टीवी); ‘महत्वपूर्ण’ (एनडीटीवी 24×7); ‘दिव्य’ (इंडिया टुडे); ‘शानदार’ (रिपब्लिक) था.

सबसे ऊपर? शायद. सबसे ज्यादा? शायद. लेकिन जब ‘राम लौटे’ (एनडीटीवी 24×7) और अपने लिए इतना सारा विज्ञापन लेकर आये, तो मीडिया उस ‘महत्वपूर्ण क्षण’ (सीएनएन न्यूज 18) का फायदा क्यों न उठाए?

22 जनवरी को, द टाइम्स ऑफ इंडिया और हिंदुस्तान टाइम्स जैसे अखबारों ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े 10-12 पेज के पूरे पेज के रंगीन विज्ञापन छापे. समाचार चैनल टीवी विज्ञापनों के लिए लगातार “छोटे ब्रेक” ले रहे थे, जिनमें से कई उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड आदि राज्य सरकारों के थे, या उन सभी पर ‘मोदी सरकार की गारंटी’ लिखा हुआ था. तो, यह सिर्फ ‘अयोध्या में दिवाली’ (इंडिया टीवी) नहीं थी, बल्कि मीडिया के लिए पैसे कमाने का त्योहार भी था. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अयोध्या में टाइम्स नाउ नवभारत का एंकर बढ़िया भगवा कुर्ता पहनकर आया और धार्मिक ग्रंथों का पाठ किया, जबकि सीएनएन न्यूज 18 के एंकर ने भगवा रंग का मफलर पहनकर खुद को ठंड से बचाया.

इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि चैनलों ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के कवरेज में कोई कसर नहीं छोड़ी. मूर्तिकारों, वास्तुकारों, बिल्डरों के साक्षात्कार चैनलों और समाचार पत्रों में लिए गए हैं. पुलिस, जिला अधिकारियों को उनके साउंड बाइट्स मिले और भगवा धोती और लंबी ग्रे दाढ़ी में हर दूसरे व्यक्ति का साक्षात्कार ‘दिखाने’ के लिए किया गया.

हमने समाचार चैनलों के साथ मंदिर के अंदर का दौरा किया, राम के आभूषणों की प्रशंसा की – जिसमें ‘5,000 अमेरिकी हीरों’ (इंडिया टुडे) का हार भी शामिल था और स्वाति मिश्रा, अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम, कैलाश खेर आदि के साथ भजन गाए.

इंडिया टुडे के एंकर ने कहा, ”अयोध्या के लोगों की आंखों में आंसू थे.” गुजरात, कर्नाटक, मुंबई के आगंतुकों और जम्मू, गंगोत्री, बेंगलुरु (टीवी9 भारतवर्ष) में समारोह को इस बात को दोहराने के लिए उजागर किया गया है कि यह एक राष्ट्रव्यापी उत्सव है.

अयोध्या में बॉलीवुड सितारों की भीड़

हमने मंदिर के उद्घाटन के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आखिरी के लिए छोड़ दिया है. उनके बिना, मीडिया कवरेज अधूरा है. लेकिन आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में एक मंदिर से दूसरे मंदिर में उनकी यात्राएं – जो सभी राम से जुड़ी थीं – ने समाचार चैनलों को उनके आसपास तब तक घूमने का मौका दिया जब तक कि वह अंततः अयोध्या नहीं पहुंच गए. निस्संदेह, पीएम मोदी इस आयोजन के मुख्य पुजारी थे, उनसे जुड़ी कोई भी बात मीडिया की नज़र में आने के लिए छोटा नहीं था. इंडिया टुडे ने हमें बताया कि कैसे वह सुबह 3 बजे उठकर जाप और प्रार्थना करते थे, कंबल पर सोते थे और नारियल पानी पीकर अनुष्ठान पूरा किया. चैनल ने कहा, वह एक “प्रतिज्ञा” पूरी कर रहे थे जिसने उनके करियर को आकार दिया.

जब मोदी का हेलीकॉप्टर अयोध्या शहर के ऊपर धूम रहा था तो न्यूज़नेशन के एंकर ने कहा, “जिस पल का हम इंतजार कर रहे थे वह अब आ गया है.” टाइम्स नाउ ने कहा, हमें “पीएम की आंखों से देखे गए” मंदिर के दृश्य दिखाए गए.

तब से, जब मोदी एक अकेले व्यक्ति के रूप में मंदिर की ओर चल रहे थे, तो वे सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे, सीढ़ियों पर चढ़े और धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए गर्भगृह में प्रवेश किया – साष्टांग प्रणाम किया और बाद में, एक प्रेरक भाषण दिया, जिसे एनडीटीवी 24×7 ने “ऐतिहासिक राम क्षण” कहा.

बाहर भीड़ में बॉलीवुड सितारों समेत कई मशहूर हस्तियां शामिल थीं. इसे देख समाचार चैनल बहुत खुश हुए: उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत से मुलाकात की, जिन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा (टाइम्स नाउ) के बारे में एक मार्मिक भाषण दिया, साथ ही रजनीकांत, अनुपम खेर, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, जैकी श्रॉफ, कैटरीना कैफ, विक्की कौशल, आयुष्मान खुराना, चिरंजीवी, राम चरण, माधुरी दीक्षित नेने, विवेक ओबेरॉय, हेमा मालिनी, अरुण गोविल (जिन्होंने दूरदर्शन के रामायण में राम की भूमिका निभाई) और अमिताभ बच्चन बेटे अभिषेक के साथ नजर आये.

आमंत्रित लोगों के मेले में ज़ी न्यूज़ को अनिल कुंबले मिले. “एक अद्भुत एहसास”, पूर्व क्रिकेटर ने कहा, यह स्वीकार करते हुए कि यह उनकी अयोध्या की पहली यात्रा थी. और हां, वहां सचिन तेंदुलकर भी थे…

यदि यह सब – एक भगवान, एक सुपरस्टार प्रधानमंत्री, बॉलीवुड के सबसे बड़े ब्लॉकबस्टर अभिनेता, क्रिकेट के लिटिल मास्टर, और मीडिया सर्कस आपको भाजपा को वोट देने के लिए प्रेरित करने के लिए पर्याप्त नहीं है, तो शायद एक ज्योतिषी ऐसा कर सकते हैं: आज तक ने सवाल किया कि किस राजनीतिक नेता का भविष्य उज्जवल है, मोदी का या राहुल गांधी का, जिस पर नासिक के ज्योतिषी ने तुरंत उत्तर दिया: “मोदी”.

(लेखिका का एक्स हैंडल @shailajabajpai है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.)

(संपादन : अलमिना खातून)
(टेलीस्कोप को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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