कोरोनावायरस को हराने में पूरी दुनिया एकजुट दिखाई दे रही है. टीके को लेकर जहां दुनिया के कई देशों में जहां टेस्ट शुरू किए जा चुके हैं वहीं कोरोना संक्रमण है या नहीं इसे लेकर रोज कई देश नए और सस्ते किट तैयार करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में अमेरिका की एक कंपनी ने नया एंटीजन टेस्ट विकसित किया है. यह दूसरी मौजूदा किटों से काफी अलग है और इसके परिणाम 85 फीसदी तक सही आ रहे हैं. सोमवार को अपने #cuttheclutter में दिप्रिंट के एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता ने इस पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, ‘अभी जो कोरोनावायरस का टेस्ट किया जा रहा है उसे आरटीपीसीआर टेस्ट कहते हैं जो नाक, हलक और मुंह से बलगम निकालकर टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट का परिणाम आने में 24 घंटे का समय लग जाता है, और महंगा टेस्ट होता है. पूरी दुनिया में खोज चल रही थी कि ऐसा टेस्ट किट बनाया जाए जो जल्दी से जल्दी इसके परिणाम को बताए.’
वह आगे बताते हैं, ‘एंटीबॉडी टेस्ट भी आया था जो सही परिणाम देता है. लेकिन एंटीजन शरीर में वायरस के प्रवेश के साथ ही सुगबुगाहट ले आता है जिसकी वजह से तुरंत आपको पता चल जाता है कि आपके शरीर में कोरोनावायरस प्रवेश कर चुका है.’
‘एंटीजन टेस्ट एक अमेरिकी कंपनी ने इसका आविष्कार किया है, जो महज पांच मिनट में इसका रिजल्ट दे देता है. एंटीजन 85 फीसदी एक्यूरेट टेस्ट है. अमेरिका में इस टेस्ट की कीमत पांच डॉलर है लेकिन फिर भी यह आरटीपीसीआर टेस्ट से कई मायनों में सस्ता है. आरटीपीसीआर 24 घंटे में परिणाम देता है वहीं एंटीजन टेस्ट पांच मिनट में नतीजे देता है.’
भारत में तेजी से टेस्ट करना होगा
चूंकि अब जब लॉकडाउन खुलने की स्थिति में बड़े स्तर पर टेस्ट किए जाने की जरूरत है, और यह माना जा रहा है कि यह टेस्ट गेम चेंजर साबित होने जा रहा है. अमेरिका में एंटीजन के इस टेस्ट को पास कर दिया गया है.
सीटीसी में यह भी बताया कि यदि अर्थव्यवस्था को शुरू करना है तो इस टेस्ट को भारत में शुरू करना होगा. वहीं श्रोताओं ने भी इसमें प्लाज्मा से जुड़े कई सवाल किए. बता दें कि अगर जान बचानी है तो एंटीजन टेस्ट को भारत में तेजी से लाना होगा और टेस्ट करना होगा.
अमेरिका ने एंटीजन टेस्ट को पास कर दिया है, यह न केवल पांच मिनट में कोविड-19 संक्रमण का परिणाम देता है बल्कि यह पहले से चले आ रहे आरटीपीसीआर टेस्ट से काफी सस्ता भी है. अगर देश की अर्थव्यवस्था को चलाना है तो इस टेस्ट को पहले लॉकडाउन के बाद ही ट्रेन, हवाई जहाज और इंडस्ट्री को शुरू किए जाने की जरूरत थी.