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Thursday, 25 April, 2024
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चीन के अमीरों को आर्ट पसंद है, पर वे इसे CCP से छिपाते हैं; यह उनका डर्टी सीक्रेट है

शी जिनपिंग के एक दशक लंबे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ने आर्ट्स ऑक्शन के प्रति दुनिया के गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति वालों के लिए आकर्षक बना दिया है.

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चीन में संभ्रांत लोग लंबे समय से आर्ट, पेंटिंग्स और प्राचीन कीमती वस्तुएं खरीद रहे हैं ताकि वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से अपनी संपत्ति को छिपा सकें और साथ ही साथ देश के शक्तिशाली और उच्च सामाजिक स्थिति वाले लोगों में शुमार होने का दावा कर सकें. हालांकि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ने शुरू में नीलामी की बिक्री को धीमा कर दिया था, लेकिन हांगकांग में उन्हें भारी सफलता मिली है. लंदन से हांगकांग तक ऑक्शन हाउसे के प्रसार के कारण समकालीन आर्ट और प्राचीन कीमती वस्तुएं धन छिपाने के लोकप्रिय रास्ते बन गए. 2012 में, चीन की बढ़ती संपत्ति दुनिया भर में स्पष्ट हो गई क्योंकि चीनी आभिजात्य वर्ग माडर्न आर्ट और प्राचीन कीमती वस्तुओं को खरीदने के लिए यूरोपीय देशों की राजधानियों में आने लगे.

2021 में, चीनी अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बावजूद, चीन के मेनलैंड में आर्ट्स के ऑक्शन की बिक्री 5.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो वैश्विक बिक्री का 79 प्रतिशत है. हालांकि यह आंकड़ा 2012 में चीनी ऑक्शन सेल से कम है, जब बिक्री 8.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी. चीन में मॉडर्न आर्ट और दुर्लभ वस्तुओं (rare objects) की मांग मजबूत बनी हुई है.

चीन का स्वर्ण युग

2000 के दशक तक शी जिनपिंग के सत्ता संभालने से पहले हू जिंताओ के समय में चीनी राजनेताओं के लिए एक सुनहरा युग था, जो अपनी संपत्ति छुपाने के लिए महंगे आर्ट्स पर पैसा खर्च करते थे. फिर 2012 में, शी ने पिछले दशक की ज्यादतियों पर अंकुश लगाने के लिए एक जोरदार भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया. लेकिन इसका उल्टा असर पड़ा और इस अभियान ने आर्ट्स के ऑक्शन को दुनिया को उन लोगों के लिए और अधिक आकर्षक बना दिया है जो गलत तरीके से कमाए गए धन को छिपाना चाहते हैं.

मैं पिछले साल लंदन में था, जहां मेरी मुलाकात कला के इतिहास का अध्ययन करने वाले चीनी मेनलैंड के छात्रों से हुई, जिनकी रुचि इसमें भ्रष्टाचार की खामियों को दूर करने के शी के अभियान के कारण हुई थी. इन छात्रों के साथ बातचीत के माध्यम से, मुझे चीन में फल-फूल रहे आर्ट सीन और धनी राजनेताओं के साथ इसके कनेक्शन के बारे में पता चला, जो कि छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रहा था ताकि उनके लिए बड़ी आर्ट गैलरी या ऑक्शन हाउस खोलने का रास्ता बन सके. आजकल, चीनी छात्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अध्ययन करने के लिए न केवल इंपीरियल कॉलेज लंदन में आते हैं, बल्कि लंदन के वर्नोन स्क्वॉयर में कोर्टौल्ड इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट में भी देखे जा सकते हैं.

जैसे-जैसे सत्ता हू जिंताओ से शी जिनपिंग के हाथ में आई, वैसे-वैसे सीसीपी आभिजात्य वर्ग से कनेक्शन के कारण अमीर बने चीनी संपन्न लोग जिन्हें “रॉबर बैरन्स (Robber Barons)” कहा जाता है, वे दुनिया भर में अपनी संपत्ति को ठिकाने लगाने की कोशिश करने लगे. उन्होंने महंगे आर्ट्स खरीदने और अपना नाम गुप्त बनाए रखने के लिए बिचौलियों को नियुक्त किया, जिन्हें आमतौर पर “व्हाइट ग्ल्व्स (white gloves)” के रूप में जाना जाता है. प्रसिद्ध ऑक्शन हाउस, सोथबी और क्रिस्टी ने गोपनीयता का एक ऐसा आवरण या जामा पेश किया, जिसमें विशिष्ट कलाकृतियों और प्राचीन कीमती वस्तुओं के असली मालिकों के नाम छुपा के रखे जाते थे. चीन के अमीरों ने अंतिम मालिक की ओर से संपत्ति रखने के लिए शेल कंपनियों और बिचौलियों का इस्तेमाल किया, जो सीधे तौर पर कलाकृति या रियल एस्टेट से जुड़े रहना नहीं पसंद करते थे.

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उदाहरण के लिए, 2014 में सोथबी में 62 मिलियन डॉलर में बेची गई विन्सेंट वैन गॉग पेंटिंग को आधिकारिक तौर पर हांगकांग स्थित एक चीनी फिल्म निर्माता वांग झोंगजुन द्वारा खरीदा गया था. लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच से पता चला कि इस पेंटिंग के असली मालिक शियो जियानहुआ नाम के एक चीनी अरबपति थे, जो सीसीपी के साथ अपने गहरे संबंधों के लिए जाने जाते हैं. तब से वांग और वैन गॉग पेंटिंग दोनों गायब हैं, जबकि 2017 में हांगकांग के एक होटल से अपहरण के बाद शियो पर 2022 में “अवैध रूप से सार्वजनिक संपत्ति को जमा करने” का आरोप लगाया गया.

चीनी नेताओं और बिजनेस टाइकून ने हांगकांग में अपनी संपत्ति जमा करने का विकल्प चुना है, जहां से वे राजनीतिक माहौल के आधार पर अपने अरबों डॉलर को दुनिया भर में ट्रांसफर कर सकते हैं. शी के सहयोगियों को हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के दमन की कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि उनकी संपत्ति शहर के विशेष लॉकरों में सुरक्षित थी.

नव धनाढ्य लोग

अपनी पुस्तक रेड रूलेट में, लेखक डेसमंड शुम ने बताया है कि कैसे उन्होंने और उनकी पत्नी व्हिटनी डुआन ने अपने धन की सुरक्षा के लिए कलाकृतियों का उपयोग किया. शम लिखते हैं, “कीमतें दस गुना बढ़ गईं, और किसी ने हमें पेंटिंग के लिए जितना हमनें भुगतान किया था उसके दस गुने से अधिक की पेशकश की. लेकिन हमने वास्तव में लाभ कमाने के लिए इन चीजों को नहीं खरीदा था. हमने उन्हें एक अलमारी के आकार की प्राचीन तिजोरी में बंद कर दिया, जिसे मैंने ऑस्ट्रिया से खरीदा था,”

2000 के मध्य में चीनी अरबपतियों के बीच दुर्लभ पेंटिंग्स रखने की लड़ाई आज भी जारी है क्योंकि शी के सहयोगी बिग बॉस का ध्यान आकर्षित किए बिना कला में अपनी संपत्ति जमा करना चाहते हैं. ऑक्शन हाउसों पर उनके द्वारा बेची जाने वाली प्राचीन वस्तुओं और कलाकृति के असली मालिकों की पहचान छुपाने की सख्त कोशिश की जाती है.

पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की स्थापना के बाद से कला और प्राचीन कीमती वस्तुएं लंबे समय से चीनी आभिजात्य वर्ग के लिए शासन कला के उपकरण के रूप में काम करते रहे हैं. 1960 के दशक में, बीजिंग ने राज्य के स्वामित्व वाली पुरावशेषों की दुकानें खोलीं, जो जनता से वस्तुएं एकत्र करती थीं और उन्हें फॉरेन रिज़र्व अर्जित करने के लिए पश्चिमी विजिटर्स को बेचती थीं. वह समय था जब चीन अपने रिज़र्व को बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहा था. प्रीमियर झोउ एनलाई ने इन दुकानों को दुर्लभ चीनी पुरावशेषों पर उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए अपने संग्रह बेचने का निर्देश दिया.

आज भी, आर्ट ऑक्शन्स और चीनी नौकरशाही के बीच संबंध खोजना मुश्किल नहीं है. चीन का सबसे बड़ा ऑक्शन हाउस, पॉली ऑक्शन, चाइना पॉली ग्रुप के स्वामित्व में है, जो 1992 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा स्थापित एक विशाल राज्य-स्वामित्व वाला समूह है. पॉली ऑक्शन और हांगकांग स्थित एक अन्य ऑक्शन हाउस, चाइना गार्डियन हांगकांग में फल-फूल रही आर्ट ऑक्शन के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए सक्रिय रूप से यूरोप से ज्यादा समकालीन आर्ट वर्क की मांग कर रहे हैं. तीन प्रमुख ग्लोबल ऑक्शन हाउस क्रिस्टी, सोथबी और फिलिप्स भी हांगकांग में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं.

जबकि शी जिनपिंग ने चीनी अरबपति पार्टी के प्रसार को रोकने वाले व्यक्ति के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की है, उनके नेतृत्व में, राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों ने निजी व्यवसायों के क्षेत्र पर अतिक्रमण किया है, जिससे अति-धनी व्यक्तियों की एक नई पीढ़ी तैयार हुई है. आर्ट ऑक्शन और भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा अपनी संपत्ति छिपाने की अनजान दुनिया शी के शासन में गायब नहीं हुई है, बल्कि बदल गई है.

(लेखक, एक स्तंभकार और स्वतंत्र पत्रकार हैं. वह पहले बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में चायना मीडिया जर्नलिस्ट थे. वह वर्तमान में ताइपे में स्थित MOFA ताइवान फेलो हैं और उनका ट्विटर हैंडल @aadilbrar है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.)

(संपादन: शिव पाण्डेय)
(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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