दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है.
द एशियन एज में गोकुल गोपालकृष्णन उत्तर प्रदेश में ख़राब कानून व्यवस्था की स्थिति पर तंज करते है. शनिवार को, लखनऊ में एक यूपी पुलिस कांस्टेबल द्वारा ऐप्पल कर्मचारी को कथित रूप से मार दिया गया था.कांस्टेबल द्वारा उसको रोके जाने पर वो रुका नहीं तो मार दिया गया.
मंजुल ऐप्पल कर्मचारी की भयानक हत्या को हाईलाइट करने के लिए बंदूक की नली का चित्रण करते है.
मीका अज़ीज़ ने एनकाउंटर ‘रूल बुक ‘ को दर्शाया है जिसके द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल काम करते नज़र आ रहे है.
इकोनॉमिक टाइम्स में, आर.प्रसाद ने लखनऊ हत्या के मामलें के बाद यूपी पुलिस अधिकारियों की तुलना गुंडों से की है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया में संदीप अध्वर्यु ने दर्शाया कि कैसे लखनऊ हत्या के मामले में यूपी पुलिस ने खुद के मुँह पर तमाचा मारा है.
सतीश आचार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के नेतृत्व के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान मिलने और 2022 तक भारत में प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने के वादे पर जश्न मनाते है.
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा समलैंगिकता और व्यभिचार कानून के वैधीकरण पर नाला पोनप्पा ने बदलते भारतीय समाज को दर्शाया है.
सुप्रीम कोर्ट के सबरीमाला मंदिर के फैसले को ध्यान में रखते हुए, हेमंत मोरपारिया ने सुझाव दिया है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश केवल सबसे “शक्तिशाली” है.
Read in English : Uttar Pradesh police ‘rulebook’, and the real lords in India