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Thursday, 25 April, 2024
होममत-विमतकुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी का टूटना क्या टीम इंडिया को पड़ रहा है भारी

कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी का टूटना क्या टीम इंडिया को पड़ रहा है भारी

2017 से लेकर 2019 तक टीम इंडिया को जिन दो गेंदबाजों ने जबरदस्त कामयाबी दिलाई. इन दो गेंदबाजों ने एक जैसी काबिलियत होने के बाद भी विश्व क्रिकेट के बड़े-बड़े बल्लेबाजों को चौंकाया.

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मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के खिलाफ पहले वनडे में सिर्फ 256 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. पहले 10 ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने बिना विकेट खोए 84 रन बनाए लिए थे. 11वां ओवर लेकर कुलदीप यादव आए. पहले ओवर में उन्होंने सिर्फ 3 रन दिए. दो बार ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को ‘बीट’ किया. अगले ओवर में रवींद्र जडेजा ने मोर्चा संभाला. उनके पहले ही ओवर में 7 रन गए. इसमें वॉर्नर का एक छक्का भी शामिल है. टीवी सेट्स पर मैच देख रहे करोडों क्रिकेट फैंस को सबसे पहले इस मैच में युजवेंद्र चहल की कमी महसूस हुई. युजवेंद्र चहल होते तो निश्चित तौर पर वो विकेट के दूसरे छोर पर भी बल्लेबाजों को काबू में रखते. इन दोनों गेंदबाजों की खूबी भी यही थी. कुलदीप के 10 ओवर और चहल के 10 ओवर यानी 20 ओवर की 120 गेंद. 300 गेंद में से 120 गेंद तक अगर विरोधी टीम के बल्लेबाज काबू में रखे जाएं तो उनसे गलती का होना स्वाभाविक है. आखिरकार टीम इंडिया के पांच गेंदबाज मिलकर ऑस्ट्रेलिया के एक भी बल्लेबाज को आउट नहीं कर पाए. ऑस्ट्रेलिया ने 74 गेंद पहले ही 10 विकेट के बड़े अंतर से ये जीत हासिल कर ली. अब ये सवाल फिर गर्मा रहा है कि विराट कोहली कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को प्लेइंग 11 में एक साथ मौका क्यों नहीं दे रहे हैं.

सिर्फ एक मैच की नाकामी और विराट ने लिया यू-टर्न

2017 से लेकर 2019 तक टीम इंडिया को जिन दो गेंदबाजों ने जबरदस्त कामयाबी दिलाई. इन दो गेंदबाजों ने एक जैसी काबिलियत होने के बाद भी विश्व क्रिकेट के बड़े-बड़े बल्लेबाजों को चौंकाया. इन दोनों गेंदबाजों में ऐसा शानदार तालमेल था कि इन्हें ‘कुलचा’ कहा जाने लगा. ‘कुल’ यानी कुलदीप यादव और ‘चा’ यानी युजवेंद्र चहल. ये जोड़ी एक के बाद एक कमाल करती चली गई. यहां तक की 2019 विश्व कप से पहले ऐसी चर्चा भी जोरों पर थी कि इन दोनों गेंदबाजों की बदौलत ही भारतीय टीम विश्व कप पर कब्जा करने जा रही है. लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ लीग मैच में इन दोनों गेंदबाजों की पिटाई क्या हुई विराट कोहली का विश्वास डगमगा गया, जो विराट कोहली बार-बार एक बात कहते थे कि वो इन दोनों गेंदबाजों से विकेट चाहते हैं. वो जानते हैं कि बीच बीच में ये दोनों गेंदबाज किसी मैच में महंगे भी साबित होंगे लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं.


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विराट कोहली के ये सारे बयान इस मैच के बाद सच्चाई से दूर होते चले गए. उन्होंने इस करिश्माई जोड़ी को तोड़ दिया. आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि इंग्लैंड के खिलाफ उस मैच में युजवेंद्र चहल ने 10 ओवर में 88 रन दिए थे. उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था. कुलदीप यादव भी इस मैच में 10 ओवर में 72 रन देकर 1 विकेट ही ले पाए थे. इसका नतीजा ये हुआ था कि इंग्लैंड ने वो मैच 31 रनों से जीत लिया था. इसके बाद पूरे विश्व कप में विराट कोहली ने इन दोनों गेंदबाजों को एक साथ प्लेइंग 11 में मौका नहीं दिया. विराट भूल गए कि 1 जनवरी 2017 से लेकर इस मैच के पहले तक कुलदीप यादव ने 50 मैचों में 92 विकेट लिए थे. इसी अवधि में युजवेंद्र चहल ने 44 मैच में 76 विकेट लिए थे. यानि इन दोनों गेंदबाजों ने डेढ़ साल में करीब पौने दो सौ विकेट लिए थे. लेकिन ये आंकड़े विराट कोहली भूल गए.

इसी कमी के चलते अश्विन की हुई थी छुट्टी

रन रोकने में तो आर अश्विन और रवींद्र जडेजा भी ज्यादातर मैचों में कामयाब ही रहते थे. लेकिन बीच के ओवरों में उन्हें विकेट नहीं मिलते थे. यही वजह थी कि 2017 के बीच में विराट कोहली ने आर अश्विन को वनडे टीम से बाहर कर दिया. जून 2017 के बाद से वो टीम इंडिया के लिए वनडे मैच नहीं खेले हैं. जडेजा भी बीच में काफी समय तक टीम से बाहर रहे. वो तो विराट कोहली को लोवर मिडिल ऑर्डर में एक बल्लेबाज और खिलाने का लालच आया और उन्होंने ‘कुलचा’ की जोड़ी को तोड़ने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई. सवाल ये है कि अगर उन्हें निचले क्रम में बल्लेबाजी करने और रन रोकने वाला स्पिन गेंदबाज ही चाहिए था तो अश्विन को प्लेइंग 11 में रखने में क्या हर्ज है?

(शिवेंद्र कुमार सिंह खेल पत्रकार हैं. पिछले करीब दो दशक में उन्होंने विश्व कप से लेकर ओलंपिक तक कवर किया है. फिलहाल स्वतंत्र लेखन करते हैं.)

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