कांग्रेस के मेनिफेस्टो का उद्देश्य पूंजी सृजन के साथ-साथ लोकहितकारी नीति का समायोजन करना है. पर यथार्थ में, ये दिखाता है कि यूपीए-3, यूपीए-1 के समान होगा. ये नेश्नल एडवायज़री काउंसिल सरीखे संविधान के दायरे के बाहर रहने वाले नीति निर्माताओं और सिविल सोसाइटी के लोगों का नीति निर्माण में दखल का संकेत भी देता है. ये वो मॉडल है जिसने पहले भी बढ़त को बाधित किया है.
बनिहाल दिखाता है कि पुलवामा से कोई सीख नहीं ली गई, इस पर बस राजनीति हो रहीे है
सीआरपीएफ के काफिले पर बनिहाल का हमला दिखाता है कि पुलवामा हमले से भारतीय सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियों ने कुछ सीख नहीं ली है. पुलवामा हमले से राजनीतिक पार्टियों में खींचतान चल रही है, लेकिन इस तरह की बार-बार होने वाली चूक के लिए ज़िम्मेदारी तय करना ज़रूरी है. अन्यथा, घटना घट जाती और सेनाएं बनिहाल की तरह हर जगह भाग्यशाली नहीं हो सकती है.
चुनाव आयोग को वोट के लिए धर्म का इस्तेमाल करने के खिलाफ मोदी और साथियों को आगाह करने कि ज़रूरत है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘हिंदू गुस्से’ के रूप में धर्म का इस्तेमाल वोट मांगने के लिए कर, एक सीमा रेखा लांघी है. प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए धर्म का प्रयोग करते देखना बहुत ही पीड़ादायक है. चुनाव आयोग को इस मामले में तत्काल मोदी और भाजपा नेताओं को चेतावनी देने की ज़रूरत है.