दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
फर्स्टपोस्ट में मंजुल, सिन्हा के द्वारा झारखण्ड में हत्याओं के आठ अभियुक्तों को माला पहनाने के मामलें पर तंज करते हैं, जो उनके पोर्टफोलियो के साथ मंत्री के विवादास्पद फैसले को जोड़ते हैं – नागरिक उड्डयन मंत्रालय(इनमें से कुछ हासिल करें … यह आपकी और सहयोगी की माला पहनाने में मदद करेगा -जिनको आप साथ देखना नहीं चाहते हैं)
द इंडियन एक्सप्रेस में इ.पी.उन्नी उसी विषय को लगातार उठाते हुए जिसमें जयंत सिन्हा की भूमिका को दिखते है.(झारखंड में लिंचिंग के अभियुक्त जमानत पर है और दिखाया गया है की अभियुक्त एक छोटा सा सफर मंत्री जी की गाड़ी पर कर लें)
(मंत्री बिहार जेल में दंगों के आरोपियों से मिले )
राजनेता, विशेष रूप से सत्तारूढ़ पार्टी से कथित अपराधियों के लिए एक पूर्वाग्रह है। जयंत सिन्हा के कार्यों पर विवाद अभी ख़त्म ही नहीं हुआ था उसके बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को बिहार के नवादा जेल में कई दंगा-आरोपी का समर्थन कर दिया।
कार्टूनिस्ट इरफान ने जेडी (यू) के नेता नीतीश कुमार के 2019 के आम चुनावों से पहले सहयोगी बीजेपी के साथ सीट साझा करने के सौदे का मज़ाक बनाया है । 12 जुलाई को पटना में एक संभावित बैठक में नीतीश कुमार और अमित शाह के बीच सीट साझा करने के समझौते पर चर्चा हो सकती हैं।
मेल टुडे में कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य, आम आदमी पार्टी के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी आम आदमी पार्टी (आप ) के नेता अरविंद केजरीवाल और दिल्ली एल-जी अनिल बैजल के बीच लगातार सत्ता युद्ध को दर्शाते हैं। शनिवार को, केजरीवाल ने सुझाव दिया कि राजधानी में शासन के भ्रम को हल करने के लिए एल-जी को उच्चतम न्यायालय के 4 जुलाई प्रस्ताव पर जाना चाहिए।
(भारत ने टी-20 सीरीज में हराकर इंग्लैंड को हराकर बाहर को रास्ता दिखा दिया )
संकेत जैक ने भारत-इंग्लैंड की टी -20 सीरीज़ में भारत की जीत पर अपना रुख दिखाया हैं और उन्होंने ‘नारे’ पर तंज किया हैं की फुटबॉल विश्व कप में इंग्लैंड लगातार आगे बढ़ रहा हैं – यह घर आ रहा है।
हेमंत मोरपारिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मोदी सरकार की भागीदारी का मज़ाक उड़ाते हैं । मोरपारिया ने ईरान से तेल आयात पर संयुक्त राष्ट्र या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पर भारत रियायतें दिलाने की मोदी की अक्षमता पर तंज करते हैं ।
(उसको बोल दो की उसके लिए कोई रियायत ईरान ,रूस या सुरक्षा परिषद सीट नहीं हैं … उसके बदले उसको नाटो की सदस्यता से निकल दो)
Read in English : A garlanding gone too far and the AAP-LG fiasco