मुझे ऐसा शक है कि मेरी जिंदगी में जो परेशानियाँ आईं उसकी एक वजह शेरू की संतान मोटू भी हो सकता है। लेकिन, मोटू घर में रहने वाले कुत्तों में से नहीं है।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के तख्ता पलट के लिए , कारगिल युद्ध और बुगती तथा लाल मस्जिद पर विवाद और हार जैसी कई चीजों को जिम्मेदार ठहराया गया है। लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि इमरान खान की वर्तमान समस्याएं भी मुशर्रफ से कुछ मिलती जुलती हैं।
जनरल का तो पाकिस्तान से नामो निशां मिट गया लेकिन उसकी विरासत का कुछ हिस्सा इमरान खान को भी मिल गया है।
इस लेख के प्रयोजन के लिए, मैं केवल उन लोगों का उल्लेख करूँगा जिनको पार्टी के नेता द्वारा घोषित किया गया है।
मुशर्रफ द्वारा की गई दो रचनाएं –जहाँगीर तरीन, जो अब इमरान खान का एक अयोग्य दायां हाँथ है और अभी भी पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ के महासचिव के रूप में काम कर रहा है,इसी को 29 अप्रैल को लाहौर में होने वाली एक पार्टी समारोह के लिए धन का प्रबंध करने की जिम्मेदारी दी गई है। अगला विशाल संपत्ति का मालिक रहीम खान है, जो डर रहा कि अयोग्यता की पंक्ति में अगली बारी उसी की है।
लेकिन दोनों में से कोई भी एक कुत्ते “शेरू” की जितनी सुर्खियाँ नहीं समेट पाए।
मुझे बताया गया कि मुशर्रफ ने अपने कुत्तों के संग्रह की जिम्मेदारी एयर मार्शल असगर खान के सुरक्षित हाँथों में सौंप दी थी, जो कि एक राजनीतिक दल तहरीक-ए-इस्तिकलाल का नेता है। उनमें से एक कुत्ता इमरान खान को भी दिया गया था।
मैं 2013 में शेरू से मिली। मुझे याद है कि जल्द ही वह कुत्ता मुझसे घुलमिल गया था। लेकिन इसके बाद जल्द ही उसकी मौत हो गई थी।
जब मैं बन्नीगाला हाउस में गई, तो अपने साथ एक और सुंदर कुत्ता मैक्सिमस को लेकर गई, इसके बाद अन्य कुत्तों को नजर अंदाज करने में इमरान को ज्यादा समय नहीं लगा, इसके साथ ही अकेले मैक्सिमस को इमरान के साथ बेडरूम में सोने की इजाजत मिल गई।
जब मैंने इमरान को छोड़ दिया, तो मैं मैक्सिमस को भी अपने साथ ले आई
तो अब यह कुत्ता है कौन जिसने इमरान के वैवाहिक जीवन में संकट उत्पन्न कर दिया है और अब पाकिस्तान भर में इस कुत्ते की चर्चा हो रही है।
इमरान सुन्दर कुत्तों को पसंद करते हैं। एक कुत्ता जिसे मैंने उन्हें अपने पास रखने के लिए जोर दिया था, जिसे वह पिदू के नाम से बुलाते थे, वह भी उनका पसंदीदा नहीं था, क्योंकि जन्म से उसके कान कटे हुए थे।
मैंने उसको बचाने और सेवा करने की भरपूर कोशिश की लेकिन मुझे लगता था कि जरूर ही एक दिन वह मर जाएगा।मैं और इमरान डिनर से वापस आ रहे थे, अपनी आदत के मुताबिक इमरान गाड़ी तेजी से चला रहे थे कि अचानक मैंने अंधेरे में किसी कुत्ते की चिल्लाने की आवाज सुनी। पता चला कि इमरान की गाड़ी उस कुत्ते पर चढ़ गई।
मैं चुपचाप अपने कमरे में चली गई, कुत्ते से बोलने या देखने के बारे में मैं बहुत घबराई हुई थी। आश्चर्य की बात तो यह थी कि कुत्ता इस हादसे में थोड़ी सी चोट के बाद बच निकला लेकिन इमरान ने इस घटना के बाद उसे घर से निकाल दिया। शेरू से पहले एक और खूबसूरत कोचि कुत्ता निर्जलीकरण (डिहाइड्रेसन) से मर गया था, क्योंकि इमरान एक यात्रा पर थे और कुत्ते का ध्यान रखना भूल गए थे।
कुछ लोग शेरू पर चुटकुले बाजी करने लगे और कहा कि शायद यह कुत्ता कुत्ते की प्रजाति का नहीं था।मुझे लगता है कि यह शेरू की सन्तान मोटू हो सकता है, जो अशांति फैला सकता है। लेकिन, मोटू को घर में रहना पसंद नहीं था।
इमरान के पसंदीदा पीटीआई उम्मीदवार’जर्तज गुल’ द्वारा इस कुत्ते को घर में लाया जा सकता था। जर्तज गुल बहुत ही भावुक प्रकार के व्यक्ति थे। लेकिन उस संयोजन के बाद वह एक पहचानी वंशावली का नहीं था, कुत्ता बे-नाम बना रहा। जब इमरान के आस-पास कोई कुत्ता न होता तो वह सीटी बजाकर उस कुत्ते को बुलाते थे और कुत्तों के नाम की लंबी चौड़ी लिस्ट में से जो नाम याद आता उस नाम से उसको पुकार सकते थे।
इमरान के द्वारा लिये जाने वाले नाम में मोटू या पिदू या भालू हो सकता था किसी से भी उसको कुछ उपहार मिल सकते थे। चलो खैर, भगवान शेरू की आत्मा को शांति दे।
रेहम खान एक पत्रकार, बाल अधिकार कार्यकर्ताऔर पाकिस्तान में एकल अभिभावक हैं।कुत्तों के बारे में पूरी कहानी लेखक की आगामी पुस्तक रेहम खान नामक पुस्तक में प्रकाशित की गई हैं।