दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर्ड कार्टून में मंजुल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के खुद को विपक्षी दलों के एक राष्ट्रीय नेता के तौर पर पेश करने की कोशिशों को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं और इसके साथ ही ममता
संकेत दे रही हैं कि उनमें ऐसे कई ‘गुण’ हैं जो पीएम नरेंद्र मोदी में गुजरात के मुख्यमंत्री होने के समय थे.
साजिथ कुमार कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर टिप्पणी कर रहे हैं क्योंकि अब जब ममता बनर्जी बीजेपी विरोधी दलों का चेहरा बनने की कोशिश कर रही हैं तब वो अपनी पार्टी को उसकी मुश्किलों से बाहर निकालने में कथित असफल रहे हैं.
आर प्रसाद ने अपना कार्टून ममता बनर्जी द्वारा लगातार कांग्रेस और गांधी परिवार की आलोचना करने पर बनाया है. नवंबर में तृणमूल प्रमुख अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान मीडिया पर भड़क गईं थीं जब उनसे से सवाल किया गया था कि क्या वह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिली थीं? इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि यह ‘संविधान में अनिवार्य‘ नहीं है.
ई.पी. उन्नी बीजेपी द्वारा कृषि कानूनों को ‘तुरंत’ रद्द करने की वजह से उस पर तंज कस रहे हैं क्योंकि किसानों ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों पर अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही है.
संदीप अध्वर्यु, पराग अग्रवाल के ट्विटर के नए सीईओ बनने और सिलिकॉन वैली पर हावी होने वाले भारतीय मूल के सीईओ पर रोशनी डाल रहे हैं. इसके जरिए अध्वर्यु भारत से हो रहे ‘प्रतिभा पलायन’ पर टिप्पणी कर रहे हैं और कम जीडीपी को इसका परिणाम बता रहे हैं.
कीर्तीश भट्ट अपने कार्टून में उत्तर प्रदेश सरकार के उस तर्क की आलोचना कर रहे हैं जो उसने सुप्रीम कोर्ट को दिया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का कारण पाकिस्तान से आने वाली जहरीली हवा है. उन्होंन अपने कार्टून में एक पदाधिकारी को दिखाया है जो मीडिया को सुझाव दे रहा है कि भारत के पश्चिमी पड़ोसी देश, जहां महंगाई बहुत ज्यादा है उसे यहां बढ़ती कीमतों लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए.
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