भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को उनके पार्टी के सदस्यों की संख्या का अंदाज़ा नहीं है वो कभी 9 करोड़ तो कभी 8 करोड़ बता रहे है. जबकि 2015 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या 11 करोड़ बतायी गयी थी.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कम से कम दो से तीन करोड़ सदस्य गायब हो गए है यह बात 8 और 9 सितंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के भाषणों से प्रतीत होती है.
शनिवार को शाह ने कहा कि 8 करोड़ बीजेपी सदस्य है, लेकिन अगले दिन उन्होंने अपने भाषण में 9 करोड़ सदस्य का ज़िक्र किया ,जबकि लोकसभा चुनाव से पहले 22 करोड़ परिवारों तक पहुंचने की कोशिश पर ज़ोर दिया.
मार्च 2015 में बीजेपी ने दावा किया था कि वह 8.8 करोड़ सदस्यों को जोड़कर कर दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना को काफी पीछे छोड़ चुकी है.
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उसी वर्ष जुलाई में शाह ने कहा था कि पार्टी के 11 करोड़ सदस्यों को राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनाया जाएगा.
इस महीने की शुरुआत में बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष विजया रहातकर ने यह कहते हुए उद्धृत किया था कि भाजपा के 12 करोड़ सदस्य है जिनमें 3 करोड़ महिलाएं है.
अप्रैल में पार्टी के नेता अली मोहम्मद मीर ने श्रीनगर में कहा था कि बीजेपी 14 करोड़ सदस्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है .
तो भारत की सत्ताधारी पार्टी की असल ताकत क्या है?
बीजेपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कुल नामांकित सदस्यों की संख्या 11 करोड़ थी, जिनमें से 2 करोड़ सदस्यों का अभी तक “सत्यापन नहीं हुआ” हैं. उन्होंने शाह के 8 करोड़ के आंकड़े को “जुबानी गलती” करार दिया .
संख्याओं पर उलझन
शाह समेत भाजपा के सभी नेताओं में स्पष्ट रूप से आकड़ो को लेकर भ्रम की स्थिति है. शाह समेत कई नेता अलग-अलग संख्या बताते रहें है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवम्बर 2014 में ऑनलाइन मेम्बरशिप के लिए सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी. मोबाइल नंबर डायल करके आप पहले सदस्य बन सकते थे.
बाद के महीनों में सत्ताधारी पार्टी में खूब खुशिया मनाई गयी क्योंकि यह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गयी .
शाह इसे अपनी कामयाबी के रूप में देखते है क्योंकि वह विभिन्न मंचों पर नामांकन संख्या
दोहराते रहते है.
जबकि चुनावी जीत को मोदी के करिश्माई अपील के रूप में दर्शाया जाता है, शाह को संगठन मज़बूत करने और इसे ‘फाइटिंग मशीन’ का रूप देने की प्रसिद्धि अर्जित की हैं.
अधिक भ्रमित संकेत
केवल सदस्यता संख्या ही नहीं थी जिसने बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों को भ्रमित कर दिया.
शनिवार को कई प्रतिनिधि केरल बाढ़ राहत कार्यों के बारे में बात करते रहे थे , शाह ने हस्तक्षेप किया और कहा कि बीजेपी “एनजीओ नहीं” है कि हर किसी को केवल एक मुद्दे की रट लगाना चाहिए.
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बैठक में उपस्थित एक नेता ने भरोसा दिलाते हुए कहा की प्रतिनिधियों को अन्य विषयों पर भी बात करनी चाहिए. रविवार को, प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधियों से कहा कि उन्हें लोगों तक पहुंचने के लिए “सामाजिक सेवा” पर अधिक ध्यान देना चाहिए.
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