दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर्ड कार्टून में सजिथ कुमार उत्तर प्रदेश में भारत और रूस के बीच AK-203 राइफल्स बनाने की डील को नागालैंड में मारे गए नागरिकों से जोड़ कर देख रहे हैं.
मंजुल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान की आलोचना कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा कि नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों ने ‘गलत पहचान’ के कारण नागरिकों की हत्या की.
आर प्रसाद नागालैंड हिंसा और 2015 में हुए मणिपुर हमले को समानांतर रूप से दिखा रहे हैं जिसमें असम राइफल्स के जवानों ने भारत-म्यांमार बॉर्डर पर 50 से अधिक विद्रोहियों को मार दिया था.
ईपी उन्नी नागालैंड हिंसा में जान गंवाने वाले नागरिकों के लिए शोक व्यक्त कर रहे हैं.
आलोक निरंतर, नरेंद्र मोदी सरकार की उस बात पर चुटकी ले रहे हैं जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की कि 2017 से 6 लाख से ज्यादा भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी है.
नाला पोनप्पा, 06 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षगांठ के मौके पर मथुरा में सुरक्षा कड़ी किए जाने की रिपोर्ट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
कीर्तिश भट्ट यूपी में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी पर टिप्पणी कर रहे हैं जिन्होंने हाल ही में सनातन धर्म अपना लिया है. कीर्तिश ने अपने कार्टून में एक शख्स को दिखाया है जो अपने साथी से पूछ रहा है कि क्या धर्म परिवर्तन करने पर किसी को जाति में वाइल्ड कार्ड एंट्री मिलती है.
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