शुक्रवार का दिन रांची के क्रिकेट फैंस के लिए खास है. भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम शुक्रवार को ही वनडे सीरीज का तीसरा मैच खेलने के लिए मैदान में उतरेगी. सीरीज़ के पहले दोनों मैच भारतीय टीम जीत चुकी है. ऐसे में उसके पास रांची में सीरीज़ पर कब्ज़ा करने का मौका है. लेकिन रांची के क्रिकेट फैंस शुक्रवार को अपनी टीम को जीतते हुए देखने की चाहत के अलावा एक और वजह से स्टेडियम जाएंगे.
ये अपने ‘होमग्राउंड’ पर महेंद्र सिंह धोनी या रांची वालों के प्यारे ‘माही’ का टीम इंडिया के लिए आखिरी मैच होगा. इस सीरीज़ के तुरंत बाद आईपीएल शुरू हो जाएगा. आईपीएल के बाद टीम इंडिया विश्व कप खेलने के लिए इंग्लैंड चली जाएगी. वहां से लौटने के बाद धोनी शायद ही मैदान में उतरेंगे. इस बात की चर्चा काफी समय से गर्म है कि धोनी विश्व कप के बाद क्रिकेट को अलविदा कहेंगे.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी खिलाड़ियों को बैंक बैलेंस बढ़ाना आता है, आतंकी हमले पर ग़म जताना नहीं
ऐसे में जिस रांची से एक सामान्य परिवार के खिलाड़ी ने देश के लिए खेलने का सपना देखा, उस सपने को साकार किया, टीम को कामयाबी की अलग मंज़िल पर ले गए, जिसके जीवन पर बॉलीवुड में फिल्म बनी. वो महेंद्र सिंह धोनी अपने घरेलू फैंस के लिए आखिरी बार नीली जर्सी पहने मैदान में उतरेंगे.
आखिरी मैच से पहले धोनी ने क्या क्या किया
इस मैच से पहले धोनी ने अपनी ‘हमर’ में केदार जाधव और ऋषभ पंत को घुमाया. धोनी के गाड़ियों के प्यार को हर कोई जानता है. उनके पर्सनल कलेक्शन में तमाम धाकड़ बाइक्स और कारें हैं. केदार जाधव और ऋषभ पंत को ‘राइड’ कराने के बाद उन्होंने पूरी टीम को अपने फॉर्महाउस पर डिनर के लिए आमंत्रित किया. जहां उनकी पत्नी साक्षी जोशी भी थीं. जिसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया में आईं.
ज़िंदगी का 360 डिग्री घूमना
धोनी की ज़िंदगी पर बनी फिल्म को करोड़ों लोगों ने देखा है. ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि उन्होंने किन चुनौतियों का सामना करने के बाद टीम इंडिया में जगह हासिल की. लेकिन ये सच है कि जिस मैदान पर धोनी ने अपने जीवन के शुरूआती मैच खेले हैं उस मैदान पर खेलकर कोई इतने बड़े ख्वाब भी शायद ही देख सकता हो. उबड़ खाबड़ मिट्टी वाले स्टेडियम से सपनों की छलांग लगाते 2004 में धोनी ने टीम इंडिया में जगह बनाई.
2007 में उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को टी-20 विश्व कप में जीत दिलाई. उन्हीं की कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद 2011 में विश्व कप जीता. उनकी कप्तानी में टीम दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम बनी. उन्होंने चेन्नई को आईपीएल चैंपियन बनाया. व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स की किताब में वो 10,000 से ज़्यादा वनडे रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं. जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी करीब पांच हज़ार रन बनाए हैं.
आज किस रोल में हैं धोनी
धोनी कप्तानी छोड़ने के बाद भी लगातार चर्चा में रहे हैं. एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो हर मैच के बाद ये कोशिश करता है कि धोनी की कमी निकाली जाए. धोनी का रन-रेट ही उनके लिए इकलौता विषय है जिसे वो बार-बार गड़े मुर्दे की तरह उखाड़ते हैं. उनकी फिटनेस पर कोई सवाल नहीं खड़े कर सकता. विकेट के पीछे उनकी चुस्ती फुर्ती की तो बात करना ही बेकार है. धोनी आज भी चीते की फुर्ती से कीपिंग करते हैं.
यह भी पढ़ें: अब एक और ‘खास 200’ बनाने जा रहे हैं रोहित शर्मा
उनके रन-रेट को लेकर कब भी चर्चाएं होती हैं उसके एक दो मैच के भीतर वो एक ऐसी पारी खेल देते हैं कि आलोचना करने वाले को मुंह छुपाना पड़ता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज़ में वो एक धमाकेदार पारी खेल चुके हैं. इसके अलावा मौजूदा वनडे सीरीज़ के पहले मैच में उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी भरी बल्लेबाजी से टीम को जीत दिलाई थी. दरअसल, सच्चाई ये है कि धोनी इस टीम के ‘मास्टरमाइंड’ हैं.
सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज क्रिकेटर कहते हैं कि ये विराट कोहली की खुशकिस्मती है कि उनके पास धोनी है. धोनी विकेट के पीछे से गेंदबाज़ी और ‘फील्ड-प्लेसमेंट’ में जो ‘इनपुट’ देते हैं उसका महत्व मैदान में सिर्फ विराट कोहली ही समझ सकते हैं. विराट कोहली धोनी के ‘क्रिकेटिंग-ब्रेन’ की तारीख खुलकर कर चुके हैं. धोनी इस टीम के ‘मेन्टॉर’ हैं. टीम के बाहर धोनी सैकड़ों ऐसे नए खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल हैं जो छोटे शहरों से आते हैं लेकिन जिनके सपनों की उड़ान अनंत होती है.
(शिवेंद्र कुमार सिंह खेल पत्रकार हैं. पिछले करीब दो दशक में उन्होंने विश्व कप से लेकर ओलंपिक तक कवर किया है. फिलहाल स्वतंत्र लेखन करते हैं.)