दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने दिन के सबसे अच्छे कार्टून
आज के फीचर कार्टून में मंजुल ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘अब्बा जान’ टिप्पणी के विवाद पर ध्यान आकर्षित किया है. राज्य के चुनावों से पहले के महीनों में, सीएम ने कहा था कि ‘अब्बा जान’ कहने वालों ने ही सारा राशन पचा लिया- योगी ने पिछली समाजवादी पार्टी सरकार और पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मतदाता आधार बनाने वाले अल्पसंख्यक समुदाय पर दोहरा हमला बोला. उन्होंने कहा कि ‘विकास’ यानी विकास 2017 के चुनाव तक सभी के बजाय केवल एक विशेष समुदाय के लिए उपलब्ध था.
भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों के परिवर्तन पर आर प्रसाद दर्शते हैं – पिछले छह महीनों में पांच सीएम बदले गए. ज्यादातर पूर्व मुयमंत्री ने कहा है कि पार्टी आलकमान की यह पिक-एंड-ड्रॉप रणनीति नई प्रतिभाओं को नए मौके देने की ‘भाजपा परंपरा’ का हिस्सा है.
आलोक अनंता , कर्नाटक विधायक श्रीमंत बालासाहेब पटेल की हाल ही की खबरों पर, जिन्होंने दावा किया कि उन्हें 2019 में भाजपा में शामिल होने के लिए धन दिया गया था. बाद में पाटिल ने अपने बयान से इनकार करने के लिए यू-टर्न लिया. पाटिल उन 17 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन छोड़ दिया, जिसके कारण सरकार गिर गई और भाजपा बीएस यदीपुरप्पा के तहत सत्ता में आ गई.
संदीप अध्वर्यु ने भाजपा शासित राज्यों में हो रहे सीएम परिवर्तनों पर भी ध्यान आकर्षित किया, यह बताते हुए कि भाजपा की बढ़ती हुई हाई कमांड संस्कृति के संकेत थे, जो कि अब तक कांग्रेस से जुड़ा रही है.
केरल के एक प्रभावशाली कैथोलिक बिशप के विवाद को लेकर ई.पी. उन्नी ने दर्शाया है कि कि जिसमें बिशप ने आरोप लगाया कि “नारकोटिक्स जिहाद” ने राज्य के अन्य धर्मों के युवकों को खतरे में डाल दिया है. इस टिप्पणी को लेकर भाजपा ने बिशप के सुरक्षा की मांग की है और कांग्रेस ने राज्य से विभिन्न सामुदायिक नेताओं से बातचीत करने को कहा है.
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