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Thursday, 9 May, 2024
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बिपिन रावत से गलवान तक- किसमें व्यस्त रहा चीन और अपने मित्र क्यों खो रहा है ताइवान

चाइनास्कोप- दीवार के पीछे का सप्ताह वो सब कुछ है जो आप चीन में हो रही घठनाओं के बारे में जानना चाहते हैं.

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इस सप्ताह के चाइनास्कोप में हम नज़र डाल रहे हैं, जनरल बिपिन रावत की मौत पर चीन के सोशल मीडिया में प्रतिक्रिया, पीएलए सैनिक क्वी फाबाओ की राष्ट्रीय टेलीवीज़न पर उपस्थिति, निकारागुआ का ताइवान से रिश्ता तोड़ना व बीजिंग से जोड़ना, और चीन तथा दुनिया में विकसित हो रहीं अन्य महत्वपूर्ण ख़बरों पर.

इस सप्ताह में चीन

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की मौत, चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा का विषय बन गई.

सर्च ट्रेंड ‘भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की हादसे में मौत’, ख़बर की पुष्टि होते ही बायदू पर सर्च के शीर्ष नतीजों में चौथे नंबर पर पहुंच गया. बायदू ट्रेंड को बुधवार को 46.3 लाख बार देखा गया और ये संख्या बढ़ती गई. हैशटैग ‘भारत के चीफ ऑफ स्टाफ का हेलिकॉप्टर गिरा’, को वीबो पर 9.3 करोड़ बार देखा गया.

शुक्रवार को चीन के रक्षा मंत्रालय ने ‘संवेदना व्यक्त’ की, और रावत की मौत के लिए ‘भारतीय पक्ष से शोक का इज़हार किया’.

वीबो यूज़र्स ने चीनी सैन्य टीकाकार ज़ांग ज़ाओज़ॉन्ग का एक पुराना वीडियो शेयर किया, जिसमें वो चीन के बारे में बिपिन रावत की टिप्पणी का जवाब दे रहे थे. ज़ांग ने भारत में विमान हादसों की दर का हवाला दिया, और रावत का विरोध किया, जिन्होंने चीन को एक सामरिक ख़तरा बताया था. वीबो यूज़र्स ने कहा कि ज़ांग की भविष्यवाणी ‘सच हो गई’.

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एक दक्षिण एशिया-केंद्रित शोधकर्ता वांग सियुआन ने लिखा, ‘हालांकि सैन्य सुधारों के विषय पर रावत के पास ‘सीमित क्षमताएं’ हैं, लेकिन ‘कूटनीतिक मामलों में वो उत्साह से भरपूर’ नज़र आते हैं. रावत लंबे समय से ‘चीन से ख़तरे’ को उछाल रहे हैं, जिसने न केवल चीन-भारत रिश्तों के स्थिर विकास में बाधाएं खड़ी कीं, बल्कि अपने राजनयिक सहयोगियों के लिए भी समस्याएं पैदा कीं’.

चीन की पीएलए और भारतीय सेना के बीच टकराव के बाद से, बीजिंग ने जून 2020 में हुए गलवान संघर्ष से जुड़े नैरेटिव को नियंत्रित करने की कोशिश की है.

चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक सैनिक क्वी फाबाओ को आमंत्रित किया, जो गलवान संघर्ष में ज़िंदा बच गया था, ताकि वो ‘विदेशी सैनिकों’ के खिलाफ अपनी ‘मातृभूमि की रक्षा’ के अपने अनुभव को साझा कर सके. घरेलू दर्शकों के लिए एक राष्ट्रीय प्रसारण में क्वी ने याद किया कि वो जून 2020 में कैसे घायल हुआ था, और किस तरह उसने ‘विदेशी सैनिकों से मातृभूमि की रक्षा की’.

क्वी ने कहा, ‘जब मैं होश में आया, तो सोच रहा था कि क्या दुश्मन को रोक दिया गया था, और क्या मेरे साथी सैनिक सुरक्षित थे’. क्वी ने आगे कहा, ‘पीछे हट जाने की बजाय मैं आगे बढ़कर मर जाना पसंद करता. हमें अपनी मातृभूमि का इलाक़ा नहीं खोना चाहिए!’

क्वी फाबाओ ने सीसीटीवी को बताया कि वो ‘लड़ाई के मैदान में लौटने को तैयार था’. उसने भारत का नाम नहीं लिया, और भारतीय सेना का ‘विदेशी सैनिक’ कहकर ज़िक्र किया, लेकिन उसने चीनी पीएलए के लिए अग्रिम पंक्ति के तौर पर कराकोरम की बात की.

प्रसारण के राष्ट्रवादी स्वर से पता चलता है कि बीजिंग गलवान संघर्ष से जुड़ी घटनाओं को ढंके रखने की पूरी कोशिश कर रहा है.

मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में कुछ रिकवरी के बावजूद चीन का रियल एस्टेट बुलबुला लगातार दुनिया को ख़तरे के संकेत दे रहा है. इस हफ्ते कूपन अदायगी में दो बार नाकाम रहने के बाद चीन के प्रॉपर्टी डेवलपर एवरग्रांड को फिच रेटिंग्स में, अधिकारिक रूप से बाक़ीदार क़रार दे दिया गया.

एवरग्रांड की विफलता से 19.2 बिलियन डॉलर क़र्ज़ की अदाएगी ख़तरे में पड़ सकती है. कंपनी के ऋणदाताओं ने एवरग्रांड के अध्यक्ष हुई का यान के 60 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के शेयर ज़ब्त कर लिए हैं.

चीनी अर्थव्यवस्था को महामारी से पेश आ रही चुनौतियों पर बढ़ती चिंता के बीच, शी जिनपिंग बीजिंग में सेंट्रल इकोनॉमिक वर्क कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. शी ने कहा कि चीन तीन बड़े दबावों का सामना कर रहा है- ‘सिकुड़ती मांग, सप्लाई पक्ष को झटका और कमज़ोर होती अपेक्षाएं’.

उन्होंने कहा, ‘आम समृद्धि का लक्ष्य पाने के लिए हमें पहले ‘केक’ को बड़ा करना होगा, जिसके लिए पूरे देश के लोगों को मिलकर संघर्ष करना होगा और फिर उसके बाद उचित संस्थागत व्यवस्था के ज़रिए केक को बांटना होगा’. शी ने छोटे उद्यमियों, तकनीकी नवीनता और हरित विकास को समर्थन देने पर भी बल दिया.


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विश्व की ख़बरों में चीन

यूके ख़ुफिया प्रमुख जेरेमी फ्लेमिंग अपनी एजेंसी जीसीएचक्यू के काम के बारे में बहुत मुश्किल से ही इंटरव्यू देते हैं- जो देश की तकनीकी खुफिया एजेंसी है.

फाइनेंशियल टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में फ्लेमिंग ने चेतावनी दी है कि डिजिटल रेनमिनबी एक निगरानी उपकरण बन सकता है. उन्होंने कहा, ‘इससे उन्हें क्षमता मिलती है…कि वो उन डिजिटल करेंसियों में क्या चल रहा है, उस पर अपना नियंत्रण कर सकते हैं’.

फ्लेमिंग ने चीन को यूके का ‘सबसे बड़ा सामरिक मुद्दा’ बताया और कहा कि वो इसमें बहुत निवेश कर रहा है कि डिजिटल दुनिया में भविष्य के नियम कैसे चलाए जाएंगे.

तइवान के कूटनीतिक रिश्ते लगातार दबाव में हैं, चूंकि बीजिंग उन बाक़ी बचे देशों का शिकार करने की कोशिश कर रहा है, जिन्होंने ताइपे के साथ औपचारिक रिश्ते बनाए हुए हैं.

पिछले हफ्ते ही निकारागुआ ने आधिकारिक रूप से ताइवान से रिश्ते तोड़कर बीजिंग के साथ बना लिए, और इस बात को मान लिया कि ताइवान चीन का हिस्सा है. निकारागुआ की ओर से अधिकारिक बयान में कहा गया, ‘निकारागुआ गणराज्य की सरकार आज ताइवान के साथ कूटनीतिक रिश्ते ख़त्म करती है, और अब उनके बीच कोई संपर्क या अधिकारिक रिश्ता नहीं रहेगा’.

ताइवान के साथ अब केवल 13 देश, और पोप भवन (वैटिकन) बचे हैं, जिनके साथ उसके अधिकारिक कूटनीतिक रिश्ते हैं. एक मध्य अमेरिकी सरकार, हौण्डुरस ने हाल ही में संकेत दिया है कि वो भी बीजिंग के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित कर सकते हैं.

एक अमेरिकी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि निकारागुआ ने ये क़दम अमेरिका और दूसरे देशों द्वारा थोपे गए प्रतिबंधों से बचने के लिए उठाया है. अमेरिका सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि हौण्डुरस अपने रिश्ते बिजिंग की ओर न मोड़ ले, क्योंकि उस देश में एक अमेरिकी सैन्य इकाई स्थित है, जिसे ज्वॉयंट टास्क फोर्स ब्रावो एयरबेस कहा जाता है.

सिंगापुर, अमेरिका और चीन के साथ विदेश नीति में संतुलन बनाए रखने के लिए जाना जाता है. सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज इयो ने कहा कि चीन को ‘एक बहुध्रुवीय दुनिया में जलवा दिखाने की ज़रूरत है’.

इयो ने ली कुआं इयु स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में छात्रों से बात की. शुरू में सिंगापुर की थिंक चाइना वेबसाइट ने इयो की टिप्पणियां प्रकाशित कीं, जिन्हें बाद में चीन के सरकारी मीडिया ने भी साझा किया.

इस हफ्ते आपको क्या पढ़ना चाहिए

शी जिनपिंग की नई विश्व व्यवस्था- एलिज़बेथ इकोनॉमी.

बीजिंग ने पेंग शुआइ को 20 मिनट में ख़ामोश कर दिया, फिर हफ्तों तक क्षति नियंत्रण किया- एनवाईटी

इस सप्ताह के एक्सपर्ट्स

रेनमिन यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ के डीन यांग गुआंगबिन ने लिखा, ‘लेकिन चीन एक ऐसा देश है जिसने सभ्यतागत इतिहास की अवघारणा से आकार लिया है, और ये दुनिया में बड़े पैमाने की अकेली सभ्यता भी है, जिसका एक निरंतर इतिहास रहा है. ऐसी सभ्यता ने विदेशी सभ्यताओं को सोखकर उन्हें बदला है, और ‘बर्बरों’ को सभ्य बनाया है. ऐसी रणनीति चीनी इतिहास की समझ न होने का नतीजा है’.

पॉड की दुनिया

चीन में भारत की पूर्व राजदूत निरुपमा राव ने हाल ही में अपनी नई किताब दि फ्रेक्चर्ड हिमालया: इंडिया तिब्बत चाइना 1949-62 प्रकाशित की. राव ने ग्रांड तमाशा पॉडकास्ट के होस्ट मिलन वैष्णव से, अपनी नई पुस्तक और भारत-चीन रिश्तों के बारे में बात की. चाइनास्कोप उस बातचीत को सुनने की सिफारिश करता है.

आगामी वॉच

एक मोमबत्ती जुलूस में शामिल होने के आरोप में, सोमवार को एक अदालत हॉन्ग कॉन्ग के मीडिया टाइकून जिम्मी लाइ, और सात अन्य लोकतंत्र-समर्थक कार्यकर्ताओं को सज़ा सुना सकती है.

(लेखक एक स्तंभकार और स्वतंत्र पत्रकार हैं, जो फिलहाल लंदन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़ (एसओएएस) से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में एमएससी कर रहे हैं. इससे पहले वो बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में एक चीनी मीडिया पत्रकार थे. वो @aadilbrar पर ट्वीट करते हैं. व्यक्त विचार निजी हैं.)

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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