scorecardresearch
Saturday, 11 January, 2025
होममत-विमतदिल्ली भाजपा की पहुंच से बाहर है, रमेश बिधूड़ी की ‘महिला विरोधी’ टिप्पणी ने इसे और दूर कर दिया

दिल्ली भाजपा की पहुंच से बाहर है, रमेश बिधूड़ी की ‘महिला विरोधी’ टिप्पणी ने इसे और दूर कर दिया

यह पहली बार नहीं है जब बिधूड़ी ने इस तरह की विवादित बयानबाजी की है. कांग्रेस नेता दानिश अली के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के कारण उन्हें 2024 में लोकसभा टिकट से हाथ धोना पड़ा था.

Text Size:

दिल्ली विधानसभा चुनाव से चार हफ्ते से भी कम समय पहले, दक्षिण दिल्ली के पूर्व सांसद और कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने दो बेहद विवादित बयान दिए हैं — पहला प्रियंका गांधी के खिलाफ और फिर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मर्लिना के खिलाफ.

यह पहली बार नहीं है जब गुज्जर समुदाय के नेता ने इस तरह के बयान दिए हैं. 2023 में बिधूड़ी को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के खिलाफ सांप्रदायिक गाली-गलौज करने के लिए फटकार लगाई गई थी — जो अब कांग्रेस के साथ हैं. उस घटना की वजह से शायद उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिल पाया था.

दिल्ली पिछले दो दशकों से भाजपा के लिए मायावी बनी हुई है और ऐसे राज्य में जहां महिलाओं के वोट पार्टी के लिए खेल बना या बिगाड़ सकते हैं, बिधूड़ी की टिप्पणी इसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है और यही वजह है कि रमेश बिधूड़ी दिप्रिंट के न्यूज़मेकर ऑफ द वीक हैं.

प्रियंका और आतिशी पर हमले

भाजपा ने 4 जनवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में रमेश बिधूड़ी को उम्मीदवार बनाया.

कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से सीएम आतिशी और कांग्रेस की अलका लांबा के खिलाफ चुनाव लड़ने की हरी झंडी मिलने के तुरंत बाद बिधूड़ी ने कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी पर की गई अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया.

भाजपा नेता ने कहा कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र की सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों की तरह चिकना बनाएंगे. हालांकि, उन्होंने शुरू में अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में उन्होंने खेद व्यक्त किया.

कांग्रेस नेता और वायनाड से लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को बिधूड़ी की टिप्पणी को “भद्दा” करार दिया.

उन्होंने इसे “अनावश्यक” भी कहा और कहा कि ध्यान दिल्ली से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर होना चाहिए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने कभी अपने गालों के बारे में नहीं कहा. यह सब फालतू है. चुनाव के दौरान हमें दिल्ली के लोगों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करनी चाहिए.”

दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 6 जनवरी को बिधूड़ी के घर के बाहर ‘महिला विरोधी बिधूड़ी’ जैसे नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था.

हालांकि, इसके तुरंत बाद, उन्होंने रविवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के बारे में एक और अश्लील टिप्पणी की. वह भी शनिवार को दिल्ली में एक रैली के दौरान पीएम मोदी की मौजूदगी में.

रैली में बोलते हुए बिधूड़ी ने कहा, “केजरीवाल ने दावा किया था कि वह भ्रष्ट कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा — ‘पहले मर्लेना थीं, अब सिंह हो गईं, आतिशी ने तो बाप बदल लिया’. यह उनका चरित्र है.”

बिधूड़ी आतिशी द्वारा अपना सरनेम बदलने का ज़िक्र कर रहे थे.

आम आदमी पार्टी नेता पर बिधूड़ी की टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.

AAP नेता अरविंद केजरीवाल ने एक एक्स पोस्ट में लिखा, “भाजपा नेताओं ने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी हैं. भाजपा नेता दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी जी को गाली दे रहे हैं. दिल्ली की जनता एक महिला मुख्यमंत्री का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी. दिल्ली की सभी महिलाएं इसका बदला लेंगी.”

कांग्रेस और AAP नेताओं अलका लांबा और संजय सिंह ने बिधूड़ी और भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि यह महिला विरोधी और लैंगिक भेदभाव वाली टिप्पणी है.

इस बार बिधूड़ी ने माफी नहीं मांगी. हालांकि, एक समाचार चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि नेताओं को अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन बयानबाजी तो हमेशा से होती रही है.”


यह भी पढ़ें: 2019 में वोट शेयर बढ़ने के बावजूद ममता के बंगाल में एक करोड़ सदस्य जोड़ने में BJP की क्या हैं मुश्किलें


भाजपा इसे कैसे देखती है

भले ही बिधूड़ी की टिप्पणियों ने पार्टी के भीतर बेचैनी पैदा कर दी हो और उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने फटकार लगाई हो, लेकिन पार्टी ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.

भाजपा के भीतर एक वर्ग चाहता है कि पार्टी कार्रवाई करे और उनकी उम्मीदवारी रद्द करे क्योंकि अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो महिला मतदाता पार्टी से ‘अलग-थलग’ महसूस कर सकती हैं, लेकिन अन्य लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी टिप्पणियों के लिए पहले ही माफी मांग ली है और “वैसे भी चुनावों के दौरान बहुत सारी अनुचित टिप्पणियां की जाती हैं”.

दिल्ली भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा, “देखिए केजरीवाल ने पूरे पूर्वांचली समुदाय को फर्ज़ी मतदाता कहकर कैसे अपमानित किया है. क्या उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जानी चाहिए? चुनावों के दौरान ऐसे विवाद होते रहते हैं.”

भाजपा के सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने बिधूड़ी से लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाने पर ध्यान केंद्रित करने और कोई भी विवादास्पद टिप्पणी करने से बचने के लिए कहा है जो महत्वपूर्ण दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले उसके अभियान को पटरी से उतार सकती है. खासकर इसलिए क्योंकि पार्टी को ‘महिला मतदाताओं का अधिक समर्थन’ हासिल करने की उम्मीद है.

कांग्रेस और आप दोनों ने बिधूड़ी और भाजपा की उनके “महिला विरोधी” और “लिंगभेदी” टिप्पणियों के लिए आलोचना की है.

पार्टी के एक नेता ने कहा, “बिधूड़ी एक लोकप्रिय गुज्जर चेहरा हैं और हमेशा जनता के संपर्क में रहे हैं. उन्हें यह टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी और उन्होंने माफी मांग ली है और यहां तक ​​कि यह भी बताया है कि इस तरह की टिप्पणी लालू यादव ने की थी. क्षेत्र के लोग उनके काम को जानते हैं और वह सिर्फ इस टिप्पणी के आधार पर उनका भाग्य तय नहीं करेंगे.”

वापसी का चुनाव

बिधूड़ी तुगलकाबाद में रहने वाले एक प्रभावशाली परिवार से आते हैं और उन्होंने बतौर छात्र नेता अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. आरएसएस की छात्र शाखा ABVP से उनका जुड़ाव 1983 में शुरू हुआ, जब वे दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज में बीकॉम की पढ़ाई कर रहे थे. उन्होंने 1993 और 1998 में भाजपा के टिकट पर तुगलकाबाद से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों बार हार गए. 2003 में उन्होंने पहली बार उसी सीट से जीत दर्ज की. उन्होंने 2008 और 2013 में भी जीत हासिल की.

2014 में उन्हें दक्षिण दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा का टिकट मिला और उन्होंने AAP के देवेंद्र सहरावत को हराया. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने AAP के राघव चड्ढा को हराया, जो अब पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं.

यह बिधूड़ी के लिए एक तरह से वापसी करने वाला चुनाव है और कुछ भड़काऊ बयान देकर उन्होंने सुर्खियां बटोरी हैं. यह उस क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने का एक हताश प्रयास हो सकता है, जो उस दौर में उनकी पार्टी के लिए सूखा रहा है, जब राष्ट्रीय स्तर पर चुनावों में उनका दबदबा रहा है.

(व्यक्त किए गए विचार निजी हैं)

(इस न्यूज़मेकर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: कांग्रेस अपने कैंपेन में CM शीला दीक्षित को शामिल करने में इतनी हिचकिचाहट क्यों दिखा रही है


 

share & View comments