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Friday, 26 April, 2024
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बीसीसीआई अध्यक्ष बनते ही गांगुली को विराट ने कौन सी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है

नए नए शहरों में टेस्ट मैच कराने के पीछे बीसीसीआई की कोशिश थी कि छोटे शहरों में भी क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़े.

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भारतीय टीम रांची टेस्ट मैच में जीत के बाद मैदान से बाहर निकल रही थी. भारत ने दक्षिण अफ्रीका को तीसरे टेस्ट मैच में बड़े अंतर से हराया था. इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने के लिए मैदान में कुछ मुट्ठी भर दर्शक मौजूद थे. स्कवायर बाउंड्री के पीछे का हिस्सा तो पूरी तरह खाली था. विराट अपने साथी खिलाड़ियों का अभिवादन कर रहे थे. ड्रेसिंग रूम तक पहुंचने से पहले उन्होंने मैदान में मौजूद फैंस का अभिवादन भी किया. लेकिन कहीं ना कहीं उनके दिमाग में ये बात आई कि भारत की इस ऐतिहासिक जीत को देखने के लिए महज मुट्ठी भर लोग स्टेडियम पहुंचे थे. लगता है कि ये बात उन्हें अच्छी नहीं लगी. लिहाजा पहली फुर्सत में उन्होंने बीसीसीआई के नए अध्यक्ष सौरव गांगुली के सामने एक बड़ा प्रस्ताव रख दिया.

सौरव गांगुली के अधिकारिक तौर पर बीसीसीआई अध्यक्ष बनने में अब सिर्फ कुछ घंटों का समय बाकी है. इसी जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार सौरव गांगुली को विराट कोहली ने बड़ा काम दे दिया है. विराट कोहली ने बीसीसीआई के सामने प्रस्ताव रख दिया है कि टेस्ट मैच का आयोजन बड़े शहरों में ही होना चाहिए. इसके पीछे की बड़ी वजह थी मैदान में आने वाले फैंस की कमी. आपको बता दें कि मुबंई और चेन्नई जैसे भारत के परंपरागत टेस्ट शहरों में पिछले करीब तीन साल से कोई टेस्ट मैच नहीं खेला गया है.

सिर्फ पांच शहरों में खेले जाएं टेस्ट मैच

रांची टेस्ट में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को पारी और 202 रनों के बड़े अंतर से हराया है. 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में ये भारत की तीसरी जीत थी. यानी ‘व्हाइटवॉश’. ये पहला मौका है जब भारत ने दक्षिण अफ्रीका का ‘व्हाइटवॉश’ किया. इस जीत के साथ ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की प्वाइंट टेबल में भारत की स्थिति और मजबूत हो गई है. भारतीय टीम प्वाइंट टेबल में 240 अंकों के साथ पहले पायदान पर है.


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जीत के बाद विराट कोहली ने एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत में टेस्ट क्रिकेट सिर्फ पांच शहरों में खेला जाना चाहिए. उन्होंने इन पांच शहरों का नाम नहीं लिया. लेकिन ये बात उन्होंने इसी सवाल के जवाब में कही कि क्या भारत में टेस्ट क्रिकेट कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, दिल्ली और बेंगलुरू जैसे बड़े शहरों में ही कराया जाना चाहिए. आपको बता दें कि फिलहाल भारत में करीब एक दर्जन टेस्ट सेंटर हैं. जहां रोटेशन पॉलिसी के आधार पर टेस्ट मैचों का आयोजन किया जाता है.

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के मैच विशाखापत्तनम, पुणे और रांची में खेले गए. इन तीनों ही शहरों में सिर्फ दूसरी बार टेस्ट मैच का आयोजन किया गया था. इन तीनों ही शहरों में स्टेडियम में आने वाले फैंस की तादाद कम थी. भारत में ऐसे करीब एक दर्जन शहर हैं जहां टेस्ट मैच आयोजित तो किए जाते हैं लेकिन वहां दर्शकों की संख्या ना के बराबर होती है. विराट कोहली का तर्क है कि क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाने के इरादे से छोटे शहरों में मैच कराना तो ठीक है लेकिन ऐसे शहरों में वनडे और टी-20 मैचों का आयोजन किया जाना चाहिए ना कि टेस्ट मैच का.

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इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में है यही प्रचलन

विदेशों में भी यही ट्रेंड है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड जैसे देशों में भी सभी शहरों में टेस्ट मैच नहीं खेले जाते. इंग्लैंड में लॉर्ड्स, ओवल, बर्मिंघम, मैनचेस्टर, लीड्स और नॉटिंघम में टेस्ट मैच खेले जाते हैं. ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न, सिडनी, एडिलेड, ब्रिसबेन, पर्थ और होबार्ट में टेस्ट मैच खेला जाता है. दक्षिण अफ्रीका में भी यही रवायत है. असल कहानी क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाने की है.


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नए नए शहरों में टेस्ट मैच कराने के पीछे बीसीसीआई की कोशिश थी कि छोटे शहरों में भी क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़े. इसीलिए बोर्ड की टूअर एंड फिक्सचर कमेटी ने बाकयदा इसके लिए पॉलिसी बनाई और अब उसी पॉलिसी के हिसाब से शहरों को चुना जाता है. लेकिन सारी परेशानी इस बात की है कि क्या लगभग खाली स्टेडियमों में खेलना खिलाड़ियों को गंवारा है. रांची में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऐतिहासिक जीत के बाद विराट कोहली ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी है उससे लगता नहीं कि वो इस मामले को दोबारा नहीं उठाएंगे.

(शिवेंद्र कुमार सिंह खेल पत्रकार हैं. पिछले करीब दो दशक में उन्होंने विश्व कप से लेकर ओलंपिक तक कवर किया है. फिलहाल स्वतंत्र लेखन करते हैं.)

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