दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के प्रदर्शित कार्टून में, ई.पी. उन्नी बताते हैं कि कैसे यूक्रेन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सैन्य कार्रवाइयों ने राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से एक अंडरडॉग (हारा हुआ) हीरो बना दिया है, पूर्व कॉमिक जिन्होंने टीवी शो ‘सर्वेंट ऑफ द पीपल’ में वास्तविक रूप से चुनाव जीतने से पहले राज्य के प्रमुख की भूमिका निभाई थी.
संदीप अध्वर्यु ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट की हालिया टिप्पणी का मजाक उड़ाया, जिसमें कहा गया था कि एक मुस्कान के साथ पारित आपत्तिजनक टिप्पणी ‘अभद्र भाषा’ नहीं होती है. कार्टूनिस्ट मुहम्मद अली जिन्ना को महात्मा गांधी पर मुस्कुराते हुए चित्रित करता है.
आलोक निरंतर श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट को दिखाते हैं, बताते हैं कि अधिक कर्ज की ओर दौड़ना दिवालिएपन जितना ही बुरा है.
कीर्तीश भट्ट बताते हैं कि इस वर्ष के ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाले लोगों में रुचि रखने वाले थोड़े लोग ही हैं, क्योंकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार विजेता विल स्मिथ के कॉमिक क्रिस रॉक को थप्पड़ मारने के नाटक को ज्यादा तवज्जो मिल रही.
साजिथ कुमार ईंधन की बढ़ती कीमतों पर टिप्पणी करते हैं, जबकि वैश्विक तेल की कीमतें गिर रही हैं, और यह भारत के मध्यम वर्ग को कैसे प्रभावित कर रहा है.
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